Sandeep Maheshwari vs Vivek Bindra Controversy Explained | Business Model Frauds
(00:00) संदीप महेश्वरी विवेक बिंद्र youtube2 स्पेस के दो बड़े नाम एक ने पहले बिजनेस किया फिर youtube1 बिजनेस मॉडल की है एमएलएम मल्टीलेवल मार्केटिंग जो कि इंडिया में काफी सालों से चलता आ रहा है लेकिन क्या ये मॉडल गलत है या इसको गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया इस वीडियो में जानने की कोशिश करेंगे कि ये बिजनेस मॉडल आखिर है क्या ये कंट्रोवर्सी में इसका इस्तेमाल कैसे हो रहा है और साथ में इससे आप लोग क्या सीख सकते हैं हैं लेट्स गेट स्टार्टेड 12 दिसंबर 2023 संदीप महेश्वरी के चैनल पे एक वीडियो आता है जिसमें संदीप महेश्वरी तीन लोगों से बात कर रहे हैं
(00:37) जिन्होंने एक कोर्स को खरीदने के लिए करीब 30-35 से लेक करीब 0000 की रकम अदा की थी और ये एक बिजनेस कोर्स था जहां पे उनको कहा गया था कि आप ये कोर्स सीखेंगे तो आपको बिजनेस करना आ जाएगा आप नॉर्मल दुनिया में बहुत सारा पैसा कमा पाएंगे मतलब कुछ तरीके के ड्रीम्स दिखाए गए थे लेकिन जब उन्होंने कोर्स कंप्लीट किया तो पता लगा कि उनको कुछ खास सीखने को मिला नहीं और जब उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे तो उनको कहा कि आप एक काम कीजिए जो कोर्स हमने आपको बेचा है वो आप आगे बेच बचिए जितने लोगों को आप बेचेंगे उसमें आपका एक कमीशन रहेगा वो कमीशन आप ले सकते हैं और
(01:05) अपना पैसा रिकवर कर सकते हैं यह बात इनको थोड़ी अटपटी लगी और किसी ना किसी तरीके से ये शो में यह बात डिटेल तरीके से डिस्कस की गई इस वीडियो में एक इंटरेस्टिंग बात थी इसमें किसी का नाम नहीं लिया गया कि किसका कोर्स है और ये लोग किनके विक्टिम्स हैं लेकिन बैक ड्रॉप में कुछ ऐसी चीजें हुई जैसे कि विवेक बिंद्रा का अपने एंप्लॉयज को संदीप महेश्वर के घर पे भेजना साथ में एक लीगल नोटिस भेजना वीडियो को टेक डाउन रिक्वेस्ट करना ऐसे बहुत सारे इवेंट्स हुए हैं जिसके चक्कर में फाइनली संदीप महेशवरी ने एक कम्युनिटी पोस्ट किया और इंटरेस्टिंग बात अगेन आती है कि कुछ ही
(01:33) घंटों के बाद विवेक बिंद्रा भी एक्सेप्ट कर रहे हैं वो सारी चीजें और उनका भी एक कम्युनिटी पोस्ट आता है मतलब इन ए सेंस व्हाट एवर इज गोइंग ऑन विवेक बिंद्रा इज द पर्सन जिसके बारे में यह कंट्रोवर्शियल बात हो रही है दैट हैज बीन प्रूवल अब इस सारे मैटर का एक्चुअल कोर क्या है रीजन क्या है वो है एमएलएम मल्टी लेवल मार्केटिंग जो कि एक बिजनेस मॉडल है सामान प्रोडक्ट सर्विसेस बेचने का एक तरीका जोकि अमेरिकन कंपनीज पहले अपने देश में फिर दुनिया के अलग देशों में इंडिया में बेच रही हैं और इंडिया की बहुत सारी खुद की कंपनीज भी हैं जो कि एमएलए मार्केटिंग का
(02:01) सहारा लेती है तरीका सिंपल है मल्टीलेवल मार्केटिंग मतलब यहां पे अलग-अलग लेवल बनाए जाते हैं मार्केटिंग करने के लिए ये लोगों के नेटवर्क होते हैं इसमें बेचने वाला भी इस नेटवर्क का पार्ट होता है खरीदने वाला भी इस नेटवर्क का पार्ट फॉर एग्जांपल एमवे 1997 98 में अमेरिका की ये कंपनी इंडिया में आती है और एमएलएम के तरीके से ही इंडिया में अपने प्रोडक्ट्स को बेचती है जो कि बाथरूम के कॉस्मेटिक के हेल्थ प्रोडक्ट होते हैं इनफैक्ट सन 2000 में एमवे ने अपनी मल्टीलेवल मार्केटिंग के लिए मुझे भी अप्रोच किया था थोड़ा बिजनेस स्टडी करने के बाद मैंने मना कर दिया बट
(02:27) मोस्ट लाइक एमवे ने बहुत सारे लोगों को रीच आउट किया हो और काफी लोग इस नेटवर्क का हिस्सा थे जिनको ये अपने एमएलएम का हिस्सा बनाते थे उनको आईबीओ बोलते थे इंडिपेंडेंट बिजनेस ओनर लेकिन आज की तारीख में ईडी इनके पीछे पड़ चुकी है मनी लरिंग के केस लग चुके हैं और ये इंडिया में ऑपरेशंस नहीं कर पा रही हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि एमएलएम एक फ्रॉड तरीका है बिजनेस करने का इसमें बहुत सारे एग्जांपल्स हैं जहां पे कंपनी ने सक्सेस पाई है उनके इंडिपेंडेंट ओनर्स ने भी पैसा कमाया है लेकिन एमएलएम के इस बिजनेस मॉडल में एक कमी होती है जिसको भी इस
(02:55) नेटवर्किंग का हिस्सा बनाया जाता है ज्यादातर केसेस में उसका बैकग्राउंड चेक नहीं किया जाता अंडरस्टैंडिंग चेक नहीं की जाती कि बिजनेस करने की उसको समझ है या नहीं अनलाइक मेन स्ट्रीम बिजनेस में जहां पे जिसको भी हायर किया जाता है जो सेलिंग करता है आगे प्रोडक्ट्स की उसके अच्छी तरीके से वैलिडेशन की जाती है चेक किया जाता है इंटरव्यू लिए जाते हैं और अगर वो कैंडिडेट ठीक लगता है तभी उसको कंपनी का हिस्सा बनाया जाता है एमएलएम के केस में सिंस सामने से ही पैसा आने वाला है जिसने भी एमएलएम का हिस्सा बनना है उसको वैलिडेट करने की जरूरत नहीं समझी जाती अबी संदीप
(03:23) महेश्वरी और विवेक बिंदरा के केस में मोर और लेस सिमिलर चीज सामने आ रही है जहां पे उस वीडियो के अनुसार विवेक बिंदरा ₹5000000 ले के करीब ₹10 लाख के कोर्स बेचते हैं और जहां पे कहा जाता है कि आपको बिजनेस की मास्टरिंग सिखाई जाएगी समझाया जाएगा कि किस तरीके से आप अपना बिजनेस चला सकते हैं पैसा कमा सकते हैं एक तरीके से जैसे कि पहले बताया ड्रीम्स दिखाए जाते हैं मेरा एक सिंपल सवाल है जो भी लोग इस कोर्स को बाय करते हैं क्या उनको वैलिडेट किया जाता है चेक किया जाता है कि वो इस कोर्स को बाय करके सीखने के लायक हुए हैं या नहीं
(03:49) अगर सीखने के लायक हैं ही नहीं तो उस केस में उनको वो कोर्स बेचा ही नहीं जाना चाहिए क्योंकि आप सबको एक ही चीज सिखा रहे हैं विदाउट अंडरस्टैंडिंग कि एक्चुअल में उनका बैकग्राउंड क्या है फॉर एग्जांपल विवेक बिंदरा ने अपने ने कम्युनिटी पोस्ट में बताया है कि वो एक 10 डे प्रोग्राम लेके आ रहे हैं एंटरप्रेन्योर ग्रेजुएशन प्रोग्राम है जो मैंने भी किया है 2012 से 14 तक और मैंने बाहर जाके किया था उसके लिए मुझे जी मैट प्रिपेयर करना पड़ा था 6 महीने प्रिपरेशन लगा था उसके बाद स्कोर आया था टेस्ट दिया था इंटरव्यू हुआ था फिर जाके कॉलेज ने
(04:20) जाके सेलेक्ट किया कि आप हां इतना फीस दे दीजिए लेकिन अब आप लायक हैं इस कॉलेज में आने के लिए मतलब मेरा एक क्रॉस चेक किया गया था वैलिडेशन की गई थी कि मैं खुद एलिजिबल हूं या नहीं इस पर्टिकुलर एमबीए को करने के लिए अगर 10 डे एमबीए प्रोग्राम एंटरप्रेन्र्दे कि आज की तारीख में मैं कितना समझदार हूं कितनी अंडरस्टैंडिंग है क्या मुझे बेसिक सीखना है उन सब चीजों को मद्देनजर नहीं रखा जाता हां अगर मुझसे पूछा जाता कि मुझे क्या सीखना है कहां से शुरू करना चाहता हूं बेसिक से या स्पेसिफिक लेवल पे तो मेरे लिए पर्सनलाइज प्रोग्राम क्रिएट किया
(05:01) गया है जहां पर मेरे को अंडरस्टैंडिंग है मुझे बताया गया है ये ये सब सिखाया जाएगा फिर मुझसे फीस ली गई है ये फिर भी ठीक लगेगा लेकिन अगर एक ही चीज सबको ही बराबर से ही बेची जाएगी तो उस केस में इट्स अ सेंसलेस वे ऑफ सेलिंग और जो ये लोग कोर्सेस को बाय कर रहे हैं अपना मेहनत से कमाया हुआ पैसा लगा रहे हैं अपने ब्याज पे लोन ले रहे हैं घर वालों से पैसा ले रहे हैं कहीं ना कहीं से पैसे का जुगाड़ कर रहे हैं उन लोगों को भी ये समझने की जरूरत है कि आपको इन्फ्लुएंस र्स या सेलिब्रिटीज कल्चर से बाहर आना होगा लोगों की शक्ल या कहने के ऊपर विश्वास नहीं करना होगा कल को
(05:28) मैं भी कुछ बोलता हूं आपको मेरे पे भी विश्वास नहीं करना है आपको वेरीफाई करना है कि जो भी चीज बताई जा रही है वो आपके काम की है या नहीं उसके बेस पे ही आपको परचेसिंग डिसीजन लेना है जिस तरह से आप स्कूल कॉलेज या किसी भी चीज का या मोबाइल खरीदने पहले भी आप वेरीफाई करते हैं कि वो आपके काम का है या नहीं सेम सेम लॉजिक आप लॉजिक हां लॉजिक लगाना है लॉजिक नहीं लगाते हम ज्यादातर केसेस में हम इमोशनल होके फैसला ले लेते हैं जो कि इन तरह के केसेस में आपको नहीं करना चाहिए क्योंकि अब पता नहीं कि इनको पैसा वापस मिलेगा या नहीं क्योंकि एक तरीके से उन्होंने भी खुद
(05:57) आके पैसा दिया था लेकिन ये 35000 से लेकर 10 लाख वाले लोग किस तरीके से अपना पैसा किसी के हाथ में थमा देते हैं दिस इज बियोंड द अंडरस्टैंडिंग ऑफ एनीबडी अब संदीप महेश्वरी विवेक बिंद्रा का कंट्रोवर्सी कहां जाता है वी डोंट नो लेकिन जितना भी इन चीजों से सीखा जा सकता है और नॉर्मल लाइफ में लगाया जा सकता है हमारा काम है उस चीज को आप तक पहुंचाना ताकि आप जब भी कोई फैसला ले यह सीन ये जो 5 सेकंड 10 सेकंड हम बात कर रहे हैं पूरा वीडियो याद ना रहे लेकिन ये 1015 सेकंड जहां पे लॉजिक लगाने की बात की जा रही है वो बात आपको याद रहे अभी के लिए इतना ही
(06:25) अगले वीडियो में जल्दी मिलेंगे इसको देखने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया
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