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अयोध्या राम मंदिर – आखिर राम हनुमान आ ही गए! Amazing Facts About Ayodhya Ram Mandir

भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बसा राम मंदिर एक ऐसा मंदिर जहां पे एक सुई के नोख इने लोहे का भी यूज नहीं किया गया है एक ऐसा मंदिर जहां पे अंटार्टिका के बर्फ के पानी का इस्तेमाल किया गया है एक ऐसा मंदिर जिसके नीव में अयोध्या की शुद्ध मिट्टी तो है ही ऑफकोर्स उसके साथ-साथ एक नहीं 100 नहीं हजार नहीं बल्कि 2 587 अलग-अलग जगहों की मिट्टी मौजूद है ये सिर्फ एक मंदिर नहीं करोड़ों लोगों के दिल में बसा हजारों साल पुराना आस्था है जो कि एक मंदिर के रूप में है बिल्डिंग के मजबूती के हिसाब से यह पूरे भारत की सबसे मजबूत मंदिर है फिजिकली अयोध्या राम मंदिर

Ayodhya Ram Mandir: Finally, Ram and Hanuman Have Arrived! 🚩 Amazing Facts Revealed

(00:34) का टोटल साइट एरिया यानी कॉम्प्लेक्टेड में यह मंदिर स्थित है यह मंदिर 380 फीट लंबा है चौड़ाई 250 फीट है और ऊंचाई 161 फीट है कुल मिलाकर 392 पिलर्स हैं और 44 दरवाजे हैं ये सब तो आम बातें हो गई जो आपने सुना है अब जानते हैं कुछ अमेजिंग फैक्ट्स द एनिग्मा ऑफ ब्रिक्स यानी स्पेशल ईंट राम मंदिर के निर्माण में जितने भी ईंट का इस्तेमाल किया गया है उन हर एक ईंट पर श्रीराम लिखा हुआ है श्रीराम और उसके बाद ईंट के साल का मैन्युफैक्चर ईयर कहा जाता है कि राम सेतु बनाने वक्त भी हर एक पत्थर पर श्रीराम लिखा गया था इसी भावना को यहां भी कंटिन्यू किया गया

(01:11) है ईंट पर श्रीराम लिखा हुआ है ये तो आस्था का एंगल हो गया लेकिन इन ईंट का टेक्नोलॉजिकल एंगल भी है इस मंदिर में जितने भी ईंट का इस्तेमाल हुआ है वो रोज जो आप सामान्य ईट देखते हो वो ईट नहीं है बल्कि एक स्पेशल फार्मूले से बना ईंट है जो कि सामान्य ईट से चार से पांच गुना ज्यादा मजबूत है वो कहते हैं ना बेस्ट ऑफ ऑ टेक्नोलॉजी यानी हाईएस्ट लेवल ऑफ ब्रिक जो हमारी दुनिया में एजिस्ट करती है वो इस्तेमाल हुआ है यानी अभी के समय में जो इंसान के पास बेस्ट अवेलेबल और रियलिस्टिकली पॉसिबल टेक्नोलॉजी है उसका इस्तेमाल किया गया है इन ईंट को बनाने में

(01:42) राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल 0 पर हुआ है राम मंदिर के निर्माण में जानबूझकर लोहे का यूज नहीं किया गया है लोहे का यूज नहीं किया गया है फिर भी ये भारत का सबसे टेक्नोलॉजिकल एडवांस्ड मंदिर है इस मंदिर को ट्रेडिशनल रूप में मॉडर्न टेक्नोलॉजी से बनाया गया है ओल्ड स्टाइल में बनाया गया है क्योंकि लोगों को ओल्ड वाइव ही चाहिए था था ओल्ड डिजाइन यूजिंग द बेस्ट ऑफ टेक्नोलॉजी इस मंदिर में पिंक सैंड स्नो नामक पत्थर का यूज किया गया है जो कि राजस्थान से मंगवाया गया था इस पिंक सैंड स्टोन नामक पत्थर में फिल्ड स्पार और क्ड्स नमक दो मिनरल्स की मात्रा बहुत

(02:12) ज्यादा होती है कंफ्यूज मत हो साफ सीधा मतलब यह है कि पिंक सैंड स्टोन में इन दोनों मिनरल्स के ज्यादा होने के चलते ये धरती पर मौजूद सबसे वेदर रेजिस्टेंस और सबसे मजबूत पत्थरों में से एक बन जाते हैं बुरे से बुरे वेदर को भी यह मंदिर झेल लेगा और वेदर यानी मौसम झेलना तो कुछ भी नहीं है राम मंदिर को इस तरह से बनाया गया है कि एट मैग्निटिया है एट मैग्निटिया बनाया गया है और मजबूती ये जो आप वर्ड सुनते हो तो कैसा फीलिंग मन में आता है एकदम स्ट्रांग उस स्ट्रांगनेस का डेफिनेशन है यह मंदिर ये मंदिर इतना मजबूत है फिजिकली विश्व का आज

(02:55) तक का सबसे बड़ा भूकंप साउथ अमेरिका के चिली में आया था जिसकी तीव्रता 99.2 थी इससे बड़ा भूकंप आज तक इतिहास में नहीं आया है 99.2 तीव्रता ये हाईएस्ट है जो इंसानों ने महसूस किया है इसके आसपास का तीव्रता भी राम मंदिर सह लेगा और आर्किटेक्ट्स ने ये भी कहा है कि इस बिल्डिंग की उम्र 1000 वर्ष से भी ज्यादा है यानी 2024 में 1000 साल जोड़ दो 3024 इस साल तक यह मंदिर ऐसे ही का ऐसे ही खड़ा रहेगा और उसके बाद ही कभी रिकंस्ट्रक्शन की जरूरत पड़ेगी आपके आगे की हर एक पीढ़ी की उम्र 100 साल माने तो आपकी 10 जनरेशन पार हो चुकी होगी और मंदिर ऐसे ही का ऐसे

(03:29) ही खड़ा रहेगा दी बेस द डिवाइन पावर्स ऑफ 2587 प्लेसेस यानी 2587 अलग-अलग जगहों की दिव्यता राम मंदिर के जो बेस है यानी नीव वहां 2587 अलग-अलग पवित्र जगहों की मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है जैसे झांसी यमुनोत्री वैष्णो देवी चितौरगढ़ गोल्डन टेंपल और भी बहुत सारे नंबर पे ध्यान देना 2587 तकि सब जगह की दिव्यता एक ही जगह लोगों को मिल पाए इसके पीछे का कांसेप्ट यही था द राम मंदिर एंड अंटार्कटिका कनेक्शन राम मंदिर में जब पहली बार जल अभिषेक हुआ था अप्रैल 2023 में तो पूरे विश्व की दिव्यता पूरे विश्व का वाइव एक जगह आए इसलिए पूरे विश्व से 155 अलग-अलग

(04:11) नदियों के जल का इस्तेमाल किया गया था अमेरिका फ्रांस जर्मनी ब्रिटेन नेपाल भूटान बांग्लादेश यूक्रेन रशिया कजाकिस्तान कनाडा चाइना इन सब देशों से नदियों का जल आया था और यहां तक कि अंटार्कटिका के बर्फ का पानी भी लाया गया था कितना अमेजिंग लग रहा है नहीं जान के कि राम मंदिर और अंटार्कटिका का भी कनेक्शन है एक साथ इतने सार नदियों का पानी किसी भी मंदिर के जल अभिषेक में इतिहास में आज तक कभी इस्तेमाल नहीं किया गया था द कंपनी बिहाइंड यानी राम मंदिर बनाने वाली कंपनी राम मंदिर के कंस्ट्रक्शन के लिए कोई भी मटेरियल भारत के बाहर से नहीं मंगाई गई थी और राम मंदिर

(04:44) को एलएनटी यानी लार्सन एंड टर्बो कंपनी और टाटा ग्रुप ने मिलके बनाया है और भी बहुत सारी छोटी कंपनी साथ में है बहुत सारे लोग ये सोच रहे होंगे कि टा तो भारतीय कंपनी है लेकिन एल एनटी लार्सन एंड टर्बो ये तो बाहर की है ना ऐसा लोगों के मन में एल एनटी के फुल फॉर्म से आता है एलएनटी कंपनी को डेनमार्क देश के दो भाई हलक लार्सन और सोरन टर्बो ने बनाया था हेंस इसके नेम में दोनों का टाइटल कॉमिनेशन है लार्सन एंड टर्बो लेकिन इस कंपनी का शुरुआत 1938 में उन्होंने मुंबई में किया था सिर्फ फाउंड उन्होंने किया था कंपनी भारतीय ही थी उन

(05:18) दोनों के बाद कंपनी के टॉप ऑफिशियल भारतीय ही बने और आज तक भारतीय ही हैं इससे एक सवाल मन में आता है कि वो दोनों अपने देश डेनमार्क में ये कंपनी शुरू क्यों नहीं किए भारत में ही क्यों किए क्योंकि 1940 50 में वर्ल्ड वॉर 2 चल रहा था और वो लोग इंडिया में रह के इंडियन लोगों से ही फंडिंग लेकर बिजनेस करने का तय किए और कई भारतीय बिजनेसमैन ने उनको फंड भी किया मुंबई में और लकिली कंपनी सक्सेसफुल होने में कामयाब हो गई और यह भारतीय बिजनेसमैन के पैसों के चलते ही हो पाया नाम तो अंग्रेजी अभी तक है लसन एंड टर्बो लेकिन यह कंपनी भारतीय है मेन फैक्ट ये जानना

(05:52) चाहिए आपको यानी एलएनटी एक भारतीय मल्टीनेशनल कंपनी है और यह लगभग 50000 लोगों को जॉब प्रोवाइड करती है और इसका करंट हेड क्वार्टर्स चेन्नई में मौजूद है यह कंपनी भारत के बाहर भी काम करती है और विदेशों में भी अपना नाम बना रही है और क्योंकि राम मंदिर की कंस्ट्रक्शन में लीड कंपनी एलएनटी ही थी तो इसका असर इस कंपनी पे भी दिखा है यानी ग्रोथ एल एटी का शेयर पिछले दो सालों में ही डबल से ज्यादा हो चुका है इसके शेयर में जिन्होंने निवेश किया होगा उन्हें तो मस्त रिटर्न मिला होगा क्यों शेयर मार्केट वालों वैसे स्टॉक मार्केट वालों आपको ये ट्वीट जरूर देखना

(06:24) चाहिए निफ्टी का वन डे कैंडल चार्ट राम मंदिर की तरह बना है वैसे निफ्टी का चार्ट तो बनते रहता है लेकिन अगर आप निफ्टी 50 का ऑल टाइम देखोगे तो वो है 22124 निफ्टी का ऑल टाइम हाई 22124 डेट और चार्ट्स में भी राम मंदिर जैसा फॉर्मेशन व्हाट अ कोइंसिडेंस कंपैरिजन विद द टॉप टेंपल्स ऑफ द वर्ल्ड यानी दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों से तुलना दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया देश में है जो कि वर्ल्ड मैप के इस जगह पे मौजूद है जिसका नाम है एंकोर वाट और ये भगवान विष्णु का मंदिर है और ये इनक्रेडिबल 402 एकड़ में फैला हुआ है दुनिया का दूसरा

(07:01) सबसे बड़ा मंदिर अमेरिका वाला अक्षरधाम है जो कि न्यू जर्सी में मौजूद है और यह 183 एकड़ में फैला हुआ है थर्ड यानी तीसरे रैंक पे है श्री रंगनाथ स्वामी टेंपल जो कि तमिलनाडु में है और ये मंदिर का साइट एरिया है 155 एकड़ नंबर फोर पे है श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर जो कि अगेन तमिलनाडु में स्थित है और ये 100 एकड़ में फैला हुआ है इसके बाद आता है अयोध्या का राम मंदिर जो कि 70 एकड़ में फैला हुआ है उसके बाद आता है दिल्ली का छतरपुर मंदिर जो कि 60 एकड़ में फैला हुआ है पर दिल की रैंकिंग की बात करें तो क्योंकि राम मंदिर इतना अवेटेड था इसलिए एक्साइटमेंट के मामले में

(07:35) राम मंदिर टॉप पे है ऐसा नहीं कि मैं मंदिरों को एक दूसरे से कंपेयर कर रहा हूं मैं बस एरिया दिखा रहा था आपको क्योंकि मुझे लगा कि आपको यह पता होना चाहिए कि 4002 एकड़ में भी कंबोडिया में एक मंदिर है आपके जनरल नॉलेज के लिए द माइंड बिहाइंड द डिजाइन यानी श्री राम मंदिर के डिजाइन के पीछे का दिमाग राम मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट हैं चंद्रकांत सोमपुरा इनका परिवार लास्ट 15 पीढ़ियों से मंदिर के डिजाइन में ही काम करता आ रहा है सोमपुरा परिवार ने पूरे विश्व में 100 से भी ज्यादा मंदिरों को डिजाइन करवाया है गुजरात का सोमनाथ मंदिर भी उनमें से एक है

(08:11) और चंद्रकांत सोमपुरा ने यहां भी एक अद्भुत मंदिर बनाकर अपना कमाल दिखा दिया एक अति सुंदर डिजाइन बिल्डर्स को दिया मिथ्स अबाउट राम मंदिर यानी राम मंदिर के बारे में फैलाए गए कुछ झूठ इसके बारे में आपको पता होनी चाहिए राम मंदिर के बारे में सबसे बड़ा मिथ है टाइम कैप्सूल इंडियन मीडिया ने भर-भर के टाइम कैप्सूल के बारे में पोस्ट किया है कि राम मंदिर के 200 फीट नीचे टाइम कैप्सूल रखा हुआ है ऑफिशियल [संगीत] twittersignin.com टाइम कैप्सूल एक बॉक्स

(09:31) होता है जिसमें वो जानकारी रखी जाती है जो कि अभी के लोग चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ियों को भी पता हो क्या होता है अगर राम मंदिर के नीचे एक्चुअल में टाइम कैप्सूल रखा जाता एक ऐसा टाइम कैप्सूल जिसमें श्रीराम की कहानी और मंदिर बनने तक का सफर के बारे में सब कुछ लिखा होता टाइम कैप्सूल बनाया ही जाता है इसलिए ताकि वर्स्ट केस में भी आने वाली पीढ़ी को अभी की जानकारी मिल पाए ध्यान देना मैंने वर्स्ट केस कहा यानी सबसे बुरा कुछ हुआ तब भी इतिहास लुप्त ना हो इसके लिए टाइम कैप्सूल होता है यह दिव्य इतिहास यह दिव्य लेगासी आगे वाली जनरेशन को भी पता चले यह

(10:03) मकसद होता है अगर टाइम कैप्सूल सच में डाला जाता तो धरती पे कितना भी बड़ा डिस्ट्रक्शन क्यों ना हो जाए एटॉमिक बॉम्ब क्यों ना गिर जाए 90 पर लोग विलुप्त क्यों ना हो जाए वो टाइम कैप्सूल बॉक्स तब भी सेफ रहता है कैसे टाइम कैप्सूल जमीन के अंदर इसलिए रखा जाता है ताकि अगर न्यूक्लियर वॉर भी हो जाए यानी परमाणु युद्ध भी हो जाए तो ये कैप्सूल सुरक्षित रहे क्योंकि ये जमीन के सतह के 200 फीट या उससे दूर डाला जाता है क्या आपको पता है जितने भी लोग ये मानते हैं कि भविष्य में न्यूक्लियर वॉर होगा वो लोग आज से ही अंडरग्राउंड बंकर्स बनाना शुरू कर दिए हैं

(10:33) और आपके मन में ये सवाल आ सकता है कि न्यूक्लियर वॉर के स्थिति में जमीन के सतह से कितने फीट नीचे अगर बंकर हो तो इंसान बच जाएगा रेडिएशन उसको प्रभावित नहीं कर पाएगा कितने फीट रिसर्च ने यह बताया है कि एक सामान्य न्यूक्लियर अटैक में धरती के सतह से 150 फीट नीचे अगर आप होंगे तभी आप सेफ होंगे ट्स इंटरेस्टिंग एक मिनट लेकिन हम लोग क्या बात कर रहे हैं वैसे कहां आ गए हम लोग राम मंदिर मंदिर के बारे में बात कर रहे थे ना ये न्यूक्लियर कहां से आ गया और वैसे भी न्यूक्लियर वार्ड थोड़ी हो रहा है ये तो बहुत दूर की नेगेटिव सोच है

(11:05) इतना सोचेंगे तो थोड़ी होगा और वैसे भी श्रीराम के इतिहास को जिंदा रखने के लिए लोग ही काफी है किसी टाइम कैप्सूल की जरूरत नहीं है वैसे लेकिन टाइम कैप्सूल का जो कांसेप्ट है वो बहुत इंटरेस्टिंग है मंदिर की बात करें तो यह मंदिर इतना खूबसूरत है कि आर्ट यानी कला यह जो शब्द है यह भी शर्मा जाए राम मंदिर के वाइव के सामने श्री रामस एज यानी भगवान राम की उम्र आपने ये कई बार सुना होगा कि प्रभु श्री राम एक 11000 साल तक अयोध्या प राज किए थे कहा जाता है कि त्रेता युग में इंसान 10000 साल से भी ज्यादा जीता था लेकिन 11000 साल जीना मॉडर्न साइंस के

(11:39) हिसाब से सेंस नहीं बना रहा है है ना और राम सेतु के कार्बन डेटिंग से भी यही पता चला है कि रामायण 7000 साल पहले हुआ था तब इस 11000 साल जीने वाले बात के हिसाब से तो राम जी को आज तक होना चाहिए तो सही बात क्या है वो आपको जानना चाहिए कंफ्यूजन क्लियर करता हूं मैं असल में कहा जाता है कि जब प्रभु श्री राम 25 साल के थे तब वो वनवा माच में गए और 14 साल बाद यानी 25 प् 14 39 साल के जब वो थे तब वापस आए थे और राजा बने थे और 70 साल की उम्र में राज स्थल त्यागे थे यानी 31 साल तक राज किए थे तो 11000 साल तक राज करने वाली बात कहां

(12:16) से आई तो बात ये है कि जो राजा धर्म के मार्ग पर चलता है उनका हर एक दिन एक साल के बराबर माना जाता है जी हां कई पुरानी किताबों में आपको इस बात का जिक्र मिल जाएगा एक राजा का हर एक दिन इक्वल टू वन ईयर तो अगर 39 के उम्र से 70 तक देखोगे तो टोटल 31 साल हो रहे हैं यानी 31 * 1 साल में 365 दिन यानी 11000 साल तो इसलिए ये कहा जाता है कि श्रीराम अयोध्या को 11000 साल तक रूल किए थे ये था 11000 साल के पीछे का गहरा मतलब 11000 साल मतलब राजा का 11000 दिन साउथ कोरिया कंट्री एंड अयोध्या कनेक्शन यानी साउथ कोरिया देश और अयोध्या का कनेक्शन दक्षिण कोरिया के बहुत सारे

(12:58) लोग अयोध्या को अपना नानी घर मानते हैं नानी घर आपने सही सुना यह कैसे भला देखो रामायण तो आज से 7000 साल पहले हुआ था उसके बाद टाइम आगे बढ़ा और आज से 2000 साल पहले अयोध्या की राजकुमारी सूरी रत्ना का विवाह अयोध्या से हजारों किलोमीटर दूर करक किंगडम में हुआ था करक किंगडम यानी उस समय का साउथ कोरिया राजकुमारी सूरी रत्ना का विवाह कोरियन राजा किम सोरो से हुआ था और इनकी 12 संतानें थी और उनके 12 बच्चों के फिर आगे बच्चे हुए उसके बाद उन बच्चों के और बच्चे हुए और ऐसे ही 2000 सालों में लाखों लोग जन्म लिए कोरिया में और पूरे कोरिया का 1 पर पापुलेशन यानी 5 करोड़

(13:40) लोगों में से 5 लाख लोग आज भी यह मानते हैं कि वो सूरी रत्ना के पीढ़ के हैं दक्षिण कोरिया के 5 लाख लोग यह मानते हैं कि उनका ऐतिहासिक नानी घर अयोध्या में है और कोरियंस के नानी घर यानी अयोध्या में इनके स्वागत के लिए मेमोरियल भी बनाया गया था अयोध्या में मौजूद हेय हवान ओक मेमोरियल इस मेमोरियल का नाम हियू हंग ओक इसलिए है क्योंकि राजकुमारी सूरी रत्ना का नाम शादी के बाद हियू हंग ओक में बदल गया था और इसलिए हर साल हजारों साउथ कोरियन लोग भारत के अयोध्या आना पसंद करते हैं बोनस फैक्ट द मिस्ट्री ऑफ युग सतयुग त्रेता युग द्वापर युग कलयुग ये चार युग

(14:17) का जो उम्र होता है वो आप अपने स्क्रीन प देख सकते हो सतयुग 17 लाख सालों के लिए था त्रेता युग यानी भगवान श्री राम वाला युग 12 लाख सालों तक था द्वापर युग 8 लाख सालों तक था कलयुग 4 लाख लाख सालों तक रहेगा 5000 साल बीत चुके हैं ऑलरेडी युग का लेंथ कम होना पाप से रिलेटेड है जैसे-जैसे पाप बढ़ा युग कम होते गए लेकिन अगर लोगों के मन में आस्था बने रहे तो पाप कम रहेगा तो पॉइंट ये है कि जो लोग भगवान पे नहीं मानते जो लोग बहुत ज्यादा साइंटिफिक है तो ये जान लो कि ये पूरा सिस्टम क्यों बना हुआ है सिस्टम इसलिए बना हुआ है ताकि लोग ऑलमाइटी को माने लोगों को

(14:52) ये आभास हो कि कोई है जो उनको ऊपर से देख रहा है और उनके गलत कामों को भी देख रहा है इस कांसेप्ट से इस बात से लोगों का दिमाग शांत रहे ऑलमाइटी के प्रेजेंस में पाप और वायलेंस कम हो तभी ये धरती अच्छे से चल सकेगा धार्मिक स्थल लोगों के दिमाग को शांत करता है ज्यादातर लोग धार्मिक स्थल इसलिए जाते हैं क्योंकि उनको शांति महसूस होता है लोगों का मन पीसफुल होता है तो इनडायरेक्टली इस दुनिया को ही फायदा पहुंचता है बहुत डीप बात है इसलिए धार्मिक स्थलों का होना जरूरी है नहीं तो अगर नहीं मानेंगे उनको तो लोग तो अपना एनिमलिस्टिक कैरेक्टर में आ जाएंगे बहुत डीप बात है आई

(15:25) होप इसको आप समझ रहे होंगे तो ये था श्री राम मंदिर के बारे में कुछ अमेजिंग फैक्ट फट वीडियो को लाइक जरूर करना और वीडियो कैसा लगा नीचे कमेंट जरूर करना और ऐसी और अमेजिंग फैक्ट्स वीडियोस के लिए चैनल को सब्सक्राइब करके बेल आइकन जरूर ऑन कर लेना थैंक यू सो मच फॉर

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