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EP 8 of 100 – Business Mastery Series | By Sandeep Maheshwari | Hindi – YouTube

(00:02) अभी मैं एक बिजनेस रन कर रहा हूं विद माय पार्टनर जो है हमारा एक प्रोडक्ट है अजन पर हम सेल करते हैं तो हमें कुछ दिक्कतें आ रही है कोई भी जैसे जो ई-कॉमर्स प्लेटफार्म है कोई भी कोई नया बिजनेस स्टार्ट करता है तो मैं मेरे क्लाइंट्स भी है जो अन प स्टार्ट करते लेकिन वह बैक कर जाते बिजनेस से सिर्फ एक रीजन की वजह से कि वह अपने प्रोडक्ट में क्रिएटिविटी लिता है लेकिन उनके जो रिटर्न आते हैं अन प वो कभी उनसे डील नहीं कर पाते कि हमारे 10 प्रोडक्ट गए तीन वापस आ गए तो वो नेट ऑफ हो जाता है तो जो जो भी बिजनेसमैन है वो सोचते हैं यार मेरे तो रिटर्न ही आना है

Business-Mastery-Series-by-Sandeep Maheshwari-Episode-8

(00:38) 30 30 पर रेशो भी रहता है रिटर्न्स का तो बैक एंड कर जाते हैं तो अभी भी हमें ये दिक्कत आ रही है बट हम स्टिल हम चाह रहे हैं कि हम बैक ना करें कि इसका कोई ना कोई तो सलूशन होगा क्या प्रोडक्ट है आपका फोटो फ्रेम फोटो फ्रेम आप सेल करते हो और उसमें 30 पर रिटर्न आते हैं अभी तो हमने रेशो कम कर दिया हमने दो से हम 10 पर पे आ गए हैं पहले हमारा तो 30 था अब 10 पर पे आ गए हैं लेकिन अभी भी हमें उस रेशो को कम करना है और अभी हम थोड़ा लो प्राइस पर भी सेल कर रहे हैं फिर हम धीरे-धीरे इंक्रीज करेंगे क्योंकि अभी हमें मार्केट ग्रैब करनी है

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(01:07) तो अभी हमें जो रिटर्न्स है वो 10 पर ही है हमारा लेकिन रिटर्न्स ऐसे होते हैं कि कस्टमर के पास स्पेसिफाई रीजन नहीं होता हमारे प्रोडक्ट में कोई कमी नहीं है हमारे प्रोडक्ट रिटर्न कैसे आते है बिल्कुल पैक्ड कि कस्टमर ने खोला नहीं वापस कर दिया और कई जैसे कस्टमर कहता है कि आपका प्रोडक्ट छोटा है जो फोटो में जैसे बड़ा दिखता है कि इमेजेस होती है बड़ी दिखती है कस्टमर कहता है छोटा है लेकिन हम उसके साथ साथ स्पेसिफाई देते हैं कि ये इस साइज का रहेगा ये इंचेज है ये ये डिटेल हम सब प्रोवाइड करते हैं लेकिन कुछ कस्टमर जो होते हैं जो रीड नहीं करते वो कहते हैं

(01:37) हां देखा बाय कर लिया जब सामने और ये तो छोटा है वापस कर देते हैं इसमें दिक्कत क्या है अगर 10 पर कस्टमर रिटर्न कर रहा है तो इसमें आपको दिक्कत क्या आ रही है उसमें हमें जो फ्रेट लगता है अन की तरफ से कि कोरियर वाला बंदा हमसे यहां लेके जाएगा फिर वापस लेके आएगा तो वो हमें बेयर करना पड़ता है तो आपका मार्जिन कितना है इसमें हम तो मार्जिन का भी सोचते नहीं है कि हमारा ऑन कॉस्ट भी निकल जाए अ हम लो कस्ट पे हम सेल कर रहे हैं जब एक मार्केट ग्रैब कर लेंगे कि मंथली सेल 2 लाख 3 लाख हो रही है देन हम सोचेंगे मार्जिन के बारे में

(02:07) अभी कितनी सेल हो रही है आपकी मंथली अभी मंथली सेल से लास्ट मंथ थी मेरी 25 के 25000 की हुई है अभी आप रिसेंटली आए हो मार्के थ मंस हो ग मेरे को तीन महीने हो गए अभी आपकी 25000 की सेल शुरू हो गई है तो आप ये फोटो फ्रेम कितने का खरीदते हो और कितने का बेचते हो ये फोटो फ्रेम हमारा 250 का पढ़ता है प्लस पैकेजिंग मिलाके 300 का हो जाता है तो 300 में हमारा पैकेज रेडी टू डिलीवर हो जाता है उसके बाद हम उसको सेल करते हैं 100 का जिसमें हम जी उसमें कोई ना कोई दिक्कत तो आएगी गाड़ी चलेगी तो खराब होएगी जी ऐसे ही अगर आप ये ऑनलाइन बिजनेस में जाओगे तो रिटर्न तो

(03:06) आएगा तो प्रॉब्लम क्या है कि आप मार्जिंस को अच्छे से मैनेज नहीं कर रहे हो इस तरह की मार्केट प्लेसेस प आप सेल करते हो तो आइडली आपका जो मार्जिन है वो प्रोडक्ट की जो भी कॉस्ट है उसका चार से पांच गुना आपका प्राइस होना चाहिए उसमें सारा कुछ फैक्टर इन हो जाता है अब आप क्या गड़बड़ कर रहे हो पीछे से 300 का खरीद रहे हो जी आगे 600 का बेच रहे हो तो ये बिजनेस मॉडल कभी सक्सेसफुल हो ही नहीं सकता आपको करना क्या है अपनी इस कॉस्ट को डाउन लाना है या प्राइस को ऊपर पुश करना है इन दोनों में से एक काम को करना है रिटर्न की टेंशन नहीं लेनी है रिटर्न इ पार्ट ऑफ द गेम

(03:38) बेसिकली देखो प्रॉब्लम पता है क्या होती है मैं आपको बताता हूं कि ज्यादातर एंटरप्र के साथ में जो मैंने नोट किया है हम ऐसी जगह पर फोकस कर रहे होते हैं जहां पर फोकस करना जरूरी ही नहीं होता है बिजनेस में बिजनेस में दो जगह होती है जो सबसे इंपॉर्टेंट होती है एक होती है कॉस्ट जितने में आप एक्वायर कर रहे हो दूसरा होता है जो आपका सेलिंग प्राइस है सेलिंग प्राइस आपको मैक्सिमाइज करना होता है जहां तक जाक के सेल इफेक्ट नहीं होती है यानी वॉल्यूम इतनी नहीं गिरती है तो वहां तक आप प्राइस बढ़ा सकते हो और कॉस्ट आपको देखना है आप कितनी ऑप्टिमाइज कर सकते हो अगर उस

(04:13) प्रोडक्ट में आपको मार्जिन नहीं मिल रहा है कोई और प्रोडक्ट कर लो फोटो फ्रेम मतलब क्या मतलब एक तरह का नहीं होता है हजारों तरह के होते हैं किसी में मार्जिन ज्यादा है किसी में कम है किसी में कंपटीशन ज्यादा है किसी में कम है जी जिस मार्केट में आप ऑपरेट कर रहे हो जहां पर आप ऑपरेट कर रहे हो जिस तरह के प्रोडक्ट को आप सेल कर रहे हो आप कोई ब्रांडेड को तो सेल कर नहीं रहे हो नहीं वैसे ही ओपन एक प्रोडक्ट है जो आपने लिया कहीं से और ला करके उसको बेच दिया जी तो वहां पे तो रिटर्न आना ही है तो मुझे उस पे फोकस नहीं करना है वि उस

(04:42) पे तो फोकस करना ही नहीं है कोई सेंस ही नहीं है उस पे फोकस करने का मतलब जितना करना था आप ऑलरेडी कर चुके हो जी 30 पर रिटर्न था उसको आप 10 पर पे ले आए हो हां जी अब फोकस यहां करना है जो आप बात कर रहे हो ना कि मेरे को मार्केट बनानी है मेरे को ये करना है मेरे को वो करना है एक्चुअल में क्या करना है वो मैं आपको बता देता हूं आपको अच्छे रिव्यूज चाहिए जी और रिव्यूज की जो ओवरऑल रेटिंग है वो अच्छी चाहिए राट बस आपको सिर्फ इतना ही चाहिए अभी इस स्टेज में अगर यह हो जाता है जी तो आपका काम हो जाता है और जितनी जल्दी हो जाता है उतना अच्छा है तो इसको और फटाफट

(05:13) करने के लिए प्राइस को अभी फॉर अ टाइम बीइंग आप और भी अगर गिरा सकते हो तो गिरा दो ठीक है और फटाफट से अच्छे रिव्यूज ले लो और अच्छे रिव्यूज लेने के लिए या रिव्यूज लेने के लिए भी कोई ना कोई इंसेंटिव या कुछ ना कुछ देना पड़ता है कस्टमर को तभी वो रिव्यू देगा नहीं तो पता लगेगा 50 में से एक दो लोग रिव्यू दे रहे हैं राइट तो अभी फिलहाल आपको रिव्यूज चाहिए ओके बस यही एक गोल होना चाहिए अच्छे रिव्यूज चाहिए ज्यादा से ज्यादा चाहिए रिटर्न हो जाए कोई बात नहीं बट जिसने रिटर्न किया वो नेगेटिव रिव्यू ना कर दे या राइट सर दैट इज इंपोर्टेंट दैट इज

(05:44) रिटर्न इज नॉट इंपोर्टेंट जी रिव्यू इज इंपॉर्टेंट और रिव्यू कितनी जल्दी ले सकते हो दैट इज इंपोर्टेंट देखो ध्यान से सुनो ध्यान से समझो आई एम नॉट श्यर यह बात आप लोग समझ पाओगे या नहीं समझ पाओगे हम लोग कभी भी ना जब कोई काम करते हैं ना तो सारी कैलकुलेशन कर लेते हैं लेकिन जो असली कैलकुलेशन है वो कभी भी नहीं करते हैं अगर आप ये बिजनेस ना करो आज कहीं पर जॉब करो तो कुछ तो अमाउंट मिलेगा ना राइट सर कितना मिलेगा फॉर एग्जांपल 4 के 0000 जी प्लस आप कह रहे हो आपके कोई पार्टनर भी है जी उनका भी मान लेते हैं 40 हज तो लाख रुपए महीना

(06:18) आपकी कॉस्ट है इस बिजनेस को करने की और असली कॉस्ट वो है जी आप कॉस्ट किसको लगा रहे हो जो 10 पर रिटर्न आ रहा है उस परे सारा का सारा आपका फोकस है ओके 10 पर रिटर्न का मतलब क्या है 25000 की आपकी सेल हो रही है महीने की जी उसमें 00 का रिटर्न आ गया जी आपका सारा ध्यान 00 के ऊपर है जबकि उस 00 में एक्चुअल में जो आपकी कॉस्ट लगी वो फ्रेट की लगी यानी कि कोरियर की लगी पैकेजिंग की लगी जो प्रोडक्ट है वो तो वापस काम आ जाएगा तो आपकी कॉस्ट लगी कितनी ₹ 700 000 जी आपका ध्यान है मैं इस 000 को बचा लू मुझे 000 का नुकसान हो रहा है एक्चुअल में जो आपका नुकसान हो रहा है वो

(06:51) तो आपको दिख ही नहीं रहा है वो क्या है लाख रुप महीना जी और ये जो लाख रप महीने का नुकसान है अगर आपको एक साल तक होता है तो आपको 12 लाख का नुकसान हो गया है राइट सर चाहे रिटर्न को आपने थोड़ा बहुत कम ज्यादा भी कर लिया उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है आपको क्या चाहिए कि इस बिजनेस में एक साल बर्बाद ना हो एक महीने के अंदर या दो महीने के अंदर वो हो जाए जो आप चाहते हो यानी क्या रिव्यू आ जाए रिव्यू आएंगे जब बढ़िया से तो आप ऐड करके ऊपर अगर अपनी ऐड को प्लेस करोगे तो उसपे अगर रिव्यूज अच्छे होंगे तो कन्वर्जन होने के चांसेस बढ़ जाएंगे तो इस काम को जल्दी करना है रिटर्न

(07:24) अगर 20 30 पर भी आ जाए लेकिन रिव्यू नेगेटिव नहीं आ रहे उसकी वजह से क्या फर्क पड़ता है ओके आपका तो कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस इ ₹ लाख पर मंथ उसको क्यों नहीं देखते हो जी देखो ध्यान से समझो बिजनेस की ना स्टेजेस होती है इस पॉइंट प समझना होता है कि इस टाइम पे इस बिजनेस में सबसे इंपॉर्टेंट क्या है आपको अगर नेक्स्ट स्टेप प जाना है तो आपको अच्छे रिव्यूज चाहिए वो कब आएंगे जब जो फोटोग्राफ्स है वो प्रोडक्ट से जितनी हो सके मैच होगी इंफॉर्मेशन पूरी डिटेल में होगी राइट और जो दिख रहा होगा वैसा ही कस्टमर को मिल रहा होगा उसमें कहीं कोई गड़बड़ हो होगी

(07:59) तो नेगेटिव रिव्यू आने के चांसेस हैं तो अभी आपके माइंड में सिर्फ एक ही चीज घूमनी चाहिए रिव्यू रिव्यू राइट दैट टू मैक्सिमम नंबर ऑफ रिव्यूज इन लीस्ट पॉसिबल टाइम क्योंकि आपका लाख रुप महीना जा रहा है वहां पर राइट सर रिटर्न में आपका कोई नुकसान नहीं हो रहा है रिटर्न में तो आपको 000 लग रहा है समझ रहे हो ना मेरी कैलकुलेशंस राइट सर आपको एक्चुअल में जो पैसा लग रहा है वो है लाख रुपए महीना जो आप टाइम वेस्ट कर रहे हो आप कह रहे हो कि मेरे को यही बिजनेस करना है उसको सक्सेसफुल बनाना है क्यों अपना जॉब करो अगर यह बिजनेस कमा के नहीं दे रहा है तो

(08:31) अब कमा के कब देगा लगाओ दिमाग जब रिव्यूज आएंगे रिव्यू आएंगे तो फोकस क्या होना चाहिए सिर्फ रिव्यू रिटर्न नहीं सेल नहीं कॉस्ट नहीं सिर्फ रिव्यू सिर्फ रिव्यू तो पॉजिटिव रिव्यू ज्यादा से ज्यादा जल्दी से जल्दी कैसे आएंगे मतलब अगर आपका जो अभी प्लान है जिस स्पीड से आप ग्रो कर रहे हो अभी तक कितने रिव्यूज आए आपके पास टोटल 5 टू 10 5 टू 10 तो अगर इसको 100 करना है 200 करना है 500 करना है तो कैसे होगा हमें एक कस्टमर से रिक्वेस्ट करनी पड़ रिक्वेस्ट चलती है कुछ कस्टमर करते हैं रिव्यू भी देते हैं लेकिन कुछ हमें सेल्फ ऑर्डर भी करने पड़ते हैं हम सेल्फ ऑर्डर

(09:06) करें फिर हम रिव्यू डाले क्या मेरे ब्रदर है उन्होने राजस्थान में रहते हैं उन्होंने राजस्थान से ऑर्डर किया हमने उनसे रिव्यू डलवा दिया तो ऐसे विजिबिलिटी बढ़ती है पर इसमें हम रिस्क नहीं लेते हम चाहते कस्टमर ही हमें रिव्यू करें कस्टमर आपको क्यों रिव्यू देगा उसके पास तो टाइम ही नहीं है आप अपने ऊपर रख करके देखो किसी भी प्रोडक्ट का आप रिव्यू देते हो या नहीं देते हो क्यों देते हो या तो जब गुस्सा आता है तब देते हो जी सर कि बेवकूफ बना दिया इसको छोडूंगा नहीं तब देते हो अगर आप वो प्रोडक्ट अच्छा लगता है तो क्या रिव्यू देते हो या उस प्रोडक्ट को यूज करते हो

(09:06) करें फिर हम रिव्यू डाले क्या मेरे ब्रदर है उन्होने राजस्थान में रहते हैं उन्होंने राजस्थान से ऑर्डर किया हमने उनसे रिव्यू डलवा दिया तो ऐसे विजिबिलिटी बढ़ती है पर इसमें हम रिस्क नहीं लेते हम चाहते कस्टमर ही हमें रिव्यू करें कस्टमर आपको क्यों रिव्यू देगा उसके पास तो टाइम ही नहीं है आप अपने ऊपर रख करके देखो किसी भी प्रोडक्ट का आप रिव्यू देते हो या नहीं देते हो क्यों देते हो या तो जब गुस्सा आता है तब देते हो जी सर कि बेवकूफ बना दिया इसको छोडूंगा नहीं तब देते हो अगर आप वो प्रोडक्ट अच्छा लगता है तो क्या रिव्यू देते हो या उस प्रोडक्ट को यूज करते हो

(09:32) यूज करते हैं तो रिव्यू आप दोगे जब आपको लालच मिलेगा तो अगर आप ये कहोगे कि ये प्रोडक्ट आपको मिल गया है साथ में मान लो आप ये जो फोटो फ्रेम दे रहे हो विद फोटो दे रहे हो राइट राइट तो उसमें फोटोग्राफ्स किसकी होती है भगवान जी की गॉड्स भगवान की फोटोज होती है राइट तो अगर मान लो आपने एक भगवान की फोटो विद फोटो फ्रेम किसी को दी 00 में अब आप कहते हो कि अगर आप ये रिव्यू हमको देते हो तो साथ में जी आपको ये वाली फोटो भी मिल जाएगी फ्री ऑफ कॉस्ट तो क्या वो रिव्यू देगा या नहीं देगा देगा सर और अगर आप कहोगे कि अगर आपने रिव्यू दिया अब

(09:32) यूज करते हैं तो रिव्यू आप दोगे जब आपको लालच मिलेगा तो अगर आप ये कहोगे कि ये प्रोडक्ट आपको मिल गया है साथ में मान लो आप ये जो फोटो फ्रेम दे रहे हो विद फोटो दे रहे हो राइट राइट तो उसमें फोटोग्राफ्स किसकी होती है भगवान जी की गॉड्स भगवान की फोटोज होती है राइट तो अगर मान लो आपने एक भगवान की फोटो विद फोटो फ्रेम किसी को दी 00 में अब आप कहते हो कि अगर आप ये रिव्यू हमको देते हो तो साथ में जी आपको ये वाली फोटो भी मिल जाएगी फ्री ऑफ कॉस्ट तो क्या वो रिव्यू देगा या नहीं देगा देगा सर और अगर आप कहोगे कि अगर आपने रिव्यू दिया अब

(10:07) यहां प कुछ चीजें है जो आप कह रहे हो कुछ चीज जो नहीं कह रहे हो आप ये कह रहे हो कि आप यहां प जाकर के रिव्यू कर दो जी और हम आपको ये फोटो फ्रेम भेजेंगे आपके घर पे अब मुझे नहीं पता कि ये जो टर्म्स एंड कंडीशन है मार्केट प्लेस की उसके हिसाब से सही है या नहीं है दैट आई डोंट नो आई एम जस्ट अजूम विदाउट गेटिंग इनटू द टी ग्रिटीज कि अगर ऐसा कर सकते हैं और ऐसा आप करते हो और कस्टमर को आप क्या कह रहे हो कि अगर आप प्रीव्यू देते हो तो आपको यह और मिल जाएगा साथ में तो इसके दो मतलब हो गए एक कि आप रिटर्न नहीं करोगे क्योंकि वो चीज जो आपको
(10:39) मिलेगी वो 15 दिन बाद मिलेगी दूसरा रिव्यू पॉजिटिव होना चाहिए या बोल नहीं रहे जी लेकिन ओबवियस है ना जी कुछ चीजें है जो बोली जाती है कुछ है जो नहीं बोली जाती है या बोल नहीं रहे कस्टमर को कि आपको पॉजिटिव रिव्यू देना है आप बोल रहे हो आपको सिर्फ रिव्यू देना है आपको ऑनेस्ट रिव्यू देना है जैसे ये रिटर्न पीरियड खत्म हो जाएगा यानी कि 15 दिन का तो हम आपको एक और फोटो फ्रेम जो कि सेम नहीं है उससे मिलता जुलता है यह वाला आपको फ्री ऑफ कॉस्ट भेज देंगे अगर आप रिव्यू करते हो तो तो वो कस्टमर पॉजिटिव रिव्यू करेगा नेगेटिव क्यों करेगा नेगेटिव नहीं करेगा

(10:07) यहां प कुछ चीजें है जो आप कह रहे हो कुछ चीज जो नहीं कह रहे हो आप ये कह रहे हो कि आप यहां प जाकर के रिव्यू कर दो जी और हम आपको ये फोटो फ्रेम भेजेंगे आपके घर पे अब मुझे नहीं पता कि ये जो टर्म्स एंड कंडीशन है मार्केट प्लेस की उसके हिसाब से सही है या नहीं है दैट आई डोंट नो आई एम जस्ट अजूम विदाउट गेटिंग इनटू द टी ग्रिटीज कि अगर ऐसा कर सकते हैं और ऐसा आप करते हो और कस्टमर को आप क्या कह रहे हो कि अगर आप प्रीव्यू देते हो तो आपको यह और मिल जाएगा साथ में तो इसके दो मतलब हो गए एक कि आप रिटर्न नहीं करोगे क्योंकि वो चीज जो आपको
(10:39) मिलेगी वो 15 दिन बाद मिलेगी दूसरा रिव्यू पॉजिटिव होना चाहिए या बोल नहीं रहे जी लेकिन ओबवियस है ना जी कुछ चीजें है जो बोली जाती है कुछ है जो नहीं बोली जाती है या बोल नहीं रहे कस्टमर को कि आपको पॉजिटिव रिव्यू देना है आप बोल रहे हो आपको सिर्फ रिव्यू देना है आपको ऑनेस्ट रिव्यू देना है जैसे ये रिटर्न पीरियड खत्म हो जाएगा यानी कि 15 दिन का तो हम आपको एक और फोटो फ्रेम जो कि सेम नहीं है उससे मिलता जुलता है यह वाला आपको फ्री ऑफ कॉस्ट भेज देंगे अगर आप रिव्यू करते हो तो तो वो कस्टमर पॉजिटिव रिव्यू करेगा नेगेटिव क्यों करेगा नेगेटिव नहीं करेगा

(11:14) नहीं तो वो नहीं मिलेगा उसको जी ठीक है नंबर एक नंबर दो रिटर्न नहीं करेगा तो आपकी दोनों प्रॉब्लम्स एक झटके में सॉल्व हुई हां जी सर आपके पास रिव्यू फटाफट आए हां जी सर अभी जो 510 आपके पास आए हैं वो भी अपने ही भाई बंधुओं के आए हैं अब एक्चुअल रिव्यूज आए जी राइट को भी पता लग रहा है कि एक्चुअल क्या है और क्या नहीं है उनके पास में पूरा का पूरा एल्गोरिथम होता है वो फिगर आउट कर लेते हैं हां जी सर जब एक्चुअल में आपके पास में रिव्यूज आ गए मान लो 100 150 और एक महीने के अंदर आ गए जो वैसे आपके पास एक साल में आने वाले थे तो 11 लाख तो आपने ऑलरेडी कमा लिया
(11:45) राइट सर कैसे रिव्यू की रिव्यू से विजिबिलिटी बड़ी उससे सेल आई ग नहीं किसी को समझ आया मैंने क्या बोला है सर ये जो 12 महीने में इनके जितने रिव्यू आने वाले थे वो एक महीने में आ गए इनके पास तो इनका 11 महीने जो एक्स्ट्रा जो 11 महीने ने क ₹ लाख वो तो बच गए ना इनके एक ही महीने में उतने रिव्यू इनको मिल जा रहे हैं जो 12 महीने में पहले मिलते थे वो 11 लाख कहां से आया अमाउंट 1 लाख इनका जो बेसिक था ना अगर ये जॉब करते तो इनको मिलता एक मंथ का राइट 12 महीने में 12 लाख हुए वो राइट एक महीने में इ सारे रिव्यू मिल गए हां तो इनका एक महीने के 1 लाख अगर हम उसे हटा
(12:18) देते हैं फिर भी 11 लाख बच गए ना हमारे एगजैक्टली इन्होंने जो कहा आपको समझ आया हां जी सर क्या आया बताइए कि जो हमारी लाख की जो कॉस्ट आ रही है मंथली कॉस्ट आ रही है जो वो क्या है कॉस्ट वो है हमारे प्रोडक्ट की कॉस्ट हो अरे नहीं वो कॉस्ट आपको दिख ही नहीं रही है ना आप कैलकुलेट कर रहे हो आपकी एक्चुअल कॉस्ट वो है इसको अपॉर्चुनिटी कॉस्ट बोलते हैं जी देखो ध्यान से सुनो आपको कॉस्ट क्या दिखती है मैंने एक प्रोडक्ट खरीदा उसके लिए मैंने पैसे दिए ये मेरी कॉस्ट है कूरियर लग गया ये मेरी कॉस्ट है मार्केट प्लेस को कमीशन देना है ये मेरी कॉस्ट है रिटर्न आ गया ये
(12:47) मेरी कॉस्ट है असली कॉस्ट तो आप कैलकुलेट ही नहीं कर रहे ये सब कॉस्ट तब मायने रखती जब आपकी सेल हो रही होती महीने की 25 लाख आज आपकी सेल हो रही है महीने की 25000 जी और वैसे अगर आप जॉब करते हो आपको मिलेगा 40 500 हज और आपके पार्टनर को मिलेगा 00 हज तो लाख रप महीना आपकी वो कॉस्ट है जो आपको नजर नहीं आ रही है जो पैसा आ सकता है लेकिन नहीं आ रहा है तो आपकी एक्चुअल कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस जिसको अपॉर्चुनिटी कॉस्ट बोलते हैं वो है लाख रुप महीना यानी साल की 12 लाख राइट तो वो काम आपका जो 12 महीने में होने वाला था जो आप कह रहे थे
(13:18) ना कि मेरा बिजनेस एस्टेब्लिश हो जाए जी एस्टेब्लिश को पहले तो डिफाइन करो एस्टेब्लिश का मतलब क्या मार्केट प्लेस प कभी भी बिजनेस एस्टेब्लिश नहीं होता है इस बात को मेरी गांठ बांध लो अच्छे तरीके से आज आप बहुत करके ऊपर आए हो कल एक मिनट में नीचे भी आ सकते हो राइट सर तो कभी भी एस्टेब्लिश नहीं होता है एस्टेब्लिश का मतलब सिर्फ एक होता है कि आपका जो प्रोडक्ट है उस परे अच्छे रिव्यूज है राइट तो उसके बेस प आप ऐड रन करके मार्जिन बढ़ा के फ्यूचर में पैसा कमा सकते हो जी सर क्योंकि इस बिजनेस को मैं बहुत अच्छे से समझता हूं मेरे लिंक में कुछ लोग हैं जो
(13:50) यह कर रहे हैं तो मैं समझता हूं कि यहां पे क्या होता है यहां पे क्या होता है आज आप एकदम से पैसा आता है आपके पास में आप उछलने लग जाते हो क्योंकि एल्गोरिथम एक तरीके से काम कर रहा है उनका जी अगले महीने एल्गोरिथम एकदम से चेंज हुआ आपका जो प्रोडक्ट पहले पेज पे आ रहा था वो आ रहा है दव पेज प अब पहले पेज प आने में आपने एक साल लगाया दव पेज प जाने में 10 मिनट लगे अब आप बैठ कर के रो रहे हो कि मैं लुट गया मैं बर्बाद हो गया क्योंकि जो दिखता है वही बिकता है राइट सर जब आप एक पर्टिकुलर लेवल पर आ जाते हो तो मार्केट प्लेसेस क्या कोशिश करते हैं या
(14:26) तो आपसे एक्सक्लूसिव टाइप किया जाए कि वो प्रोडक्ट अब उनके एक ब्रांड के अंदर जाकर के बिकेगा जी उसमें आपका मार्जिन कम हो जाएगा लेकिन वॉल्यूम बढ़ जाएगा या फिर वो आपको पीछे पुश करेंगे ताकि आप ऐड चलाओ असली कमाई उनकी एडवरटाइजिंग में है अगर आप इन कंपनीज की बैलेंस शीट को पीएनएल अकाउंट को स्टडी करोगे जो करना चाहिए आइडली जो हम नहीं करते हैं मतलब ये लिस्टेड कंपनीज है तो इसकी बैलेंस शीट पीएनएल सब कुछ ओपन है पूरी दुनिया के सामने तो उसको स्टडी करो तो आपको समझ आएगा कि अगर इसकी इतनी रेवेन्यू रही है मान लो 20 बिलियन डॉलर की रेवेन्यू आ रही है तो उसमें से कितनी
(15:02) बिलियन डॉलर एडवरटाइजिंग से आ रही है और कितनी कमीशन से आ रही है तो आपको समझ आएगा अच्छा असली कमाई इनकी एडवरटाइजिंग है तो जब आपको य समझ आ रहा है तो आज नहीं तो कल आपको एडवर्टाइज करना ही पड़ेगा तो उसको सबसे पहले सोच करके चलो मतलब मान लो जो भी आपका सेलिंग प्राइस है उसका 15 पर या 20 पर तो एडवरटाइजिंग में लगेगा ही आप हज की ऐड करोगे तब जाके 5000 की सेल होगी तो 20 पर तो आपका वही लग गया और आप खेल ही रहे हो 30 पर के मार्जिन पे जी तो ये प्लेटफार्म आपके लिए है ही नहीं ये बिजनेस मॉडल आपके लिए है ही नहीं क्योंकि आपको बिजनेस ही समझ नहीं आया बट अगर इस 20 पर
(15:36) को आपने पहले ही निकाल दिया बचा 80 पर उसमें से आपने प्रोडक्ट कॉस्ट को निकाला पैकेजिंग को निकाला शिपमेंट को निकाला रिटर्न को निकाला सबको निकाल करके अगर नेट नेट 30 पर के आसपास बच रहा है तो ये बिजनेस मॉडल वायबल है लॉन्ग टर्म के पॉइंट ऑफ व्यू से तब आप इसमें टिक सकते हो तो अगर आप इन सब बातों को समझ पा रहे हो जो भी मैंने करी है आई एम नॉट श्यर कितना समझ पा रहे हो कितना नहीं बट जितना ना भी समझ पा रहे हो अगर समझ पा रहे हो और अपने माइंड में बिल्कुल क्लियर करो कि अभी ये स्टेज वन है उसमें रिव्यू इंपोर्टेंट है स्टेज टू में नहीं स्टेज टू में मार्जिन
(16:08) इंपॉर्टेंट है क्योंकि अब कमाने का टाइम आ गया है जी स्टेज टू में कमाओ जी स्टेज वन में पहले जो कमाने के लिए जरूरी है वो लेकर के आओ क्लियर हो गया ना राइट सर चलिए विश यू ल द बेस्ट

(11:14) नहीं तो वो नहीं मिलेगा उसको जी ठीक है नंबर एक नंबर दो रिटर्न नहीं करेगा तो आपकी दोनों प्रॉब्लम्स एक झटके में सॉल्व हुई हां जी सर आपके पास रिव्यू फटाफट आए हां जी सर अभी जो 510 आपके पास आए हैं वो भी अपने ही भाई बंधुओं के आए हैं अब एक्चुअल रिव्यूज आए जी राइट को भी पता लग रहा है कि एक्चुअल क्या है और क्या नहीं है उनके पास में पूरा का पूरा एल्गोरिथम होता है वो फिगर आउट कर लेते हैं हां जी सर जब एक्चुअल में आपके पास में रिव्यूज आ गए मान लो 100 150 और एक महीने के अंदर आ गए जो वैसे आपके पास एक साल में आने वाले थे तो 11 लाख तो आपने ऑलरेडी कमा लिया
(11:45) राइट सर कैसे रिव्यू की रिव्यू से विजिबिलिटी बड़ी उससे सेल आई ग नहीं किसी को समझ आया मैंने क्या बोला है सर ये जो 12 महीने में इनके जितने रिव्यू आने वाले थे वो एक महीने में आ गए इनके पास तो इनका 11 महीने जो एक्स्ट्रा जो 11 महीने ने क ₹ लाख वो तो बच गए ना इनके एक ही महीने में उतने रिव्यू इनको मिल जा रहे हैं जो 12 महीने में पहले मिलते थे वो 11 लाख कहां से आया अमाउंट 1 लाख इनका जो बेसिक था ना अगर ये जॉब करते तो इनको मिलता एक मंथ का राइट 12 महीने में 12 लाख हुए वो राइट एक महीने में इ सारे रिव्यू मिल गए हां तो इनका एक महीने के 1 लाख अगर हम उसे हटा
(12:18) देते हैं फिर भी 11 लाख बच गए ना हमारे एगजैक्टली इन्होंने जो कहा आपको समझ आया हां जी सर क्या आया बताइए कि जो हमारी लाख की जो कॉस्ट आ रही है मंथली कॉस्ट आ रही है जो वो क्या है कॉस्ट वो है हमारे प्रोडक्ट की कॉस्ट हो अरे नहीं वो कॉस्ट आपको दिख ही नहीं रही है ना आप कैलकुलेट कर रहे हो आपकी एक्चुअल कॉस्ट वो है इसको अपॉर्चुनिटी कॉस्ट बोलते हैं जी देखो ध्यान से सुनो आपको कॉस्ट क्या दिखती है मैंने एक प्रोडक्ट खरीदा उसके लिए मैंने पैसे दिए ये मेरी कॉस्ट है कूरियर लग गया ये मेरी कॉस्ट है मार्केट प्लेस को कमीशन देना है ये मेरी कॉस्ट है रिटर्न आ गया ये
(12:47) मेरी कॉस्ट है असली कॉस्ट तो आप कैलकुलेट ही नहीं कर रहे ये सब कॉस्ट तब मायने रखती जब आपकी सेल हो रही होती महीने की 25 लाख आज आपकी सेल हो रही है महीने की 25000 जी और वैसे अगर आप जॉब करते हो आपको मिलेगा 40 500 हज और आपके पार्टनर को मिलेगा 00 हज तो लाख रप महीना आपकी वो कॉस्ट है जो आपको नजर नहीं आ रही है जो पैसा आ सकता है लेकिन नहीं आ रहा है तो आपकी एक्चुअल कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस जिसको अपॉर्चुनिटी कॉस्ट बोलते हैं वो है लाख रुप महीना यानी साल की 12 लाख राइट तो वो काम आपका जो 12 महीने में होने वाला था जो आप कह रहे थे
(13:18) ना कि मेरा बिजनेस एस्टेब्लिश हो जाए जी एस्टेब्लिश को पहले तो डिफाइन करो एस्टेब्लिश का मतलब क्या मार्केट प्लेस प कभी भी बिजनेस एस्टेब्लिश नहीं होता है इस बात को मेरी गांठ बांध लो अच्छे तरीके से आज आप बहुत करके ऊपर आए हो कल एक मिनट में नीचे भी आ सकते हो राइट सर तो कभी भी एस्टेब्लिश नहीं होता है एस्टेब्लिश का मतलब सिर्फ एक होता है कि आपका जो प्रोडक्ट है उस परे अच्छे रिव्यूज है राइट तो उसके बेस प आप ऐड रन करके मार्जिन बढ़ा के फ्यूचर में पैसा कमा सकते हो जी सर क्योंकि इस बिजनेस को मैं बहुत अच्छे से समझता हूं मेरे लिंक में कुछ लोग हैं जो
(13:50) यह कर रहे हैं तो मैं समझता हूं कि यहां पे क्या होता है यहां पे क्या होता है आज आप एकदम से पैसा आता है आपके पास में आप उछलने लग जाते हो क्योंकि एल्गोरिथम एक तरीके से काम कर रहा है उनका जी अगले महीने एल्गोरिथम एकदम से चेंज हुआ आपका जो प्रोडक्ट पहले पेज पे आ रहा था वो आ रहा है दव पेज प अब पहले पेज प आने में आपने एक साल लगाया दव पेज प जाने में 10 मिनट लगे अब आप बैठ कर के रो रहे हो कि मैं लुट गया मैं बर्बाद हो गया क्योंकि जो दिखता है वही बिकता है राइट सर जब आप एक पर्टिकुलर लेवल पर आ जाते हो तो मार्केट प्लेसेस क्या कोशिश करते हैं या
(14:26) तो आपसे एक्सक्लूसिव टाइप किया जाए कि वो प्रोडक्ट अब उनके एक ब्रांड के अंदर जाकर के बिकेगा जी उसमें आपका मार्जिन कम हो जाएगा लेकिन वॉल्यूम बढ़ जाएगा या फिर वो आपको पीछे पुश करेंगे ताकि आप ऐड चलाओ असली कमाई उनकी एडवरटाइजिंग में है अगर आप इन कंपनीज की बैलेंस शीट को पीएनएल अकाउंट को स्टडी करोगे जो करना चाहिए आइडली जो हम नहीं करते हैं मतलब ये लिस्टेड कंपनीज है तो इसकी बैलेंस शीट पीएनएल सब कुछ ओपन है पूरी दुनिया के सामने तो उसको स्टडी करो तो आपको समझ आएगा कि अगर इसकी इतनी रेवेन्यू रही है मान लो 20 बिलियन डॉलर की रेवेन्यू आ रही है तो उसमें से कितनी
(15:02) बिलियन डॉलर एडवरटाइजिंग से आ रही है और कितनी कमीशन से आ रही है तो आपको समझ आएगा अच्छा असली कमाई इनकी एडवरटाइजिंग है तो जब आपको य समझ आ रहा है तो आज नहीं तो कल आपको एडवर्टाइज करना ही पड़ेगा तो उसको सबसे पहले सोच करके चलो मतलब मान लो जो भी आपका सेलिंग प्राइस है उसका 15 पर या 20 पर तो एडवरटाइजिंग में लगेगा ही आप हज की ऐड करोगे तब जाके 5000 की सेल होगी तो 20 पर तो आपका वही लग गया और आप खेल ही रहे हो 30 पर के मार्जिन पे जी तो ये प्लेटफार्म आपके लिए है ही नहीं ये बिजनेस मॉडल आपके लिए है ही नहीं क्योंकि आपको बिजनेस ही समझ नहीं आया बट अगर इस 20 पर
(15:36) को आपने पहले ही निकाल दिया बचा 80 पर उसमें से आपने प्रोडक्ट कॉस्ट को निकाला पैकेजिंग को निकाला शिपमेंट को निकाला रिटर्न को निकाला सबको निकाल करके अगर नेट नेट 30 पर के आसपास बच रहा है तो ये बिजनेस मॉडल वायबल है लॉन्ग टर्म के पॉइंट ऑफ व्यू से तब आप इसमें टिक सकते हो तो अगर आप इन सब बातों को समझ पा रहे हो जो भी मैंने करी है आई एम नॉट श्यर कितना समझ पा रहे हो कितना नहीं बट जितना ना भी समझ पा रहे हो अगर समझ पा रहे हो और अपने माइंड में बिल्कुल क्लियर करो कि अभी ये स्टेज वन है उसमें रिव्यू इंपोर्टेंट है स्टेज टू में नहीं स्टेज टू में मार्जिन
(16:08) इंपॉर्टेंट है क्योंकि अब कमाने का टाइम आ गया है जी स्टेज टू में कमाओ जी स्टेज वन में पहले जो कमाने के लिए जरूरी है वो लेकर के आओ क्लियर हो गया ना राइट सर चलिए विश यू ल द बेस्ट

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