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Ram Mandir: The Untold Truth about Ram’s Exile | Dhruv Rathee

नमस्कार दोस्तों हाल ही में 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की इनॉगरेशन करी गई जहां प्राण प्रतिष्ठा हुई प्राण का मतलब है जीवन या लाइफ प्रतिष्ठा का मतलब है एस्टेब्लिशमेंट या स्थापना ये वो सेरेमनी है जहां मूर्ति को मंदिर के अंदर इंस्टॉल किया जाता है इस एक सेरेमनी की पिछले कुछ हफ्तों से अखबारों में मीडिया में 2400 घंटे चर्चा हुई है और कई कंट्रोवर्सीज भी यहां उठी देश भर के भक्तों को उस वक्त का इंतजार है जब मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी मेरा लघु पुष्पक अब मुझे लक्ष्मण किला लेकर आ चुका है पाकिस्तान में भी जय श्री राम हो रहा है

Unveiling the Hidden Realities of Ram's Exile: The Untold Truth about Ram Mandir | Dhruv Rathee

(00:34) ही इज ओनली ड्रिंकिंग कोकोनट वाटर फॉर 11 डेज खुद को 1818 घंटे खपा तब जाकर मोदी ने राम को पाया कुछ पॉलिटिकल पार्टीज ने और चार मेन शंकराचार्य ने इस इवेंट को अटेंड नहीं किया आइए समझते हैं इन चीजों को आज के इस वीडियो में लेकिन साथ-साथ मैं इस मौके का इस्तेमाल करना चाहूंगा इस वीडियो में श्री राम की क्वालिटीज को डिस्कस करने के लिए भी क्योंकि राम का नाम लेना तो बहुत आसान काम है लेकिन श्री राम की वैल्यूज और प्रिंसिपल से सीखना और उन्हें अपने ऊपर अप्लाई करना बहुत मुश्किल   है इससे पहले रामायण के ऊपर दो वीडियोस मैं ऑलरेडी बना चुका हूं पहले वाले में

(01:14) मैंने बात करी थी कि कैसे कुछ लोग रावण को जस्टिफाई करने की कोशिश करते हैं और दूसरे में मैंने बात करी थी कि राम के ऊपर जो एलिगेशंस लगाई जाती हैं कुछ लोगों के द्वारा कि कैसे उन्होंने शूद्र शंभु को मारा था कैसे उन्होंने सीता जी को छोड़ दिया था बहुत सा एविडेंस मैंने प्रेजेंट किया था कि कैसे जो उत्तर कांड है वो रामायण में एक प्रक्षिप्त है यानी एक लेटर एडिशन है साथ ही साथ उस वीडियो में मैंने रामायण की हिस्ट्री के बारे में बात करी थी क्या रामायण सच्ची कहानी पर आधारित है या सिर्फ ये एक लिटरेरी वर्क है दोनों वीडियोस का लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में

(01:43) मिल जाएगा अगर आपने नहीं देखे हैं तो इसी कॉन्टेक्स्ट में आज के वीडियो में मैं श्रीराम की क्वालिटीज के बारे में आपको बताना चाहूंगा कैसे आपकी जिंदगी बदल सकती है और इससे फर्क नहीं पड़ता चाहे आप हिंदू हो मुस्लिम हो सिख क्रिश्चियन बुद्धिस्ट जैन पारसी या एथिस्टरॉन वाल्मीकि रामायण के सोर्सेस भी कोट करूंगा लेकिन उस पर जाने से पहले हम इस इवेंट की बात करते हैं कौन इस इनॉगरेशन सेरेमनी में गया कौन नहीं गया और क्यों नहीं गया बीजेपी के सीनियर लीडर्स एल के अडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ये 1990 से ही राम मंदिर एजीटेशन मूवमेंट के सबसे बड़े

(02:15) लीडर्स रहे जिस स्थान पर भगवान राम का जन्म हुआ था वहां पर मंदिर के निर्माण को कोई श रो नहीं और म वही प्रण प्रतिष्ठा में यह नहीं आए राम टेंपल ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी ने रिपोर्टर्स को बताया इनकी एज को कंसीडर करते हुए इनकी उम्र को देखते हुए इन्हें कहा गया कि यह ना आए इस इनॉगरेशन में लेकिन दूसरी तरफ बॉलीवुड सेलिब्रिटीज कटरीना केफ रोहित शेट्टी रणवीर कपूर आलिया भट्ट इन सबको स्पेशल इन्विटेशन दिया [संगीत] गया पॉलिटिकल पार्टीज में कईयों को इन्विटेशन मिला था लेकिन कईयों ने रिजेक्ट किया उस इन्विटेशन को अलग-अलग कारणों की

(02:57) वजह से जैसे कि सीपीआईएम के जनरल सेक्रेटरी सीताराम यच ने कहा कि रिलीजन एक पर्सनल मैटर होता है आई सेड रिलीजन इज एन इंडिविजुअल चॉइस ऑफ एवरी इंडिविजुअल वी रेस्पेक्ट एंड वी सेफगार्ड इन्होंने कहा कि इंडियन कांस्टिट्यूशन और सुप्रीम कोर्ट ने क्लीयरली कह रखा है कि सरकार किसी एक पर्टिकुलर रिलीजन से एफिलिएट नहीं हो सकती तो सेक्युलरिज्म के बेसिस पे इन्होंने इस इन्विटेशन को रिजेक्ट किया शिवसेना के उद्धव ठाकरे जिन्हें इवेंट से सिर्फ दो दिन पहले इन्विटेशन मिला वोह भी स्पीड पोस्ट के जरिए उन्होंने इसे रिजेक्ट किया और उनके पार्टी मेंबर संजय रावत ने कहा कि

(03:28) बीजेपी राम को व शिप करती है लेकिन राज रावण की तरह करती है उन्होंने कहा कि वह अयोध्या जाते रहते हैं और आगे भी जाएंगे लेकिन 22 जनवरी के इस दिन वह नासिक में कालाराम मंदिर गए वह मंदिर जहां माना जाता है कि भगवान राम लक्ष्मण और सीता जी अपने एग्जाइरिस पार्टी के कई लीडर्स को इनवाइट किया गया लेकिन उन्होंने इस इन्विटेशन को रिजेक्ट किया यह कहकर कि मंदिर अभी आधा बना है और इसकी इनॉगरेशन करी जा रही है इनका मेन कारण था इस इन्विटेशन को रिजेक्ट करने के पीछे कि बीजेपी इस पूरे इवेंट को पॉलिटिसाइज करर रही है राम के नाम पर चुनावी राजनीति हो रही है कुछ लोगों ने

(04:04) स्टंस की तारीफ करी यह कहकर कि कांग्रेस ने अच्छा फैसला लिया लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोगों ने कहा कि एक पॉलिटिकल ब्लंडर था लेकिन इस अधूरे मंदिर को इनॉग्रेट्स करीब 1200 साल पहले की बात है दोस्तों कि आदि शंकराचार्य ने चार दिशाओं में चार प्रिंसिपल मठ की स्थापना करी थी ये थे आज के दिन के उत्तराखंड गुजरात कर्नाटका और उड़ीसा में हर एक मठ के एक मुख्य पुजारी थे जिन्हें शंकराचार्य कहा गया तो चार मठ चार शंकराचार्य इन चार में से किसी ने भी इस इवेंट को अटेंड नहीं किया पूरी शंकराचार्य ने निलं सरस्वती ने कहा कि यह जो सेरेमनी हुई यह हिंदू

(04:41) स्क्रिप्चर के अकॉर्डिंग नहीं थी विधिवत प्रतिष्ठा होनी चाहिए राम जी को मानते हैं तो राम जी मर्यादा पुरुषोत्तम थे यानी राम जी की प्रतिष्ठा भी शास्त्री विधि से होनी चाहिए शंकराचार्य अभ मुक्ते शवन सरस्वती जो उत्तराखंड मठ के शंकराचार्य हैं उन्होंने इस चीज को एक्सप्लेन किया जो मंदिर है उसे भगवान का शरीर माना जाता है मंदिर की पीक भगवान की आंखें कलश उनका सिर और मंदिर पर जो झंडा लगा होता है उसे भगवान के बाल माना जाता है तो इनके अनुसार एक ऐसा शरीर जिसकी ना आंखें हैं जिसका ना सर है उसे जीवित करना सही नहीं है ये कहते हैं कि ये स्क्रिप्चर के खिलाफ जाता है ये

(05:17) अपनी आंखों के सामने शास्त्रों का वायलेशन होते नहीं देख सकते थे इसलिए यह सेरेमनी में नहीं गए लेकिन इनके इस एक फैसले की वजह से सोशल मीडिया पर आईटी सेल ने इन्हें कितना बदनाम करने की कोशिश करी इनके खिलाफ फर्जी खबरें फैलाई गई और कुछ अकाउंट्स ने तो इन्हें हिंदू विरोधी ही ठहरा दिया इन फोटोस को देखिए कुछ अकाउंट्स ने इन फोटोस को सोशल मीडिया पर शेयर किया यह कहकर कि ये शंकराचार्य तो अजमेर शरीफ गए ये मुसलमानों की जगहों में घूमने गए इसलिए ये एंटी हिंदू हैं सबसे पहले तो जैसा कि मैंने आपको पिछले वीडियोस में भी बताया है आदि शंकराचार्य की जो कोर फिलॉसफी थी वो

(05:50) अद्वैतवाद की थी नॉन ड्युअलिटी एक चीज जो बार-बार इसमें कही जाती है वोह है अहम ब्रह्मास्मि यानी कि भगवान हर जगह हर चीज में मौजूद है और अगर भगवान हर चीज में मौजूद है तो फिर क्या हिंदू क्या मुस्लिम क्या ब्राह्मण क्या शूद्र सब उसी एक ब्रह्मा का प्रतिरूप है तो आदि शंकराचार्य की फिलोसोफी के अनुसार इससे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर शंकराचार्य मस्जिद में जाएं गुरुद्वारे में जाएं या चर्च में जाए भगवान हर जगह बसते हैं लेकिन दूसरा पॉइंट यहां पर यह है कि ये खबर वैसे भी झूठी थी शंकराचार्य के साथ एक इंसान अरविंद गुरु जो यहां गए थे उन्होंने कहा यह कोई

(06:22) मुस्लिम जगह नहीं थी ये एक हिंदू आश्रम ही था यह रामदेव पीर का दरबार था जिसे कृष्ण का एक अवतार माना जाता है यह उस दरब की फोटो हमारे यहां रामदेव पीर जो कृष्णावतार माने जाते हैं करण थापर से एक इंटरव्यू के दौरान शंकराचार्य स्वामी अभी मुक्तेश रानंद सरस्वती से यही सवाल पूछा गया उन्होंने कहा कि वह कभी अजमेर गए ही नहीं तो यह कैसे अजमेर शरीफ हो सकता है अभी तक ऐसा संयोग बना नहीं कि हम अजमेर शहर में ही जा सके जब हम अजमेर शहर ही नहीं गए तो अजमेर शरीफ कैसे जाए और साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि अगर वो किसी कारण से दरगाह जाते भी इसका मतलब यह नहीं कि वह

(06:55) मुसलमान बन गए आईटी सेल और गोदी मीडिया वालों ने तो प्रधानमंत्री मोदी को शंकराचार्य से भी बड़ा हिंदू घोषित कर दिया है कुछ तो उन्हें विष्णु का अवतार भी कहते हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी भी तो दरगाह गए हैं क्या वो मुसलमान बन गए करके एक दूसरी फर्जी खबर फैलाई गई इन शंकराचार्य को बदनाम करने के लिए कि इन्होंने ₹ लाख लिए थे इस इनॉगरेशन के इन्विटेशन को रिजेक्ट करने के लिए इस खबर में ना कोई सर था ना कोई पैर ना कोई सबूत पत्रकार हो इसका मतलब ये थोड़े है कि आप कुछ भी छाप दोगे 5 लाख र लेकर के तृप्त हो गए ऐसा शब्द आपके अपने शंकराचार्य के लिए

(07:26) छापते हो आप और जब आपसे पूछता है शंकराचार्य तो आप उसका स्पष्टीकरण नहीं दे पाते हो कहां से पता चला कि ₹ लाख किसने दिया कहां दिया कब दिया बताओ ना इस बात को देखकर शंकराचार्य खुद हैरान थे आखिर ऐसी फर्जी खबर बिना कोई सबूत के क्यों चलाएगा शंकराचार्य को बदनाम करने के लिए इससे एक चीज साफ पता चलती है दोस्तों कि आज के इस दौर में अगर आप बीजेपी या प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा लिए गए किसी भी फैसले से असहमत हो और अपनी राय पब्लिक के सामने बोल देते हो तो आपको बदनाम करने में आपको गालियां देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी कौन हिंदू है कौन एंटी हिंदू इसके

(07:58) सर्टिफिकेट्स बांटने के लिए इ नमूनों की पूरी फौज खड़ी है और दिलचस्प बात यह है कि इन्हें राम की कोई परवा नहीं है राम के नाम पर इन्हें बस पॉलिटिक्स खेलनी है जय श राम बोलो जयराम बोलो बोलो राम के उसूलों के बारे में इनसे कुछ पूछ लो तो इनके पास कोई जानकारी नहीं होगी लिंग्विस्ट और हिस्टोरियंस अक्सर बड़े-बड़े राजाओं के नाम के पहले ग्रेट का सफिक्स लगाते हैं क्योंकि उन्होंने कोई बड़ी टेरिटरी को कनकर किया जैसे कि एलेग्जेंडर राजा को एलेग्जेंडर द ग्रेट कहा जाता है और हम इसे बिना सोचे समझे एक्सेप्ट भी कर लेते हैं असलियत लेकिन यहां पर यह है कि एलेग्जेंडर

(08:31) एक बहुत ही ब्लड थर्स्टी शॉर्ट टेंपर्ड पियक्कड़ इगो मेनिक रूथ राजा था जिसने लाखों लोगों को मारा था कई बारी पूरी की पूरी ट्राइब्स को ही खत्म कर दिया था एक ही बारी में लेकिन इसके कंट्रास्ट में है रामायण में श्रीराम की कहानी जब राम राजा बनने वाले थे पूरी अयोध्या नगरी में खुशी की लहर थी लेकिन राम की सौतेली मां कैकेई ने डिमांड रख दी कि राम की बजाय उनके पुत्र भरत राजा होंगे और राम को 14 साल के लिए जंगल में वनवास के लिए जाना होगा ये सुनकर श्रीराम का क्या रिएक्शन था अयोध्या कांड चैप्टर 18 श्लोक 41 इती फ तस्य पुरुष रम वदन त्यामुले

(09:11) किन राम यह सुनकर नाराज नहीं हुए उन्हें कोई दुख नहीं हुआ इस बात का वैसे अगर आपको पूरी राम कथा इसी तरीके से आसान भाषा में समझनी है तो कुकू एफएम को जाकर चेक आउट कर सकते हो वहां पर साढ़े घंटे की राम कथा सरल भाषा में ऑडियो बुक के फॉर्म में मौजूद है कुकू एफएम एक बढ़िया ऑडियो लर्निंग का प्लेटफॉर्म है जहां पर ना सिर्फ रिलीजन पर बल्कि साइंस हिस्ट्री ज्योग्राफी पॉलिटिक्स हर तरह के टॉपिक्स पर ऑडियो बुक्स आपको सुनने को मिलेंगी अगर आपने इसे अभी तक जवाइन नहीं किया है तो नीचे डिस्क्रिप्शन में एक स्पेशल 50 पर ऑफ का कूपन कोड मिल जाएगा जाकर चेक आउट कर

(09:41) सकते हैं अगला श्लोक है चैप्टर 19 का पहला श्लोक श्रुत्वा ना विव्य थे राम यानी यह सुनकर राम व्यथित नहीं हुए उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा इसके बाद उन्होंने अपने पिता दशरथ को दिलासा दी और कैकई को कहा कि वह जंगल में चले जाएंगे सोच कर देखिए दोस्तों अगर यह चीज आपके साथ होती तो आपको कैसा लगता आपको राजा बनाया जाने वाला वाला है लेकिन अचानक से ना सिर्फ आपसे आपका ताज छीन लिया जाता है बल्कि आपको कहा जाता है कि आप जंगल में चले जाओ 14 साल के लिए वनवास के लिए यह सुनकर बहुत से लोग गुस्से से भर उठेंगे लेकिन राम वहां पर नाराज तक

(10:11) नहीं हुए इस चीज को आप कंपेयर करो अशोक से जिन्होंने अपने भाइयों को मार डाला सत्ता पाने के लिए सेम चीज औरंगजेब ने करी अपने भाई दारा शिको को मार डाला राजा बनने के लिए अयोध्या के लोग ऑलरेडी राम के सपोर्ट में थे अगर राम चाहते तो वो कह सकते कि ये देखो मेरे साथ अन्याय हो रहा है मेरा कोई कसूर नहीं है यहां पर लेकिन मुझे यहां पर जंगल में भेजा जा रहा है वो भी चाहते तो राजा बन सकते कैकई और भरत को जेल में डालकर लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया यहां यह बात बड़ी ध्यान देने वाली है कि अयोध्या के लोग सही मायनों में बिल्कुल सपोर्ट में थे राम के पिछले चैप्टर 17 में

(10:42) लिखा गया है कि वो राम को राजा बनते देखना चाहते थे और उससे ज्यादा कुछ नहीं चाहते थे और इसके पीछे कारण क्या है श्लोक 15 में लिखा है कि राम कितने वर्चुअल थे सभी लोगों को लेकर उनके दिल में कंपैशन था लेकिन राम बड़े कामली शांतिपूर्ण तरीके से डिसाइड करते हैं कि वो जंगल में जाएंगे चैप्टर 19 श्लोक 20 में लिखा गया है कि राम ककई को क्या कह रहे हैं हे देवी दौलत से मुझे कोई मोह नहीं मुझे एक साधु की तरह जानिए जिसकी आस्था केवल अपने धर्म अपनी नैतिकता में है मैं इस दुनिया को प्रेम में देखना चाहता हूं राम के लिए सत्ता पाने का मतलब यह नहीं था कि दुनिया मेरे

(11:15) कदमों में हो उनके लिए सत्ता पाने का मतलब था कि वह जनता को सर्व कर सके लेकिन आज के दिन लोगों का बिहेवियर इसका उल्टा ही होता है लोग बिना शर्म के कहते हैं कि मुझे पावर का नशा है सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक गिरने में कोई दिक्कत नहीं है लोग ऐसी कहावतें सुनाते हैं कि प्यार और जंग में सब जायज है चढ़ते सूरज को सलाम जिसकी लाठी उसकी भैंस मैं तो उसका साथ दूंगा जिसका जीतने का चांस है जो जीता वही सिकंदर जो हारा वो बंदर इन सभी कहावतों में पावर और सत्ता को कितना सर पर चढ़ाया जा रहा है लेकिन मैं चाहता हूं कि आप अपना नजरिया बदलो खुद ही सोच कर देखो कौन यहां

(11:50) विजेता होगा एक ऐसा इंसान जो अपनी सारी मोरालिटी सारी वैल्यूज सारे उसूल खो देता है सत्ता पाने के लिए या फिर एक ऐसा इंसान जो सत्ता को अपने हाथ से जाने देता है बिना अपने मोरल्स वैल्यूज और उसूलों पर कंप्रोमाइज करें और ऐसा करते वक्त कैकई को लेकर उनके दिल में कोई भी दुर्भावना नहीं थी चैप्टर 19 श्लोक 24 बस वो एक कंप्लेन करते हैं कैकई को भरत को राजा बनाना था तो आपने पिताजी को क्यों कहा सीधा मुझे ही क्यों नहीं कहा लगता है कि आपको इतना भी विश्वास नहीं था मुझ पर तो एक सीधा सबक हमें यहां पर मिलता है ह्यूमिडिटी कंपैशन और फॉरगिवन का अगर अपनी मोरालिटी को बचाकर

(12:23) आपने कुछ खोया तो क्या ही खोया और अगर अपनी मोरालिटी को त्याग कर आपने कुछ पाया तो क्या ही  पाया यह वीडियो पसंद आया दोस्तों तो आपको वाल्मीकि रामायण पर मेरा पिछला वीडियो भी जरूर पसंद आएगा यहां क्लिक करके देख सकते हैं बहुत-बहुत  धन्यवाद

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