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Maldives India Conflict Explained |मालदीव का भारतीय इतिहास | Narendra Modi | Lakshadweep | Rj Raunak

तो दोस्तों हुआ यह कि मोदी जी ने डुबकी तो लगाई थी लक्षद्वीप में और डूब गया है मालदीव इसीलिए तो हम कहते हैं वाह मोदी जी वाह वाह मालदीव के तीन छपरी नेता तो भारत और मोदी जी को उल्टा सीधा बोलकर निपट गए निकल गए मगर उसके बाद जो रायता फैला है उसे समेटने में मालदीव सरकार के हाथ पांव फूले हुए हैं 5 लाख मालदीव की आबादी है और 10 लाख हिंदुस्तानी अब तक # बॉयकॉट मालव स्टेंड करवा चुके हैं जिस दौरान मैं ये वीडियो बना रहा हूं एक रिपोर्ट है कंफर्म तो नहीं करता हूं लेकिन उस रिपोर्ट के मुताबिक 8000 लोग मलडी के लिए अपनी होटल बुकिंग कैंसिल करवा चुके हैं और 00 फ्लाइट टिकट्स भी कैंसिल हो चुकी हैं इस बीच

Maldives-India Conflict Explained Historical Insights, Narendra Modi, Lakshadweep RJ Raunak

जो लोग ऋषिकेश भी यूपी रोडवेज की बस पर लटक कर जाते थे उन्होंने भी इस मौके का फायदा उठाकर लक्षद्वीप के सपोर्ट में वो लोग आए हैं ताज ग्रुप जल्दी वहां पर दो वर्ल्ड क्लास होटल बनाने वाला है लक्षद्वीप के एयरपोर्ट का भी जल्दी ही कायाकल्प होने वाला है मगर सवाल ये है कि मोल्डिव और भारत के बीच ये कलेश आखिर मचा ही क्यों आखिर क्यों एशिया का सबसे छोटा देश भारत के खिलाफ उड़ता तीर ले रहा है क्या मोदी जी का लक्षदीप जाना सिर्फ इत्तेफाक था और सबसे बड़ी बात हमने क्यों अपने थंबनेल में लिखा है कि एहसान

(01:23) फरामोश मॉलड तो आइए आज के इस वीडियो में हम इन सारे मुद्दों पर बात करें मगर उससे पहले मैं आप सबसे विनंती करूंगा कि इस वीडियो को ध्यान से देखिए एंड तक पूरा देखिए क्योंकि हम इस वीडियो में कुछ ऐसी बातें आपको बताने वाले हैं जो शायद आप नहीं जानते होंगे हम क्या शायद मॉल्व के लोग भी ना जानते हो तो आइए शुरू करते हैं वीडियो पसंद आए तो प्लीज इसे दबा के अपने दोस्तों यारों रिश्तेदारों से शेयर जरूर करिएगा नमस्ते एंड वेलकम दोस्तों इससे पहले कि हम आपको ये समझाएं कि हम मलडी को एहसान फरामोश क्यों कह रहे हैं उससे पहले आपको थोड़ा सा बैकग्राउंडर दे देते हैं

(01:50) हुआ ये कि आज से तकरीबन दो महीने पहले 17 नवंबर 2023 को मोहम्मद मोइज मोल्डिव के आठवें राष्ट्रपति बने मोइज की पीपल नेशनल कांग्रेस ने अपना पूरा इलेक्शन भारत विरोध सेंटीमेंट पर लड़ा था मोल्डिव और भारत के रिश्ते हमेशा से बड़े अच्छे रहे मोल्डिव के पिछले राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद साली भी भारत के सपोर्टर थे मगर मोजू की पीपल नेशनल कांग्रेस पिछले काफी टाइम से मोल्डिव में भारत के खिलाफ माहौल बना रही थी मोजू ने अपने इलेक्शन कैंपेन तक में यह बोला था कि अगर वो प्रेसिडेंट बने तो मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकाल देंगे आज तक मालदीव का हर

(02:24) नया राष्ट्रपति सबसे पहला दौरा भारत का ही करता था मगर मोजू पहले टर्की गए फिर एक दिन पहले ही वो चीन के दौरे पर गए कुछ लोगों का कहना है कि मोजू या मालदीव की इस नई सरकार के भारत विरोधी रवैए के पीछे चाइना का हाथ है जो दर्शक नहीं जानते उन्हें बता दें कि पिछले कुछ सालों में चीन ने मॉल्व को सैकड़ों करोड़ डॉलर का कर्जा दिया है चीन ने 20 करोड़ डॉलर लगाकर मॉल्व की राजधानी माले से मल्ली के दूसरे आइलैंड हुले माले तक 2 किलोमीटर लंबा एक पुल भी बनाया था जैसा कि सभी जानते हैं चीन की फॉरेन पॉलिसी का एक हिस्सा यह भी है कि हर छोटे देश को पहले कर्जा देकर

(02:56) अपने जाल में फसाओ और जब उस देश को ये लगे कि वो कर्जा नहीं चुका सकता तो फिर अपनी मर्जी से उस देश की फॉरेन पॉलिसी चेंज करवा दो पिछले काफी समय से चीन हिंद महासागर वाले एरिया में दखल अंदाजी करने की भी कोशिश कर रहा है चीन की कोशिश है कि श्रीलंका और मॉल्व के साथ अपने संबंधों का फायदा उठाकर इस इलाके में भारत का दबदबा कम किया जाए मॉल्व में भी कुछ विपक्षी पार्टियों को जब ये समझ में आ गया कि वह चीन से लिया अरबों डॉलर का कर्जा नहीं चुका सकते तो इस तरह से भारत विरोध की पॉलिसी पर चलना ही उनकी मजबूरी हो गई मॉल्व के मौजूदा राष्ट्रपति मोजू और

(03:25) इन्हीं की पार्टी के पूर्व नेता अब्दुल्ला यामीन जिन्हें भ्रष्टाचार के मामले में दोषी साबित होने पर 11 साल की सजा मिली थी वो भी भारत के खिलाफ इसी तरह का जहर उगलते रहे हैं इसलिए राष्ट्रपति बनने के बाद मोजू का भारतीय फौज को मलडी से जाने के लिए कहना फिर अपनी पहली ऑफिशियल विजिट पर भारत ना आकर चाइना चले जाना उनकी सरकार के तीन-तीन मंत्रियों का खुलेआम उड़ता तीर ले लिया है अरे भैया कर्जा भले ही तुमने चीन से लिया है मगर मोल्डी का टूरिजम चल तो भारतीयों के भरोसे रहा है अकेले साल 2023 में ा लाख से ज्यादा भारतीय टूरिस्ट मोल्डिव गए हैं हर साल

(04:10) मॉल्व आने वाले टूरिस्ट में सबसे ज्यादा टूरिस्ट भी भारतीय ही होते हैं यहां तक कि मोल्डिव देश भी भारत से गए डॉक्टरों और टीचर्स के भरोसे चल रहा है वहां पर भारत की मदद से करोड़ों डॉलर की योजनाएं चल रही है भारत सरकार ने 2 साल पहले मोल्डिव के 61 द्वीपों के लिए फिटनेस इक्विपमेंट भी दए कोविड के टाइम पर जब टूरिज्म बंद हो गया तो मल्ली के बुरे हालात थे तब भारत ने 25 करोड़ की उनको मदद की थी और तो छोड़ो अभी 5 जनवरी को ही वहां के एक प्लांट में आग लगने से पूरे देश में पीने के पानी का संकट पैदा हो गया था और अगले ही दिन भारत

(04:38) सरकार ने वहां पानी पहुंचाया मतलब आप सिर्फ इस घटना से मलडी की हैसियत का अंदाजा लगाइए मतलब जो देश पीने के पानी तक के लिए भारत पर इस हद तक निर्भर है वहां के कुछ छपरी मंत्री सोशल मीडिया पर भारतीय प्रधानमंत्री को गाली दे रहे हैं इससे ज्यादा कम अकली कुछ और हो सकती है क्या बताइए हेलो अब आते हैं एहसान फरामोशी वाली बात ये मोजू और उनके छपरी मंत्री जो आज भारत को गाली दे रहे हैं क्या उन्हें नहीं पता कि अगर भारत ना होता तो मालदीव में लोकतंत्र ही ना होता और ना ही वहां के नेता बचते यह भारत ही था जिसने मालदीव देश को एक नहीं कई बार बचाया तो भाई कहानी ये

(05:10) है कि दक्षिण एशिया के कई देशों की तरह मोल्डिव पर भी कई सालों तक अंग्रेजों का राज था साल 1965 में जाकर मोल्डिव अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ साल 1978 में चुनाव के बाद अब्दुल गयूम इब्राहिम नासिर को हटाकर वहां के दूसरे राष्ट्रपति बने और फिर अगले 30 सालों तक वो मॉल्व के राष्ट्रपति बने रहे अब कहानी सुनिए आप हुआ ये कि 78 में अब गयू के मॉल्व का राष्ट्रपति बनने के बाद अगले 10 सालों तक उनके तख्ता पलट की तीन बार कोशिशें की गई पहले 1980 में फिर 1983 में और फिर तीसरी और सबसे दमदार कोशिश हुई 1988 1988 में तारीख थी 3 नवंबर 1988 मॉल्व के

(05:45) राष्ट्रपति अब्दुल गयूम भारत आने वाले थे उस वक्त भारत और मालदीव के रिश्ते बड़े अच्छे थे इतने अच्छे कि अब्दुल गयूम को मालदीव से भारत लाने के लिए भारत सरकार ने अपना विशेष विमान मोल्डिव भेजा था मोल्डिव के एक बिजनेसमैन थे अब्दुल्ला लतीफी ये उस वक्त मोल्डिव में तख्ता पलट करके गयूम को उनके पद से हटाना चाहते थे इन्हें पता था कि इस काम के लिए उन्हें कुछ बंदे चाहिए होंगे तो उन्होंने उस वक्त श्रीलंका के आतंकी संगठन पीपल्स लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ तमिल इलेम की मदद से उनके 200 मिलिटेंट मालदीव में घुसा दिए ये लोग बस इस इंतजार

(06:14) में बैठे थे कि इधर गई हूं भारत जाएं और वो लोग पीछे से राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर ले तो हुआ ये कि जिस दिन गयूम को भारत जाना था तभी भारत सरकार ने संदेश भिजवाया कि आज हमारे प्रधानमंत्री को किसी काम से कहीं जाना पड़ रहा है आप कल आ जाइए जिसके बाद गयूम वापस राष्ट्रपति भवन आ गए गए मगर अब्दुल्ला लतीफी के आतंकियों ने कब्जा करने का अपना प्लान नहीं बदला और मॉल्व के रेडियो स्टेशन टीवी स्टेशन वहां की सरकारी बिल्डिंगों और एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया राष्ट्रपति को अपनी जान बचाकर एक सेफ हाउस में छिपना पड़ा यह वो वक्त था जब मॉल्व की

(06:43) सरकार ने श्रीलंका पाकिस्तान और सिंगापुर से मदद मांगी मगर सबने अपने हाथ खड़े कर दिए अमेरिका मदद कर सकता था मगर अमेरिकी समुद्री जहाज मॉल्व से बहुत दूर था उस वक्त जब मॉल्व ने ब्रिटेन से मदद मांगी तो ब्रिटेन ने कहा कि आप भारत से बात करें मतलब ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया ने मॉल्व की मदद करने से अ पीछे हट गई पूरी दुनिया उन्होंने हाथ खड़े कर दिए उस वक्त मॉल्व की सरकार ने भारत से मदद मांगी और आपको जानकर हैरानी होगी कि मॉल्व से मदद मांगने के सिर्फ 10 घंटे के अंदर भारत के पैरा कमांडोज मॉल्व पहुंच चुके थे भारतीय फौज ने पता लगाया कि मॉल्व के एक आइलैंड

(07:14) पर अभी कोई नहीं है तो चंद ही घंटों में भारतीय वायुसेना ने अपने पैरा कमांडोज को वहां पर लैंड करवाया उसके बाद इन लोगों ने माले पर धावा बोला भारतीय कमांडोज के वहां पहुंचते ही सारे आतंकी पहली फुर्सत में वहां से भागने लगे कईयों को पकड़ लिया गया कुछ ने सरेंडर कर दिया कुछ का एनकाउंटर करना पड़ा इसके बाद अब्दुल गयूम को सेफ हाउस से बाहर निकाला गया और भारत सरकार ने मॉल्व देश को विद्रोहियों के कब्जे में जाने से बचा लिया वो 1988 का साल था भारतीय सेना के उस ऑपरेशन को ऑपरेशन कैक्टस के नाम से जाना जाता है इंटरनेट प मिलेगा आप पढ़ लीजिएगा गयूम इसके बाद 20 साल तक मोल्डिव के राष्ट्रपति रहे

(07:44)  गयूम और उनके बाद के हर राष्ट्रपति ने हमेशा इस बात को याद रखा कि सिर्फ भारतीय आर्मी की हमारी सेना की मदद की वजह से ही उनका देश बचा रहा और ऐसा नहीं कि आज मॉल्व में यह बात लोग नहीं समझते या नहीं मानते अगर मोल्डिव के कुछ नेताओं की बेवकूफियां को साइड कर दिया जाए तो आज वहां के बहुत सारे सांसद वहां का मीडिया और बुद्धिजीवी वर्ग भी इस बात को मानता है और समझता है कि मॉल्व के लिए भारत के क्या मायने हैं दैट इंडिया इ हैज ऑलवेज बीन द फर्स्ट रेस्पों फॉर व्हेनेवर वी आर इन नीड वीव बीन डिपेंडेंट ऑन इंडिया फॉर इकोनॉमिक रिलेशंस

(08:18) सोशल रिलेशंस हेल्थ एजुकेशन ट्रेड टूरिजम एसेट एसेट एंड द म पीपल आर वेरी ग्रेटफुल फॉर दिस एंड वेरी अवेयर ऑफ दिस दोस्तों एक बात मैं अपने वीडियोस में कई बार दोहराता हूं और आज फिर से दोहराना पड़ रहा है कि उस देश या उस कौम से ज्यादा बदनसीब और कोई हो ही नहीं सकता जिसे ये पता ही नहीं है कि उसका अतीत क्या है उसकी जड़ें कहां है और उसका रिश्ता किससे जब बांग्लादेश के कुछ क्रिकेट फैंस भारत की वर्ल्ड कप हार पर बांग्ला भाषा में भारत को गाली देते हैं तो हमें उन्हें उनकी पहचान बतानी पड़ती है पाकिस्तान के लोग अपनी भारतीय पहचान को झुठला करर जब दिन रात भारत को

(08:50) गाली देते हैं और खुद को अरब मानते हैं तो हमें उन्हें उनका अतीत बताना पड़ता है और मोल्डिव के कुछ कट्टर इस्लामिक नेता जो आज भारत को गाली दे रहे हैं तो हमें भी उन्हें बताना पड़ रहा है फिर से कि भैया अपना थोड़ा सा अतीत जान लो कि कहां से बचे हो किसने बचाया है मालदीव का 1000 सालों का बौद्ध इतिहास और उससे पहले का हिंदू इतिहास छोड़िए भैया मालदीव शब्द तो खुद संस्कृत भाषा के माला और द्वीप से बना हुआ है जिसका मतलब होता है द्वीपों की माला यानी गर्लैंड ऑफ आइलैंड्स और ये मैं या कोई और भारतीय नहीं बल्कि कोलबी कॉलेज में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर है जॉन हगन डॉन ने

(09:23) कहा है कि मालदीव शब्द संस्कृत के माला द्वीप शब्द से बना है जिसका मतलब होता है गर्लैंड ऑफ आइलैंड्स और वैदिक समय से इसका यही नाम है और छोड़िए मालदीव के लोगों को धीवन कहा जाता है जो कि धीप या दीव से बना है और यह दीव भी संस्कृत के द्वीप से निकला है और एक आखिरी सच 17वीं शताब्दी में छपी किताब अल्लामा शिहाब अलदीन के मुताबिक मालदीव क्षेत्र में आकर बसने वाले लोग पहले भारत के कालीबंगा से थे और बहुत से इतिहासकार भी ये मानते हैं कि मालदीव में बसने वाला पहला शख्स भारत के गुजरात से था तो भाई लोगों यह है मालदीव की असली पहचान जिसका नाम भी भारतीय भाषा से निकला

(09:57) है जिसके पूर्वज भी भारतीय थे थे जिसका हजारों सालों का अतीत भी बौद्ध और हिंदू धर्म का रहा है इस मालदीव के कुछ नासमझ लोग अपनी अज्ञानता और कट्टर सोच की वजह से इस हजारों सालों के संबंध और पहचान को कलंकित कर रहे हैं नहीं और जैसे कि मैंने कहा यह समस्या सिर्फ मालदीव की नहीं है यही प्रॉब्लम बांग्लादेश की भी है पाकिस्तान की भी है एक तरफ दुनिया आज भारतीय संस्कृति और परंपरा की दीवानी हो रही है और जो लोग सच में इस परंपरा से आते हैं वही अपनी अज्ञानता और मजहबी कट्टरता की वजह से इसके सबसे बड़े दुश्मन बन बैठे और जैसा कि कहते हैं कोई भी इंसान तब तक

(10:28) यह तय नहीं कर सकता कि उसे जाना कहां है जब तक उसे यह ना पता हो कि वो आया कहां से है शायद इसके बाद और कुछ कहने की जरूरत नहीं है और हां एक आखिरी बात जिस मलडी और लक्षद्वीप की आज तुलना हो रही है उस लक्षद्वीप का नाम भी संस्कृत के लक्षा और द्वीप शब्द से बना है जिसका मतलब होता है 100 थाउ आइलैंड मतलब मालदीव और लक्षद्वीप भले अलग-अलग हो मगर दोनों के नाम का जन्म संस्कृत भाषा से ही हुआ है उम्मीद करते हैं इस सब्जेक्ट पर बनाई हमारी ये वीडियो आपको अच्छी लगी हो पसंद आई हो तो प्लीज इसे और भी लोगों तक पहुंचाएगा जरूर शेयर करिएगा आपका हर एक शेयर हमारे लिए

(10:58) इंपॉर्टेंट है आने से पहले वीडियो को भी जरूर लाइक करिएगा और हां अयोध्या में होने वाले प्रभु श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी हम लगातार आप तक अपनी स्पेशल स्टोरीज पहुंचाते रहेंगे अयोध्या या किसी भी विषय पर अगर आप कोई स्पेशल वीडियो देखना चाहते हैं तो उसके बारे में भी कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करिएगा हमारे चैनल को सब्सक्राइब करिएगा

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