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EP 20 of 100 – Business Mastery Series | By Sandeep Maheshwari | Hindi – YouTube

(00:02) सर मेरे पापा टीचर हैं मम्मी भी टीचर हैं मेरे पापा हमेशा ही मतलब सोचते हैं कि ऐसा मेरी जो गांव है बहुत छोटा है वहां पर एजुकेशन अच्छी क्वालिटी में अवेलेबल नहीं है लोग मतलब संस्थान खोले हुए हैं लेकिन उनका क्या मकसद है बच्चे आए बड़ बढ़े और कोर्स कंप्लीट हो और जाए मेरे पेरेंट्स ने एक नई नी प मतलब एक कोचिंग सेंटर स्टार्ट किया कि जो बच्चे 11 12थ में हमारे यहां चार सब्जेक्ट अलग-अलग कोचिंग भाग भाग के जाते हैं उनको वो ना करना पड़ एक ही जगह पर आए और पढ़े ताकि उनका टाइम भी बचे हेल्थ भी इंप्रूव हो और उन्हें इतना स्ट्रेस ना हो लेकिन फिर भी सर जो मतलब एक

Business-Mastery-Series-by-Sandeep Maheshwari-Episode-20

(00:38) होता है ना कि जहां पर पहुंचना चाहिए था वहां पर नहीं पहुंच पाए हैं मतलब ऐसा लगता है कि कम से कम इतना अप्रोच होना चाहिए था 150 200 बच्चे तो अगर हम अपनी तरफ से देखें तो मेरे फादर को अगर हम मतलब जज करें एज अ स्टूडेंट तो मेरे को कभी ऐसा कहीं नहीं मिला बट फिर भी बच्चे अप्रोच नहीं कर रहे क्या ऐसी कमी है जो संस्थान को आगे नहीं बढ़ने दे रही कोचिंग इंस्टिट्यूट है आपका हां और वहां पर आपके फादर खुद पढ़ाते हैं फादर पढ़ाते हैं मदर पढ़ाते हैं और दो चार मतलब टीचर्स और हैं कितने बच्चे अभी आते हैं वहां पर ऑन एन एवरेज महीने का जो पे करते हैं अप्रॉक्स

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(01:13) अगर अप डाउन करके देखें तो काफी कम है एवरेज अगर आप पकड़ लो पूरे साल में तो कितने आते होंगे 50 टू 60 तो अगर 50 बच्चे हैं उनसे ऑन एन एवरेज कितने पैसे लेते हैं आप लोग 500 500 पर सब्जेक्ट हा कुछ बच्चे दो या तीन सब्जेक्ट भी पढ़ते होंगे जैसे वो 11 के लिए है बाकी कॉमन होता है जैसे सिक्स टू 10थ जो है वो कॉमन है 500 टू 600 बाकी जो है वो सब्जेक्ट के वाइज है तो एक एवरेज अगर निकालेंगे तो 500 निकलेगा 500 पर बच्चा हो गया और आप बता रहे हैं अगर 50 बच्चे हैं तो महीने का 000 हो गया हां बस बट यही यही कमी है कि इतना कम क्यों है जब

(01:49) इतनी ज्यादा फैसिलिटी है और इंस्टिट्यूट खुले हुए हैं वहां पे हां कुछ छोटे-छोटे वैसे ही कुछ में 100 बच्चे इससे ज्यादा बहुत बड़े संस्थान नहीं है वहां कितना पे करते हैं वो लोग वही अप्रॉक्स 1000 और कितने टाइम से ये चल रहा है इंस्टीट्यूट लगभग फोर टू फाइव ईयर चार पाच साल से चल रहा है और यही सेम प्रॉब्लम आ रही है हां जैसे बच्चे बढ़ते हैं बच्चे एकदम से ग्रो करेंगे तो 100 प्लस हो जाएंगे बट उनका जो वो होता है कि वो इतना कवर अप नहीं कर पा रहे हैं पढ़ाई पे नहीं चाहते या क्या हो रहा है समझ नहीं आ रहा एकदम एवरेज नीचे आ जाता है देखो अगर 50 के 100 भी हो गए तब

(02:21) भी ये प्रॉब्लम सॉल्व नहीं होने वाली क्योंकि 0000 महीना आपके पास में अगर आ भी गया तो जो जगह आपने ली हुई है कोचिंग सेंटर प वो आपकी अपनी है या र नहीं रेंट पे है उसका रेंट कितना है अ 15000 000 तो रेंट हो गया प्लस आप कह रहे हैं दो-तीन टीचर्स भी रखे हुए हैं प्लस आपके फादर और मदर खुद भी बहुत अच्छे टीचर हैं जो अगर आज कहीं जाते हैं और जॉब कर लेते हैं तो अच्छा खासा कमा सकते हैं और चार पा साल हो गए ऑलरेडी यह करते हुए तो जो मेरे को समझ आ रहा है आपकी बातों से एक रीजन यह हो सकता है कि जिस एरिया में आपका कोचिंग सेंटर है वहां पर लोगों की इतनी पंग

(02:56) कैपेसिटी नहीं है दूसरा रीजन यह हो सकता है कि पंग कैपेसिटी तो है है लेकिन वो कहीं और जा रहे हैं आपके पास में नहीं आ रहे हैं बट ऐसा भी नहीं है अभी आपने कहा क्योंकि दो-तीन कोचिंग सेंटर्स हैं वो भी छोटे-छोटे हैं वो भी कोई बहुत ज्यादा बड़े नहीं है और बहुत ज्यादा वो भी चार्ज नहीं कर रहे हैं क्योंकि अगर आपने 500 से 1000 भी चार्ज कर लिया तब भी कुछ नहीं होने वाला है नहीं सर बहुत बड़ा अंतर आ जाता है 500 पे करने में और 1000 पे करने में नंबर नंबर जो होते हैं नंबर ऑफ पीपल्स बहुत कम हो जाते हैं दैट इज व्हाट आई एम सेइंग के

(03:23) लोग कम हो जाएंगे लेकिन मैं कह रहा हूं अगर लोग उतने भी रहे तब भी कोई बेनिफिट नहीं होने वाला इस बिजनेस में क्योंकि ब तब भी लॉस में जाएगा यह बिजनेस अभी भी लॉस में जा रहा है और आगे भी फिर लॉस में ही चला जाएगा क्योंकि आपके खर्चे बहुत ज्यादा है अगर आप कैलकुलेट करेंगे जो जगह रेंट पर ली हुई है प्लस जो दो तीन टीचर्स आपने रखे हुए हैं प्लस जो आपके फादर है मदर है उनका भी तो अपना एक लेवल है ना कि अगर वो मार्केट में जाते हैं कहीं पर जॉब करते हैं तो उनको भी तो कुछ अमाउंट मिलेगा वहां से मान लो 000 भी मिलता है एक को तो 00 तो

(03:53) वही हो गया जो वो गवा रहे हैं तो व्ट यू नीड टू डू इज कि आपको और आपके पेरेंट्स को बैठ करके समझना होगा कि इसके पीछे क्या रीजन है क्यों ऐसा हो रहा है जो मैं आपको बता सकता हूं जो मेरे को समझ आ रहा है एक है कि आपको अपनी लोकेशन को चेंज करना पड़ेगा क्योंकि वहां पे हो सकता है पेइंग कैपेसिटी इतनी ना हो लोगों की किसी ऐसी लोकेशन में जाना होगा जहां पर कि पेइंग कैपेसिटी अच्छी हो दैट इज वन नंबर टू कोचिंग में लोग आते क्यों हैं दैट यू नीड टू थिंक हो सकता है उस परे कभी हमने ज्यादा सोचा ही नहीं है हम बस यह सोच रहे हैं हम अपनी तरफ से अच्छी एजुकेशन

(04:31) प्रोवाइड कर रहे हैं अच्छे से पढ़ा रहे हैं बच्चों को तो बच्चे आ जाएंगे जबकि ऐसा नहीं होता है आप बताओ मतलब मैं अगर आपसे पूछूं किसी भी कोचिंग में अगर कोई बच्चा आता है तो वो क्यों आता है अगर कोई 11 12थ का आ रहा है वो क्यों आता है ताकि उसे बेस्ट एजुकेशन मिल सके बेस्ट एजुकेशन की क्या डेफिनेशन है व्हाट डू यू मीन बाय बेस्ट एजुकेशन हर कोई कोचिंग वाला कहेगा हमारे यहां पर बेस्ट एजुकेशन है अगर आप किसी कोचिंग को जवाइन करते हो अभी आप क्या कर रहे हो इस वक्त स्टूडेंट स्टूडेंट मतलब क्या कर रहे हो दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोग्राम करें उसके साथ-साथ कुछ और भी कर

(05:02) रहे हो किसी एंट्रेंस की तैयारी कर रहे हो यूपीएससी की तैयारी करनी है बट अभी स्टार्ट नहीं की है तो अगर आप यूपीएससी की तैयारी के लिए किसी कोचिंग को जवाइन करोगे तो किस बेसिस पर करोगे क्योंकि हजारों कोचिंग सेंटर्स है इंडिया में उसमें से किसको करोगे और किसको नहीं करोगे उसके पीछे क्या रीजन होगा पहले तो जो उनके फैकल्टी मतलब फैकल्टी है उनके बारे में जानेंगे कि कौन ज्यादा मतलब अच्छा वो कर रहा है समझा रहा है लेक्चर का ट्यूटोरियल लेना और दूसरा रिजल्ट कैसा जा रहा है अब आप पॉइंट पे आए रिजल्ट मोस्ट इंपॉर्टेंट इज रिजल्ट तो कोचिंग में

(05:33) सबसे ज्यादा यही मैटर करता है मतलब पहली कंडीशन यह है कि जिस एरिया में आपने खोला हुआ है वहां पर पेइंग कैपेसिटी होनी चाहिए बच्चों की दैट इज वन नहीं तो बिजनेस मॉडल पूरी तरह से आप चेंज कर सकते हैं वो क्या हो सकता है अगर किसी गांव में आप पढ़ा रहे हैं तो इसको पूरी तरह से फ्री कर दो और इसको चैरिटेबल बना दो तो इफ यू मेक इट चैरिटेबल तो वर्ल्ड वाइड ऐसी बहुत सारी ऑर्गेनाइजेशन है जो इस तरह के इंस्टीट्यूट्स को सपोर्ट कर रही है और उसमें क्या क्या होता है कि जब आप एक चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन बनाते हैं तो आपके जो पेरेंट्स हैं वो खुद वहां से सैलरी भी

(06:05) ले सकते हैं तो कहीं और करने की बजाय वो अपनी जगह पे ही काम कर रहे हैं किसी के अंडर नहीं कर रहे एंड दे आर टेकिंग सैलरी एंड दे आर गेटिंग डोनेशंस सो दिस इज वन वे ऑफ डूइंग इट अगर उसी जगह पे करना है तो नहीं तो हमें किसी ऐसी जगह प जाना पड़ेगा जहां पर के लोगों की पेइंग कैपेसिटी हो क्योंकि पैसे ज्यादा चार्ज करने ही पड़ेंगे दो ही ऑप्शंस है या तो लोग बहुत ज्यादा चाहिए और पैसे कम या फिर लोग थोड़े कम भी होंगे लेकिन पैसे ज्यादा चार्ज करने पड़ेंगे यही दो ऑप्शन है ना हमारे पास में और तो कोई ऑप्शन नहीं है नहीं सर एक हमें जो कमी लगती है जैसे

(06:38) हम देखते हैं हम वहां पढ़ाते नहीं है बट मेरा वो रहता है ना कि हमें आगे ग्रो करना है तो उसके बारे में देखते रहते हैं कि क्या क्या एक और है कि अप्रोच नहीं हो पा रही है बच्चों तक क्योंकि बच्चों तक वो चीजें पहुंच नहीं पा रही है जो हमारे यहां है दैट इज नॉट इंपोर्टेंट दैट इज व्हाट आई एम ट्राइम टू से देखो ध्यान से सुनो ध्यान से समझो आप क्या सोच रहे हो कि जो आपके पास में है अगर वो बच्चों तक पहुंच गई तो बच्चे आ जाएंगे बच्चे खुद डिसीजन नहीं लेंगे बच्चों के पेरेंट्स डिसीजन लेंगे मैं ठीक कह रहा हूं गलत कह रहा हूं कि अगर

(07:04) कोई बच्चा नाइंथ में है 10थ में है तो वो उसके पेरेंट्स का डिसीजन है कि वो किस कोचिंग में जाएगा किसम नहीं जाएगा कि वो घर पर पड़ेगा या किसी कोचिंग में जाएगा बाहर राइट तो अब वो किस बेसिस पर डिसाइड होगा यू हैव टू शो रिजल्ट चार पाच साल में आपके कुछ ऐसे बच्चे होंगे जिन्होंने कुछ एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी अचीव किया है वो आपको दिखाना पड़ेगा और उसको बहुत ज्यादा अच्छे तरीके से हाईलाइट करना पड़ेगा यह अगर आप मुझसे पूछोगे कि क्या मैं ऐसा कुछ करूंगा या नहीं तो ऑनेस्टली बताऊ मैं नहीं करूंगा क्योंकि यह एथिकली ठीक नहीं है लेकिन पूरी

(07:40) दुनिया यही कर रही है तो अगर अपने कोचिंग को आपको चलाना है तो यह करना पड़ेगा मतलब आपके कोचिंग के बाहर बड़ी-बड़ी तीन चार फोटोग्राफ्स लगी होनी चाहिए कि मैथ्स में इस बच्चे ने यहां पर टॉप किया है वो हमारे कोचिंग से निकला है इसने फिजिक्स में यह किया है इसने केमिस्ट्री में किया है इसने अकाउंटेंसी में किया है इतने परसेंटेज आए हैं पेरेंट्स को बस इससे मतलब है उनको इससे मतलब नहीं है कि ओवरऑल आपका जो रिजल्ट है वो बेटर है जबकि देखना यह चाहिए आइडली पेरेंट्स को कि आप ओवरऑल बताओ कि आपके यहां से कितने बच्चे निकलते हैं हर साल के और एवरेज रिजल्ट उनका कितना आता है

(08:19) लेकिन जो बेसिक साइक है हम सबकी हमें यह सब बातें समझ नहीं आती है जैसे फॉर एग्जांपल अगर आप यूपीएससी में जाएंगे तो आपको यह नजर नहीं आएगा कि उस कोचिंग से कितने ऐसे बच्चे निकले जिनका कुछ नहीं हुआ कहीं पर भी और जो डिप्रेशन में चले गए या परेशान है हिम्मत हार गए इस सबसे ना तो आपको कोई मतलब है ना आप ये उनसे पूछोगे ना वह आपको बताएंगे और अगर ऐसा कोई थॉट भी आपके माइंड में आएगा चाहे वो खुद के आए चाहे मैं बोलू तब आए तो आप एकदम से उसको हटा दोगे आप कहोगे ये तो नेगेटिव थिंकिंग है मैं तो ऐसा कुछ सोचूंगी नहीं मेरा तो हो जाएगा तो सबको क्या चाहिए सबको नंबर वन

(08:57) चाहिए यही हमारे एजुकेशन सिस्टम की सबसे बड़ी प्रॉब्लम है कि यहां पर यह बात नहीं होती किय जो आप कर रहे हो इससे आपको क्या बेनिफिट होने वाला है लाइफ में बात यह होती है कि इसको क्रैक कर लो उसको क्रैक कर लो इतने मार्क्स ले आओ यहां पर टॉप कर लो मैं ठीक कह रहा हूं गलत कह रहा हूं बिल्कुल सही एक तरीके से मान लो कि एक ऐसी जगह है एक ऐसा गांव है जहां पर सारे बेवड़े हैं सब नशेड़ी है अब आप वहां पर जाकर के एक सेंटर खोलते हो नशा मुक्ति केंद्र तो आप उन सबके दुश्मन बन गए हो बट वो जो नशेड़ी है उनको वही देते हो जिसकी उनको लत है तो आप उनके दोस्त

(08:57) चाहिए यही हमारे एजुकेशन सिस्टम की सबसे बड़ी प्रॉब्लम है कि यहां पर यह बात नहीं होती किय जो आप कर रहे हो इससे आपको क्या बेनिफिट होने वाला है लाइफ में बात यह होती है कि इसको क्रैक कर लो उसको क्रैक कर लो इतने मार्क्स ले आओ यहां पर टॉप कर लो मैं ठीक कह रहा हूं गलत कह रहा हूं बिल्कुल सही एक तरीके से मान लो कि एक ऐसी जगह है एक ऐसा गांव है जहां पर सारे बेवड़े हैं सब नशेड़ी है अब आप वहां पर जाकर के एक सेंटर खोलते हो नशा मुक्ति केंद्र तो आप उन सबके दुश्मन बन गए हो बट वो जो नशेड़ी है उनको वही देते हो जिसकी उनको लत है तो आप उनके दोस्त

(09:39) हो तो एस हार्श एज इट मे साउंड बट दिस इज द रियलिटी इसी के हिसाब से एक्ट करना पड़ेगा इस इंडस्ट्री को समझ करके अपने आप को ऐसे दिखाना पड़ेगा कि आप नंबर वन कोचिंग इंस्टिट्यूट हो उस पूरे एरिया के कि अगर आपके बच्चे को आपके सपने पूरे करने हैं तो आपका ही एक कोचिंग इंस्टिट्यूट है जहां से व पूरे हो सकते हैं बाकी सब जगह तो बर्बादी ही बर्बादी है आपका बच्चा किसी काम का नहीं रहेगा आपके सारे सपने टूट जाएंगे आप जो इतना मेहनत करके पैसा कमा रहे हो और कोचिंग को दे रहे हो वो सब डूब जाएगा हमारे यहां आओगे तो आपका बच्चा देखो 98 पर लाएगा पूरे स्टेट में टॉप करेगा आपका जो

(09:39) हो तो एस हार्श एज इट मे साउंड बट दिस इज द रियलिटी इसी के हिसाब से एक्ट करना पड़ेगा इस इंडस्ट्री को समझ करके अपने आप को ऐसे दिखाना पड़ेगा कि आप नंबर वन कोचिंग इंस्टिट्यूट हो उस पूरे एरिया के कि अगर आपके बच्चे को आपके सपने पूरे करने हैं तो आपका ही एक कोचिंग इंस्टिट्यूट है जहां से व पूरे हो सकते हैं बाकी सब जगह तो बर्बादी ही बर्बादी है आपका बच्चा किसी काम का नहीं रहेगा आपके सारे सपने टूट जाएंगे आप जो इतना मेहनत करके पैसा कमा रहे हो और कोचिंग को दे रहे हो वो सब डूब जाएगा हमारे यहां आओगे तो आपका बच्चा देखो 98 पर लाएगा पूरे स्टेट में टॉप करेगा आपका जो

(10:20) बच्चा है या पूरी कंट्री में टॉप करेगा व्ट एवर अब ये कैसे होगा दैट यू नीड टू फिगर आउट अगर अपने काम को चलाना है तो अगर एज बिजनेस इसको चलाना है तो और यह सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा आप लोगों को क्योंकि इस तरह से कोई अंदर की बात करता नहीं है लेकिन अगर किसी को भी देखोगे जो इस तरह की कोचिंग चला रहा है किसी भी चीज की सब यही कर रहे हैं यहां तक कि यह भी करना पड़ता है कि बच्चा आपके यहां से नहीं निकला है किसी और कोचिंग से निकला है बट जाकर के उनके पेरेंट से मिलना है उनको थोड़े से पैसे देने हैं और बोलना है कि भाई यह हमारी कोचिंग से निकला है

(10:20) बच्चा है या पूरी कंट्री में टॉप करेगा व्ट एवर अब ये कैसे होगा दैट यू नीड टू फिगर आउट अगर अपने काम को चलाना है तो अगर एज बिजनेस इसको चलाना है तो और यह सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा आप लोगों को क्योंकि इस तरह से कोई अंदर की बात करता नहीं है लेकिन अगर किसी को भी देखोगे जो इस तरह की कोचिंग चला रहा है किसी भी चीज की सब यही कर रहे हैं यहां तक कि यह भी करना पड़ता है कि बच्चा आपके यहां से नहीं निकला है किसी और कोचिंग से निकला है बट जाकर के उनके पेरेंट से मिलना है उनको थोड़े से पैसे देने हैं और बोलना है कि भाई यह हमारी कोचिंग से निकला है

(10:58) ऐसे बच्चों ढूं ढूंढ करके लाना है चाहे वो आपके जिले से थोड़ा दूर भी हो क्योंकि दो चार सेलिब्रिटी बच्चों की फोटोग्राफ चाहिए आपको जो सब जगह वहां पर पोस्टर्स लगे हो और होर्डिंग्स लगे हो तभी तो आपका कोचिंग इंस्टिट्यूट उठेगा जी सर नहीं तो पढ़ाते रहो हमारी बेस्ट एजुकेशन है हमारे बेस्ट टीचर्स है हमारा यह हमारा वो है बहुत बढ़िया उनको व सब चाहिए ही नहीं जो उनको चाहिए वही देना पड़ेगा आप समझ पा रहे हो मैं क्या कह रहा हूं जी सर मतलब वहां पर जाकर के के बीच में ये नहीं बोलना है कि हमारा नशा मुक्ति केंद्र बेस्ट है वो क बेस्ट है तो यहां

(10:58) ऐसे बच्चों ढूं ढूंढ करके लाना है चाहे वो आपके जिले से थोड़ा दूर भी हो क्योंकि दो चार सेलिब्रिटी बच्चों की फोटोग्राफ चाहिए आपको जो सब जगह वहां पर पोस्टर्स लगे हो और होर्डिंग्स लगे हो तभी तो आपका कोचिंग इंस्टिट्यूट उठेगा जी सर नहीं तो पढ़ाते रहो हमारी बेस्ट एजुकेशन है हमारे बेस्ट टीचर्स है हमारा यह हमारा वो है बहुत बढ़िया उनको व सब चाहिए ही नहीं जो उनको चाहिए वही देना पड़ेगा आप समझ पा रहे हो मैं क्या कह रहा हूं जी सर मतलब वहां पर जाकर के के बीच में ये नहीं बोलना है कि हमारा नशा मुक्ति केंद्र बेस्ट है वो क बेस्ट है तो यहां

(11:34) नहीं वहां जाकर के खोलो पहले तो हमारे गांव के आसपास नजर मत आ जाना आप सबसे पहले तो यह प्रॉब्लम आएगी आपको तो वहां पर क्या बोलना है कि यह जो आपको लत है ना उसमें जो बेस्ट नशा है वह हमारे पास है वहां से कितने का ले रहे हो र का यह देखो यहां पर 50 का देना है लेकिन जो उसके बाद दशा होगा जो आपके सपनों का नशा है वो यहीं से पूरे हो सकते सपनों में बहुत नशा है रात को जब कोई अच्छे सपने आ रहे होते हैं तो उसमें नशा है या नहीं है अरे सर क्या दुखती नस प हाथ रख रहे हो सर बहुत मजा आता है सर जो हम असलियत में नहीं कर पाते हैं व हम सपनों की दुनिया

(12:18) में करते हैं यही तो आपके मां बाप कर रहे हैं व कोई आपसे अलग थोड़ी है सपने तो उनके भी हैं तो यह सपनों का बिजनेस है जिसको आप कोचिंग कह नहीं तो एक्चुअल में कोचिंग इंडस्ट्री की जरूरत क्या है अगर स्कूल कॉलेज में ढंग से पढ़ाई हो जाए तो व्हाई डू वी नीड कोचिंग वी डोंट नीड इट तो आपको कुछ क्लेरिटी आई आपने बताया कि कैसे अप्रोच करना है कि जो कुछ नए मतलब जो होते है ना कि टॉपर होते हैं उनका चहरा सामने लाना है अपनी कोचिंग को दिखाने के लिए उस भीड़ में ये नहीं दिखाना कि हम उनसे अलग हैं हम कुछ अलग दे रहे हैं नहीं उनको यह दिखाना है कि जो आप दे रहे हैं हम उसम बेस्ट दे रहे हैं लेट्स ग ब राउंड ऑ अप्ल

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