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Ram Rajya After Ram Mandir? (Or Same Same) | #pranpratistha | Akash Banerjee

जैसे-जैसे 22 जनवरी का दिन नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे राम भक्तों में उत्साह बढ़ रहा है राजनीतिक बयानबाजी गर्मा रही है और धर्म गुरुओं के बीच तू तू मैम चरम सीमा तक पहुंच चुकी है चार शंकराचार्य सुर्खियों में आए जब उन्होंने कहा कि व प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या नहीं जाएंगे उनमें से दो का अभी भी मानना है कि मंदिर देवता का शरीर होता है और जब शरीर पूरा ही नहीं हुआ है तो उसमें प्राण प्रतिष्ठा कैसे कर सकते हो और ऐसा करने से बुरा प्रभाव भी पड़ सकता अगर मंदिर अभी निर्माणाधीन है अभी वह पूरा नहीं बना है तो वहां पर वास्तु प्रतिष्ठा और मूर्ति की

Ram Rajya After Ram Mandir? Unveiling the Vision of #PranPratistha | Akash Banerjee

(00:37) प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है जो मंदिर होता है वह मंदिर जो है असल में भगवान का शरीर होता है अभी व शरीर बना ही नहीं और आप प्राण उसमें डालने की बात कर रहे हैं वो तो पंगु हो जाएगा ऐसे बयानों के बाद शंकराचार्य को मोदी विरोधी कहक उन्हें दरकिनार करने की कोशिश की गई आफ्टर ऑल उन्हें राम जन्मभूमि के लिए उन्होंने किया क्या है शकर मला त्या योगदान जीवनात सांगाव हे योगदान हिंदू धर्मा दिल स्वामी अवि मुक्तेश्वरा नंद सरस्वती ने यहां तक बयान दे डाला कि राम मंदिर भव्य तो बना ही नहीं क्योंकि इलेक्शंस को मद्देनजर रखते हुए छोटा सा मंदिर बनवाया गया क्योंकि

(01:14) भव्य मंदिर के लिए तो 101 साल लग जाते और इलेक्शंस को मद्देनजर रखते हुए कंस्ट्रक्शन करवाया गया और तब भी टाइम से सारे साधन होने के बावजूद मंदिर टाइम से नहीं बन पाया और वो राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सेक्रेटरी चंपत राय को जिम्मेदार ठहराते हैं इसके लिए य ये असल में मोदी जी को धोखा दिया है उनकी टीम ने यह जो चंपत राय नाम का व्यक्ति है और यह जो उसके साथी लोग हैं निपेंद्र मिश्रा वगैरह इनका फेलर हैय टाइम पर इन्होंने उसको तैयार नहीं कर दिया वही चंपत राय जिन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी को विष्णु भगवान का अवतार भी बताया प्रधानमंत्री इस देश के

(01:52) भगवान विष्णु का अवतार है नॉट ए मैन उससे ऊपर है कुछ लेकिन चंपत राय और श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के साथ निर्मोही अखाड़ा भी नाखुश है यह वो अखाड़ा है जो वन ऑफ द मेन प्लेंटिफ्स था इन द राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद टाइटल सूट तो इन्होंने तो खैर मंदिर के लिए काफी कुछ किया है अखाड़ा का यह अब कहना है कि जो टेंपल ट्रस्ट है जिसे यह पूरी जिम्मेदारी दी गई थी वह रामानंदी ट्रेडीशंस में प्राण प्रतिष्ठा नहीं कर रहा है और मिक्स ट्रेडीशंस इस्तेमाल कर रहा है जो उन्हें मंजूर नहीं है सालों से निर्मोही अखाड़ा ने यह मांग की है कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा करने का

(02:33) हक दिया जाए उन्हें यहां पूजा पाठ करने का हक दिया जाए मंदिर के लिए संघर्ष उन्होंने किया था विवाद के साथ थोड़ा-थोड़ा व्यंग भी चल रहा है पुराना ग मैप का पोस्ट देखकर whatsapp2 उत्तेजित हो गए उन्हें अचानक पता चला कि राम मंदिर विवादित बाबरी मस्जिद के स्थल पर तो बन ही नहीं रहा है बल्कि बाबरी मस्जिद के स्थल से 3 किलोमीटर दूर बन रहा है हिंदुओं के साथ इतना बड़ा धोखा विवादित ढा ं चा गिरा दिया दंगे भी हुए नफरत भी फैली और फिर मंदिर भी वहां नहीं बना रहे हो जिस जगह पर मंदिर बनाने की बात चल रही थी वहां मंदिर नहीं बना है वहां से 4 किलोमीटर दूर मंदिर बना है वो

(03:10) तो कोई भी बना सकता था लेकिन जल्द ये न्यूज़ फेक ही साबित हो गई थोड़ा बहुत विवाद थोड़ी कंट्रोवर्सीज और थोड़ा फेक न्यूज़ तो चलता रहेगा लेकिन इसमें कोई डाउट नहीं है कि 500 साल का इंतजार अब खत्म होने वाला है भगवान राम घर आ रहे हैं और इसके साथ-साथ एक लंबे दौर तक चलती हुई राजनीतिक अभियान अब उसकी समाप्ति होने वाली है जिसे कई पीढ़ियों ने कंधा दिया जिसके वजह से कई जाने गई जिसके वजह से देश को कई दंगे भी देखने पड़े लेकिन अंत में शांतिपूर्ण तरीके से राम मंदिर का निर्माण हो गया सवाल देश भक्त पर यह है कि राम मंदिर की स्थापना के बाद अब क्या हम राम

(03:50) राज्य का निर्माण पर उस पर फोकस दे पाएंगे देशभक्त के लॉन्ग टर्म व्यूवर्स ये जानते हैं हमारी राय क्या है राम मंदिर के बारे में बन जाने दो राम मंदिर लेकिन फिर कोई एक्सक्यूज मत देना देश के विकास के लिए राम राज के निर्माण के लिए अब उसमें फिर कोई बाधा नहीं आनी चाहिए तो क्या राम मंदिर के बाद यह बंटवारे नफरत बदले की राजनीति अब खत्म हो जाएगी या फिर और भी ज्यादा तूल पकड़े गी या अब हम आशा कर सकते हैं कि सिर्फ सामाजिक और आर्थिक विकास पर ही फोकस होगा अब यह एक सवाल इस एक सवाल के जवाब से आप आंक सकते हो कि देश की दशा और दिशा क्या होगी अगले 25 50 सालों तक अब

(04:33) आसान तो नहीं है लेकिन इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं आज के देशभक्त एपिसोड में हम शायद इस बात को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट का यूनानिमिटी सूट केस में और विवादित स्थल को हिंदुओं के नाम कर दिया गया सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसके बाद देश भर में कोई दंगा अरे कोई खून खराबा तक नहीं हुआ था ऐसा नहीं है कि जजमेंट परफेक्ट था उसमें बहुत सारे सवाल थे जिसका जवाब आज तक भी नहीं मिला है कुछ सवाल हमने भी पूछे थे देशभक्त पर टाइम मिले तो वह एपिसोड देख लेना लेकिन अहम बात यह है कि जजमेंट आते-आते सबके मन में यह

(05:10) बात सेट हो चुकी थी कि यह सुप्रीम कोर्ट वर्डिक्ट ऐसे विवादों का अंत है शुरुआत नहीं अंत है और यह कोई प्रेसिडेंट नहीं बना देगा कि इसको यूज करके इस जजमेंट को यूज करके दूसरे जगह विवाद खड़ा कर दिया जाए दूसरी बात सब समुदाय में इस बात की अनुभूति थी कि भगवान राम के जन्म स्थल पर एक मंदिर जायज है अब अयोध्या तो पूरी दुनिया में एक ही है और इसीलिए ब्रॉड कंसेंसस इस बात पर थी मैं ये नहीं कह रहा हूं 100% लेकिन एक ब्रॉड कंसेंसस इस बात की थी कि भैया इस विवाद को यही समाप्त करो जिससे कम से कम अब मंदिर का निर्माण हो अब देश आगे बढ़े और यह खून खराबा अब रुक जाए

(05:53) सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले एक मीडिएट भी चला था और मामला इतना पेचीदा होने के के बावजूद कुछ चीजें डेवलप हुई थी कुछ चीजें सामने आई थी इस मीडिएट जो मीडिएवल था उसमें विभाजित स्थल को हिंदुओं को सौंपा जाए बिना किसी कंपनसेशन देश भर में बाकी मस्जिदों की प्रोटेक्शन और बढ़ाई जाए प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट को और मजबूत किया जाए कुछ मस्जिद जो एएसआई की देखरेख में है उनमें प्रेयर्स अलाउ किया जाए लेकिन अल्टीमेटली यह मीडिएट सफल नहीं हुआ सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई करनी पड़ी अल्टीमेटली अपना फैसला देना पड़ा जैसे कि मैंने पहले भी कहा वर्डिक्ट जब आया

(06:28) परफेक्ट नहीं था और शायद ऐसे पेची दे मामले में परफेक्ट वर्डिक्ट हो भी नहीं सकता है कि सारे साइड सारे पक्ष खुश हो जाएं जजमेंट में ना किसी जज का नाम था और कहीं-कहीं लॉजिक तो a + b स् = एक्स्ट्रा 2ab वाला लॉजिक था बरे विवादित स्थल के बाहर का लैंड किसी का है तो उसे अंदर का भी लैंड दे दो ये कोई लॉजिक नहीं होता है लेकिन कहीं ना कहीं एक पूरे देश में एक बात का एहसास था कि सालों से सुलगता हुआ मुद्दा अब खत्म हो जाएगा ना श्रद्धालु दुखी ना इसपे राज राजनीतिक रोटिया अब सेकी जाएंगे या शायद हम थोड़ा ज्यादा ही ऑप्टिमिस्टिक सोच रख रहे हैं इस बारे में

(07:07) ऐसे मंदिर मस्जिद विवाद रोकने के लिए प्लेसेस ऑफ वशिप स्पेशल प्रोविजन एक्ट 1991 लाया गया था अगर इस एक्ट के बारे में और भी जानना चाहते हो और इसको लेकर विवाद के बारे में जानना चाहते हो तो नीचे कमेंट सेक्शन में लिख दो मैं जरूर बनाने की कोशिश करूंगा इस पर एक एपिसोड लेकिन बेसिकली ये एक्ट नेट नेट ये कहता है कि किसी भी धार्मिक स्थल मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च आप उसके साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते हो उसे बदल नहीं सकते हो लेकिन इस लेजिसलेशन में बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि डिस्प्यूट को एज एन एमपन रखा गया था जो कि सुप्रीम कोर्ट के बाद सुलझ गया

(07:41) विवादित स्थल को हिंदुओं के नाम करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसी प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट की बात की और इसे बेसिक स्ट्रक्चर ऑफ द कांस्टिट्यूशन से कंपेयर किया अब ये बेसिक स्ट्रक्चर में आता है या नहीं ये डिबेटेबल फैक्ट है इस पर एक लंबा डिबेट छिड़ा हुआ है लेकिन उम्मीद सुप्रीम कोर्ट ने यही जताई थी थी कि आने वाले कल में कोई भी सरकार कोई भी मेजॉरिटेरियन सरकार भी इस एक्ट के साथ छेड़छाड़ ना करें वर्डिक्ट के समय बहुत लोगों ने बहुत समुदायों का यह मानना था कि भारत में ऐसे विवादों का अब एंड होगा लेकिन एक पार्टी थी जिसने इसके बारे में आज तक कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया

(08:19) है और अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनते बनते अब काशी और मथुरा में भी ढोल नगाड़े बजने शुरू हो गए हैं प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट को खत्म करने की की बात भी शुरू हो गई है दशकों पहले वाला राम मंदिर की मांग वही साइकिल फिर से शुरू करने की कोशिश हो रही है दूसरे स्थलों पर ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए कोर्ट ने मंजूरी दे दी बिना कोई छेड़छाड़ किए एक सर्वे किया जाए और पता लगाया जाए कि ज्ञानवापी मॉस्क के आस पड़ोस ऊपर नीचे क्या है क्योंकि वहां वजू खाने में एक शिवलिंग टाइप स्ट्रक्चर मिला था ज्ञानवापी मॉस्क के बारे में हमने पूरा एक एपिसोड बना के रखा है उसको

(08:59) देखिएगा कि यह कैसे एक और विवादित मुद्दा बन सकता है और उसी के ठीक बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा स्थित शाही ईदगाह मॉस्क उसमें भी सर्वे की परमिशन दे दी अब लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह परमिशन को होल्ड पे डाल दिया गया है क्योंकि उसमें कोई लॉजिक नहीं दिखा सुप्रीम कोर्ट को भव्य राम मंदिर का निर्माण एक लंबे अरसे से चलते आए चेष्टा का अंजाम है लेकिन क्या अयोध्या के बाद काशी उसके बाद मथुरा और फिर पता नहीं कहां-कहां क्या इसमें कोई डिबेट नहीं है कि इतिहास में गलत काम हुए हैं लेकिन देश कब तक इतिहास को बदलने में जुटा रहेगा बदला लेने में जुटा रहेगा

(09:41) कितना खून खराबा और हम देखेंगे कितना समय और इसमें जाएगा चाहे वो सिटीजंस हो चाहे वो विपक्ष हो या चाहे वह कोर्ट हो संविधान के प्रति हमें थोड़ा सा और रिस्पेक्ट दिखाना पड़ेगा थोड़ा और अवेयरनेस दिखाना पड़ेगा ताकि राम मंदिर के बाद हम राम राज्य के बारे में ध्यान न केंद्रित कर पाए ना कि और भी मुद्दे जो हमारे नेतागण हमें फिर उलझा के रखेंगे एक ऐसे देश की कल्पना हो जहां पिछड़े वर्गों को कुचला ना जाए जहां उनके घरों पर बुलडोजर ना चला दिया जाए आए दिन एक देश जहां चीन घुस बैट ना करे और फिर हम उनसे 100 बिलियन डॉलर का सामान भी इंपोर्ट कराएं एक ऐसा देश जहां

(10:22) 80 करोड़ देशवासियों को सरकारी राशन पर जिंदा ना रहना पड़े उन्हें नौकरी और उन्हें परिश्रम का अवसर मिले एक ऐसा देश जहां गैंग रिपस को फूलों का हार ना पहना दिया जाए और जेल से रिहा ना कर दिया जाए जहां गरीब का कर्जा उनकी जान ना ले ले जबकि अमीर विदेश फरार हो जाए एक ऐसा देश जहां लब्ज आजाद हो एक ऐसा देश जहां छोटे-छोटे पूंजपि हों को भी वही सुविधा मिले जो बड़े-बड़े को मिलती है रामराज आर्थिक और सामाजिक दोनों के निर्माण में अभी बहुत कार्य बाकी है और एक क्षण भी अब व्यर्थ करने के लिए हमारे पास नहीं है मैं तो यही कहूंगा कि 23 जनवरी से ही इस राम

(11:06) राज्य का निर्माण हमें करना शुरू होना पड़ेगा लेकिन क्या ऐसे राम राज्य की कल्पना हम कर भी सकते हैं या यह भी विशफुल थिंकिंग हो गया है क्योंकि हो सकता है कल नेतागण फिर से श्रद्धालुओं को डराए उनको धमका उनको ललचाए उनको भटका हो सकता है ऐसा हो बहुत ज्यादा ही चांसेस हैं लेकिन याद रखो दुनिया तो तेजी से तरक्की कर रही है लोग आगे बढ़ रहे हैं बड़े-बड़े पूंजप नोट छाप रहे हैं देश की जीडीपी ओवरऑल तो ऊपर जा रही है बड़े-बड़े उद्योगपति भी ऊपर जा रहे हैं बस आप और हम अच्छे दिनों का इंतजार ही कर रहे हैं कभी सर्दी में ठिठुर रहे हैं कभी गर्मी में झुलस रहे हैं हो सकता है कि हमारी भी भगवान कभी सुन ले और एक ऐसे देश के निर्माण के तरफ जाए जहां भगवान राम भी उसको देखकर प्रसन्न हो

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