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12वीं FAIL साइबर ठग अरेस्ट, जामताड़ा से ट्रेनिंग, विदेशियों से करोड़ों की ठगी

हाय फ्रेंड्स वेलकम बैक टू माय चैनल अजय टॉक्स तो दोस्तों आपने 12थ फेल मूवी देखी है अगर नहीं देखी है तो जरूर देखिएगा बहुत ज्यादा मोटिवेशन और इंस्पिरेशन मिलने वाला है अब 12थ फेल करने के बाद उस मूवी का जो नायक है वह किस तरह से यूपीएससी की परीक्षा को है पार कर लेता है कैसे वह मेहनत करता है अभावों की जिंदगी में जीता है यह सारी जो कहानी है वह 12थ फेल की कहानी है लेकिन आज मैं आपको कुछ ऐसे 12थ फेल की कहानी सुनाने वाला हूं जो कि 12थ फेल होने के बाद बाद सीधे एडमिशन ले लेते हैं जामताड़ा के साइबर क्राइम इंस्टिट्यूट में ऐसा कोई इंस्टिट्यूट नहीं है लेकिन आज

Cyber Fraudster Arrested: 12th Grade Dropout Turns Cybercriminal, Millions Scammed through Foreign Connections!

(00:37) जो है मैं खबर बताने वाला हूं उसमें चार ऐसे ही अपराधी हैं जिनको जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है तो गिरफ्तार साइबर अपराधियों में से जो सरगना है उसका नाम है अभिषेक कुमार जो कि बिहार का रहने वाला है उम्र है 22 साल दो जो साइबर अपराधी यानी कि उसके साथी हैं वो भीलवाड़ा के रहने वाले हैं और एक जयपुर का ये सभी लोग जयपुर के विद्याधर नगर में एक किराए के मकान पर रहते हैं और साथ में करोड़ों की ठगी करते हैं घर बैठे आराम से 12थ फेल हैं इनको इंस्पिरेशन मिली कि इनको जामताड़ा के साइबर इंस्टिट्यूट से जहां पर साइबर क्राइम कैसे करना है अलग-अलग विद्या एं

(01:10) क्या टेक्नोलॉजी यूज करनी है ये सारी विद्या एं उन्होंने सीखी कहां से जामताड़ा से और उसके बाद कुछ ट से भी इन्होंने सीखी और उसके बाद इन्होंने लोगों को ठगना शुरू कर दिया और लोगों को ठगने के लिए इन्होंने किराए का मकान लिया किराए के मकान में रहते हुए ये करोड़ों रुपए की ठगी अब तक कर चुके हैं इनके जो शिकार हैं उनमें से ज्यादातर विदेशी लोग हैं जी हां विदेशी लोगों को शिकार बनाते हैं ताकि वो लोग इंडिया में आकर रिपोर्ट ना करा पाए और अगर रिपोर्ट हो भी गई तो वो बयान दर्ज करने नहीं आ पाए गिरफ्तारी हो भी जाएगी तो सामने से कोई गवाही देने नहीं आएगा तो

(01:43) आसानी से छूट जाएंगे तो समझते हैं कि इनकी मॉडेस्ट ऑपरेंडी क्या है और इनके पास छानबीन में क्या-क्या बरामद हुआ है आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि पूरी दुनिया के 20 करोड़ से अधिक लोगों का डेटाबेस इनके पास बरामद हुआ है उसमें से 15 करोड़ लोगों के जो डेटाबेस हैं वो इस तरह के हैं जिसमें कि उनकी डेबिट कार्ड डिटेल क्रेडिट कार्ड डिटेल उनके सीवीवी और पिन ये सारी इंफॉर्मेशन एड्रेस सहित मौजूद है कितने 15 करोड़ से अधिक लोगों का ऐसा डेटाबेस है साथ ही इनके साथ 1 करोड़ से अधिक लोगों के आधार कार्ड का डिटेल भी मौजूद है और दो करोड़ से अधिक लोगों के

(02:30) का बनाते थे तो आप समझते हैं कि इनका मॉडेस्ट ऑपर एंडडी क्या था लोगों को ठक कैसे थे तो मैं यहां आपको समझा देता हूं कि भले ही ये लोग 12थ फेल थे लेकिन टेक्नोलॉजी में बहुत पारंगत थे पारंगत किस तरह से थे कि जब भी ये किसी को कॉल करते थे फर्जी नंबरों से कॉल करते थे और अपनी लोकेशन को बार-बार बाउंस करवाते थे यानी कि इनकी लोकेशन जहां पर ये मौजूद हैं वहां की कभी दिखाई ही नहीं देती थी इसलिए इनको पकड़ना आसान नहीं था किसी मुखबिर की सूचना पर इनको गिरफ्तार किया गया है सोच सकते हैं आप तो यहां पर और ये क्या करते थे ये विदेशी लोगों के क्रेडिट कार्ड का

(03:02) इस्तेमाल करते थे और इंडिया की अलग-अलग ऑनलाइन वेबसाइट से जाकर के शॉपिंग किया करते थे शॉपिंग भी किसके नाम पर करते थे कस्टमर के नाम पर जिसको कि व महंगा सामान बेच रहे होते थे लेकिन बेचने के लिए जो पेमेंट करने के टाइम पर वो जो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं वो करते थे किसी विदेशी व्यक्ति का अब उस विदेशी व्यक्ति को कई बार तो होता था कि तब तुरंत पता ही नहीं चलता था कि उनके पैसे इस तरह से किसी प्लेटफार्म पर लग गए हैं और उनके कार्ड से पैसे कट गए हैं जब स्टेटमेंट आता होगा जब उनको भरना होता होगा तब उनको रिलाइज होता है कि उनके खाते से यह फर्जी

(03:36) पैसे गए हैं उनको जो है स्कैम का शिकार बना लिया है अब ये क्या करते थे ये ग्राहकों को ढूंढते थे सोशल मीडिया पे जैसे कि के लिए भी इन्होंने फर्जी खातों का इस्तेमाल किया तो इनके पास पैसा कैसे आया कस्टमर ने जिसको कि ये मोबाइल बेचने वाले उससे ये ₹5000000 अपने खाते में ले लेते हैं उसके बाद

(04:47) amazon’s का भी होगा वो भी इस्तेमाल कर लेते हैं करने के बाद जब प्रोडक्ट डिलीवर होता है किसके पास डिलीवर होता है उस कस्टमर के पास डिलीवर होता है लेकिन जब जांच होती है यानी कि अगर जिसका कार्ड इस्तेमाल किया गया है जब वो जब वो पुलिस में अपनी जो है कंप्लेंट दायर करता है तो क्या पता चलेगा कि किसने खरीदा है amazonbusiness.in पैसा मिलता है वो यूजर से

(05:31)  मिलता है सामान डिलीवर हुआ या नहीं हुआ कार्ड किसका इस्तेमाल हो रहा है किसी और का इस्तेमाल हो रहा है तो इनका जो डायरेक्ट इंवॉल्वमेंट है वो कहीं से कहीं तक नजर नहीं आता इसलिए कहा जाता है कि टेक्नोलॉजिकल इतना माहिर थे कि कान इधर से घुमा कर के पकड़ते थे पैसा लोगों से लिया कोई शक नहीं पुलिस पकड़े गी तो उसको पकड़े गी जिसके पास सामान डिलीवर हुआ है दूसरा इनका क्या तरीका था मॉडरेस ऑपरेंडी क्या था ये क्या करते थे कि जो ओटीडी प्लेटफॉर्म पे बहुत सारी मूवीज आती थी बॉलीवुड हॉलीवुड की और जो सीरीज होती थी उनको यह डाउनलोड कर लेते थे इनके पास एक

(06:03) ऐसी विद्या भी थी जिससे कि यह एजिस्टिफाई रेजोल्यूशन वाले वीडियोस को क्रैक करके डाउनलोड कर लेते थे डाउनलोड करने के बाद उनको सस्ते दामों में अपना ही इन्होंने एक ओटीटी प्लेटफार्म बना रखा था वहां पर उसको बेचते थे तो यहां पर उन्होंने किसको शिकार बनाया यहां पर दरअसल वो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को बेचने वा जो मतलब प्रोड्यूसर्स होते हैं या जो डायरेक्टर्स होते हैं जो कि पूरी एक सीरीज बनाते हैं मूवी बनाते हैं और उसको ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को बेचते थे दरअसल उनको ये चूना लगा रहे थे क्यों क्योंकि उनका नुकसान होगा सस्ते दामों में अगर किसी और

(06:34) अन्य ऐसे फेक ओटीटी प्लेटफार्म पर इस तरह के डाउनलोडेबल सीरीज मिल जाएंगी तो नुकसान किसका होगा बंदा एक्चुअल में ओटीटी प्लेटफार्म पे जाकर सब्सक्रिप्शन नहीं ले रहा है सस्ते दामों पे यहां ले रहा है तो इस तरह से भी इन्होंने लाखों करोड़ों रुपए का जो चुना है वो हॉलीवुड और बॉलीवुड को भी एक कमरे में बैठ कर के लगाया तो जैसा कि आपने देखा कि आपको बहुत ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि हो सकता है आपके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हो जाए आपके डेबिट डेबिट कार्ड का इस्तेमाल हो जाए बहुत सारी ऐसी सोशल मीडिया पर एप्स आती हैं आप देखते हैं जहां पर जो फर्जी ऑनलाइन

(07:05) शॉपिंग वाली होती हैं जहां पर सस्ते दामों में कई बार चीजें लिस्टेड होती है अब वहां जाते हैं अपने कार्ड की डिटेल्स डाल कर के आ जाते हैं सामान आए या ना आए आपको लगता है कि यार कुछ हुआ नहीं लेकिन वो डाटा कैप्चर कर लिया जाता है किसके द्वारा इन लोगों के द्वारा और आपको एक और बात बता देता हूं कि जितनी भी ऑनलाइन पोर्टल्स है ई-कॉमर्स की ठीक है ना जहां से आप सामान खरीदते हैं मैं आपको यकीन के साथ कह सकता हूं कि उनका जो डाटा होता है वहां से भी लीक हो ने के पूरे चांसेस होते हैं बहुत सारी ऐसी वेबसाइट्स होती हैं जो बंद हो जाती है बड़े-बड़े स्टार्टअप्स बंद हुए

(07:34) हैं तो उनका डाटा कहां जाता है क्या वो सिक्योर्ड है नहीं है कोई नहीं जानता यहां मैं किसी के ऊपर कोई इल्जाम नहीं लगा रहा हूं लेकिन सच्चाई यही है कि अगर इस तरह के स्कैमर्स के पास में 20 करोड़ से अधिक का डेटा बेस जिसमें कि सारी डिटेल्स हैं मतलब एड्रेस भी है ना कौन सा कार्ड है किस ब्रांड का कार्ड है उनकी एंड डेट क्या है वैलिडिटी कब की है सीवीवी क्या है सब कुछ उनके पास है तो डाटा कहां से आया कोई तो दे रहा है उनको डाटा तो बहुत ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है अपने मोबाइल पर एसएमएस पर ऐप पे देखिए अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो उसमें बहुत सारे आजकल

(08:06) क्रेडिट कार्ड हो गए हैं जिनकी ऐप में आप ऑनलाइन सर्विसेस को इनेबल डिसेबल कर सकते हैं तो आपको जब इस्तेमाल करना है आप जाइए इनेबल कीजिए बाकी टाइम पे उसको डिसेबल रखिए इस तरह की छोटी-छोटी टिप्स जो होती हैं उनका सहारा लेकर के ही आप इस तरह के ऑनलाइन स्कैम से बच सकते हैं तो यही था आज का वीडियो फिर मिलेंगे किसी और वीडियो में अगर आपको वीडियो अच्छी लगी हो तो वीडियो को लाइक कर दीजिएगा चैनल पर नए हो तो चैनल को सब्सक्राइब करते हुए जाइएगा और हां अपने दोस्तों रिश्तेदारों तक इस तरह की वीडियो को जरूर शेयर किया कीजिए ताकि वह भी आने वाले किसी भी संभावित स्कैम से बच सके

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