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EP 23 of 100 – Business Mastery Series | By Sandeep Maheshwari | Hindi – YouTube

(00:03) सर मैं अभी फिलहाल में फाइनल ईयर कंप्यूटर इंजीनियरिंग में हूं मेरा सेवंथ सेमेस्टर चालू है तो मैं काफी चीजें सर्च कर रहा था तो मेरे को यह मेरे को एक प्रॉब्लम दिखी के काफी ऑर्गेनिक ग्रोथ हो रही है सोशल मीडिया प और सोशल मीडिया पर जैसा काफी लोग फूड ब्लॉगर वगैरह होते हैं जो प्रमोट कर रहे हैं लोकल स्ट्रीट वेंडर्स को तो क्यों ना मैं यही सेम चीज होटल वालों के लिए करूं होटल वाले अपना सकते उन लोग के पास में इतना टाइम नहीं है मैं उन लोग का ऑप्टिमाइजेशन खुद करूं सोशल मीडिया पे जैसा कि मैं यह कर सकता हूं मैं यह कर सकता हूं

Business-Mastery-Series-by-Sandeep Maheshwari-Episode-23

(01:02) मैं यह कर सकता हूं सबसे पहले आपको यह समझना है कि होटल वाले क्या चाहते हैं जैसे जब आपने जा कर के कुछ होटल वालों से बात करी होगी अपने इस आईडिया के बारे में तो उनका क्या रिएक्शन था वो क्या बोलते हैं सर वो लोग इस चीज के बारे में इतना अवेयर नहीं है वो लोग बोलते इससे हमारा क्या फायदा होगा वो लोग बोलते हैं कि हमको एक वेबसाइट चाहिए जहां पर हमारा बस कस्टमर आके ऑनलाइन बुकिंग कर सके यह सोशल मीडिया और मार्केटिंग वगैरह उ लोग को समझ में नहीं आती है देखो यहां पर एक बहुत इंपॉर्टेंट इनसाइट है जो हम सबके लिए समझनी बहुत जरूरी है जब भी हम किसी बिजनेस

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(01:31) के बारे में सोचते हैं तो हमको कॉन्फिडेंस नहीं होता है उस थॉट के ऊपर हमें डाउट होता है फिर लेकिन अगर कई दिनों तक कई महीनों तक हम उस आईडिया के बारे में सोचने लग जाते हैं तो हमें कॉन्फिडेंस आने लग जाता है कि आईडिया बढ़िया है मतलब हुआ क्या जैसे एक झूठ को भी अगर आप बारबार बार बार सुनते जाओगे अपने माइंड में बोलते जाओगे बोलते जाओगे तो वह झूठ कब सच हो जाएगा आपको पता ही नहीं लगेगा यह हर वो इंसान समझता है जो ह्यूमन साइकोलॉजी को समझता है यानी कि मैं क्या कह रहा हूं कि हम क्या गड़बड़ करते हैं बिजनेस में कोई आईडिया आता है हमारे माइंड

(02:02) में उसके बारे में हम सोचने लग जाते हैं और जितना सोचते हैं उस आईडिया से रिलेटेड और आइडियाज आते हैं फिर धीरे-धीरे हमको लगने लग जाता है कि इस आइडिया से बहुत पैसा कमाया जा सकता है यह सब बकवास है किसी काम का नहीं है बिकॉज ग्राउंड रियलिटी इससे बिल्कुल ही अलग है मतलब एक दुनिया है जो हमारे माइंड के अंदर चल रही है एक है जो एक्चुअल में चल रही है वो एक्चुअल दुनिया को समझने के लिए आपको मार्केट में जाना पड़ेगा जब आप मार्केट में जाओगे तब आपको समझ आएगा कि मार्केट क्या चाहती है यानी जो आपका कस्टमर है वह क्या चाहता है वह क्या कह रहा है उसकी

(02:35) एक्चुअल में प्रॉब्लम क्या है जो हो सकता है उससे बहुत अलग हो जैसा आप सोच रहे हो तो जो आपने अभी तक कहा अगर उसी में से एक क्लू को निकाला जाए तो कस्टमर यह बोल रहा है कि हमें यह सब नहीं चाहिए हमें तो एक वेबसाइट चाहिए उसमें से भी क्या है बहुत सारे होटल्स तो कुछ बड़े-बड़े ब्रांड्स के साथ में एसोसिएट हो गए हैं तो वो तो उनके प्लेटफॉर्म के थ्रू चल रहे हैं कुछ है जो अभी भी इंडिपेंडेंट है वही आपका टारगेट है उनकी रिक्वायरमेंट क्या है कि हमें एक वेबसाइट चाहिए जहां पर कि हमारे होटल की पूरी इंफॉर्मेशन हो और जहां से लोग बुकिंग

(03:07) कर सके दिस इज व्ट दे वांट स्टार्ट विद दैट इससे क्या बेनिफिट हो रहा है आपको एक ओपनिंग मिल रही है आप अभी कंप्यूटर इंजीनियरिंग कर रहे हो राइट तो आपके पास में बहुत बड़ा एडवांटेज है जो उस होटल ओनर के पास में नहीं है वो क्या है आपको टेक की नॉलेज है होटल वाले की एक्चुअल में प्रॉब्लम क्या है उसको खुद भी नहीं पता है उसको चाहिए या तो कोई एग्रीगेटर जहां से उसको बिजनेस मिले सिर्फ वेबसाइट से क्या होगा वेबसाइट तो अरबों खरबों है अगर उसने बना भी ली तो किसको पता है कि उसकी एक वेबसाइट है तो उसकी प्रॉब्लम है डिस्कवरेबिलिटी तो पहले स्टेप में उनको वो दो जो वह चाहते

(03:48) हैं उससे क्या हुआ एक रिलेशन बना अब वो देना आपके लिए बड़ी बात नहीं है उसके लिए बहुत बड़ी बात है उनको बोलो सर यह हो जाएगा लेकिन इसमें जो टोटल खर्चा है वो करीबन एक डेढ लाख का है लेकिन हम क्या करेंगे हम अभी आपसे ₹ भी नहीं लेंगे इस पूरे प्लेटफार्म को हम मैनेज करेंगे आपका ये जो ऑनलाइन पूरा का पूरा प्लेटफार्म बनेगा आपकी जो भी ऑनलाइन सेल्स होगी वो सारा कुछ हम मैनेज करेंगे उसमें से 10 पर हमारा 90 पर आपका उस 10 पर में हम सब कुछ करेंगे आपके लिए मार्केटिंग भी करेंगे आपकी लिस्टिंग भी करेंगे आपकी वेबसाइट से भी ट्रैफिक लेकर के आएंगे अब कैसे लाएंगे

(04:26) वो ज्यादा उसको मत बताओ नहीं तो वो कंफ्यूज हो जाएगा प्रॉब्लम सोशल मीडिया मार्केटिंग नहीं है क्योंकि सोशल मीडिया मार्केटिंग को आप खुद भी क्रैक नहीं कर सकते बहुत लोग हैं जो सोशल मीडिया मार्केटिंग कर रहे हैं बट व्हाट डज इट मीन देखो या तो आपके पास में डिस्ट्रीब्यूशन हो फॉर एग्जांपल मैं बोलता हूं कि मैं आपकी सोशल मीडिया मार्केटिंग करूंगा और मैं अपने चैनल के थ्रू करूंगा दैट मेक्स सेंस बट मैं यह कहता हूं कि मैं आपका एक सोशल मीडिया पेज बनाऊंगा वहां पे हर हफ्ते के इतने पोस्ट डालूंगा मैं वहां पे यह करूंगा मैं वहां पे वो करूंगा और आपसे

(04:56) महीने के इतने पैसे लूंगा अब इसमें एक बहुत बड़ा एक महीना 2 महीना ती महीना रिजल्ट नहीं मिलेगा क्लाइंट को उसके बाद में वो पैसा देना बंद कर देगा और रिजल्ट मिलने के चांसेस ऑलमोस्ट 0 पर है इट्स लाइक अ चिकन एन एक सिचुएशन जब तक उनके पेज पे फॉलोअर्स नहीं होंगे तब तक उसमें एंगेजमेंट नहीं होगा जब तक एंगेजमेंट नहीं होगा तब तक फॉलोअर्स नहीं बढ़ेंगे आप समझ रहे हो प्रॉब्लम कि आप तो अपनी तरफ से पोस्ट डालते चले जा रहे हो उस पोस्ट पे एक लाइक आ रहा है दो लाइक आ रहा है वो भी कौन कर रहा है आप खुद ही कर रहे हो बैठ कर के या वो बंदा कर रहा है तो सोशल मीडिया

(05:28) मार्केटिंग इज नॉट अ सॉल्यूशन उससे आप उसका बिजनेस कैसे बढ़ाओ ग लेकिन सर जो कमीशन बेस्ड है तो फिर ओयो भी तो सेम करता है ना सर नहीं बहुत फर्क है ओयो क्या करता है ओयो बेसिकली एक होटल को पूरा रीब्रांड करता है और उसको एक पर्टिकुलर स्टैंडर्ड पर लेकर के आता है और उसकी सारी बुकिंग्स को मैनेज करता है यानी उसके लिए बिजनेस जनरेट करने से लेकर के फिर जो कस्टमर आया उसके एक्सपीरियंस से लेकर के फिर जब वो कस्टमर चला गया उसके फीडबैक से लेकर के और यह देखना कि सब कुछ उनका अपना एक पर्टिकुलर स्टैंडर्ड है उसके अकॉर्डिंग वो हो रहा है काम या नहीं हो रहा है यानी

(06:04) कस्टमर सेटिस्फाइड हो रहा है या नहीं हो रहा है आप इस सब में नहीं घुस रहे मैं जो बोल रहा हूं ध्यान से सुनो ध्यान से समझो तो आपको समझ आ जाएगा क्या है कस्टमर कह रहा है मेरे को वेबसाइट चाहिए जहां से ये सब हो जाए अंदर की बात क्या है उससे कुछ नहीं होने वाला वेबसाइट बन भी गई जहां से की बुकिंग हो सकती है अरे उस वेबसाइट प ट्रैफिक कहां से आएगा और ट्रैफिक आ भी गया तो उस वेबसाइट पर ट्रस्ट कौन करेगा समझ रहे हो क्या कह रहा हूं आप में से कितने हैं जो जाकर के किसी होटल की वेबसाइट के थ्रू एक ऐसा होटल जिसके बारे में आपने सुना ही नहीं है वहां से बुकिंग

(06:37) करागे या तो आप किसी बड़े ब्रांड के थ्रू करागे या किसी बड़े प्लेटफॉर्म के थ्रू करागे तो आप क्या करोगे यह जो मार्केट प्लेसेस है जहां पर की होटल्स लिस्टेड है वहां पर उनको लिस्ट करोगे और इसका कंट्रोल अपने हाथ में रखोगे उनको नहीं दोगे तो आपने उनको क्या बोला आपको क्या चाहिए वेबसाइट चाहिए हो जाएगी वेबसाइट से बुकिंग करनी है हो जाएगा ट्रैफिक चाहिए हो जाएगा बोलो आप जो बिजनेस कर रहे हो तो कर ही रहे हो उस पर हमें कुछ नहीं चाहिए लेकिन हम क्या करेंगे हम आपकी वेबसाइट बनाएंगे वहां पर ट्रैफिक लेकर के आएंगे वहां से जो बुकिंग होगी उसमें 10 पर हमारा

(07:15) यानी जो आपका एडिशनल बिजनेस आ रहा है उस परे 10 पर मेरा है आप समझे मेरी बात यस सर यस उसको क्या लग रहा है कि वेबसाइट बनने से एकदम से बुकिंग आ जाएगी अंदर की बात क्या है उससे नहीं आने वाली उसके लिए मार्केटिंग में बहुत पैसा लगाना पड़ेगा तब भी नहीं आएगी क्योंकि डायरेक्ट वेबसाइट से तो कोई आएगा ही नहीं ना नहीं कितने ऐसे प्रोडक्ट्स हैं जो आप जा कर के डायरेक्टली एक वेबसाइट से खरीदते हो वो भी एक ऐसे ब्रांड की जिसका नाम आपने सुना ही नहीं है या फिर उसको एक मार्केट प्लेस के थ्रू खरीदते हो मार्केट प्लेस के थ्रू मार्केट प्लेस के थ्रू समझ आ गई

(07:45) बात बट यह बात समझाने की जरूरत नहीं है क्लाइंट को उसको बोलो हम आपकी सारी वेबसाइट्स बनाएंगे एक वेबसाइट से काम नहीं होगा आपकी 510 वेबसाइट्स बनेगी वो सारा करके जो ओवरऑल खर्चा होगा बल्कि और बढ़ा भी सकते हो 5 लाख की बजाय क्योंकि लेना तो है नहीं तो जब बोलना ही है तो बड़ा अमाउंट बोलो ना बोलो उसमें पा से 10 लाख रप का खर्चा होगा लेकिन हम आपसे एक रुप भी नहीं ले रहे बिजनेस आएगा एडिशनल उसके ऊपर 10 पर देना है ये एग्रीमेंट हमारा साइन हो जाएगा देखो ध्यान से समझना एक होता है एक वेबसाइट बनाना जीरो से वो बहुत भारी काम है एक होता है ऐसे बहुत सारे सॉफ्टवेयर्स होते

(08:21) हैं जो होटल इंडस्ट्री के लिए हैं जहां पर प्लग एंड प्ले होता है उनको यूज करके उन्हीं के होटल के नाम से आप एक डोमेन बुक करोगे और पूरी की पूरी वेबसाइट एक दिन में तैयार हो जाएगी जो वैसे आप बनाने बैठ गए तो दो चार पा लाख रप लग जाएगा तब भी इतनी बढ़िया नहीं बनेगी क्योंकि उसमें बग्स होंगे ये ट्राइड एंड टेस्टेड सॉफ्टवेर होते हैं जैसे फॉर एग्जांपल आपको ऑनलाइन अपने कोर्सेस बेचने हैं जितने भी आप देखते हो ना इन्फ्लुएंस क्रिएटर्स जो अपने ऑनलाइन कोर्सेस बेचते हैं वो कैसे बेचते हैं आपको क्या लगता है वो वेबसाइट बनवाते हैं पूरी की पूरी नहीं वो एक प्लेटफार्म

(08:51) को यूज करते हैं और उसके लिए उनको कोडिंग सीखने की जरूरत नहीं है मतलब पूरा स्ट्रक्चर बना होता है उसमें जाकर के उसको सिर्फ डोमेन से कनेक्ट करना है जैसे शफाई में होता है वैसे ही एक प्लेटफार्म है जैसे टीचेबल वो ऑनलाइन डिजिटल कोर्सेस बेचने के लिए है जो खुद बेचना चाहते हैं उसके अलावा बहुत सारे प्लेटफॉर्म्स है जो मार्केट प्लेसेस है देखो दोनों में फर्क को अच्छे से समझो एक है आप खुद अपना कुछ बनाना चाहते हो तो उसके लिए प्लेटफॉर्म्स है जो आपको एक पूरा का पूरा स्ट्रक्चर देंगे जिसके बेस पर आप अपना वह वेबसाइट तैयार कर सकते हो जैसे शफाई है ऐसे ही

(09:28) होटल इंडस्ट्री के लिए बहुत सारे ऐसे प्लेटफॉर्म होंगे जो स्पेसिफिकली होटल इंडस्ट्री की नीड्स को समझते हैं और उनके लिए पूरा का पूरा स्ट्रक्चर देते हैं उनको आप यूज करो उसका एक्सेस उनको दे दो यानी उनकी टीम को उसका एक्सेस दो कि भाई अगर आपको कोई भी बुकिंग करनी है तो ऑनलाइन इसी वेबसाइट के थ्रू करनी है मान लो उस होटल का नाम है एक्सवाई जड तो एक्सवा hot.

(09:28) होटल इंडस्ट्री के लिए बहुत सारे ऐसे प्लेटफॉर्म होंगे जो स्पेसिफिकली होटल इंडस्ट्री की नीड्स को समझते हैं और उनके लिए पूरा का पूरा स्ट्रक्चर देते हैं उनको आप यूज करो उसका एक्सेस उनको दे दो यानी उनकी टीम को उसका एक्सेस दो कि भाई अगर आपको कोई भी बुकिंग करनी है तो ऑनलाइन इसी वेबसाइट के थ्रू करनी है मान लो उस होटल का नाम है एक्सवाई जड तो एक्सवा hot.

(09:49) com तो जो भी आपको बुकिंग मैनेज करनी है यहां से करनी है तो आप भी जो ऑनलाइन मार्केट प्लेसेस जिससे उसको कनेक्ट करोगे वो भी उसमें फीचर होगा या प्लगइन होगा अलग से जिसमें क्या होगा कि अब अगर किसी और वेबसाइट के थ्रू मान लो booking.com के थ्रू कोई बुकिंग आती है तो ऑटोमेटिक उस सिस्टम को अपडेट कर देगा आप समझ पा रहे हो ना टेक्निकली मैं क्या कह रहा हूं इस पूरी प्रोसेस में आपको कुछ भी नहीं करना पड़ रहा सब कुछ ऑटोमेटिक हो रहा है बट एंड में जो पैसा आ रहा है वो भी आपको दिख रहा है जो व खुद बुकिंग कर रहे हैं वो भी आपको पता है कि यह आपके यूजर नेम से हुई है

(09:49) com तो जो भी आपको बुकिंग मैनेज करनी है यहां से करनी है तो आप भी जो ऑनलाइन मार्केट प्लेसेस जिससे उसको कनेक्ट करोगे वो भी उसमें फीचर होगा या प्लगइन होगा अलग से जिसमें क्या होगा कि अब अगर किसी और वेबसाइट के थ्रू मान लो booking.com के थ्रू कोई बुकिंग आती है तो ऑटोमेटिक उस सिस्टम को अपडेट कर देगा आप समझ पा रहे हो ना टेक्निकली मैं क्या कह रहा हूं इस पूरी प्रोसेस में आपको कुछ भी नहीं करना पड़ रहा सब कुछ ऑटोमेटिक हो रहा है बट एंड में जो पैसा आ रहा है वो भी आपको दिख रहा है जो व खुद बुकिंग कर रहे हैं वो भी आपको पता है कि यह आपके यूजर नेम से हुई है

(10:25) लेकिन यह वाली यहां से हुई है यह वाली यहां से हुई है यह वाली यहां से हुई है तो जो अदर जहां से भी हुई है उस परे आपको 10 पर मिलेगा और बोलो जो आप डायरेक्ट कर रहे हो उसपे आपको मुझे कुछ भी नहीं देना है कौन मना करेगा यह बिल्कुल ऐसा हो गया कि मैं आपको कह रहा हूं कि आप अपनी दुकान पर जितने का माल बेच रहे हो उसमें पूरा प्रॉफिट आपका 100% जो एडिशनल माल बिकेगा सिर्फ उसमें 10 पर मेरा कौन मना करेगा अब सोचो एक दिन का वो होटल चार्ज कर रहा है 000 उसके पास में कमरे हैं 10 जिसमें से पांच वो खुद मैनेज करेगा पांच आपके थ्रू मैनेज होंगे तो अगर आपने

(10:25) लेकिन यह वाली यहां से हुई है यह वाली यहां से हुई है यह वाली यहां से हुई है तो जो अदर जहां से भी हुई है उस परे आपको 10 पर मिलेगा और बोलो जो आप डायरेक्ट कर रहे हो उसपे आपको मुझे कुछ भी नहीं देना है कौन मना करेगा यह बिल्कुल ऐसा हो गया कि मैं आपको कह रहा हूं कि आप अपनी दुकान पर जितने का माल बेच रहे हो उसमें पूरा प्रॉफिट आपका 100% जो एडिशनल माल बिकेगा सिर्फ उसमें 10 पर मेरा कौन मना करेगा अब सोचो एक दिन का वो होटल चार्ज कर रहा है 000 उसके पास में कमरे हैं 10 जिसमें से पांच वो खुद मैनेज करेगा पांच आपके थ्रू मैनेज होंगे तो अगर आपने

(11:02) इस तरह से मैनेज किया और मान लो पांच कमरों पे ₹ यानी हो गया 0000 एक दिन का एक होटल से इसका 10 पर यानी कितना हो गया 000 महीने का कितना हो गया 0000 साल का कितना हो गया 360000 इस तरह से अगर आपने 10 होटल भी पकड़ लिए तो साल का कितना हो गया 36 लाख बट मजे की बात क्या है एक से 10 जाने में टाइम लगेगा 10 से 100 जाने में टाइम नहीं लगेगा फिर 100 से हज जाने में टाइम नहीं लगेगा तो यह अपने आप में एक अलग बिजनेस मॉडल है जो बहुत तेजी से स्केल हो जाएगा एक बार आपने इसको क्रैक कर लिया तो शुरू में दिक्कत आएगी बट एक बार आपने क्रैक कर लिया
(11:45) इस बिजनेस मॉडल को और ऑटोमेट कर दिया तोय कितनी तेजी से स्केल हो सकता है कितने बड़े लेवल पर जा सकता है कोई लिमिट नहीं है

(11:02) इस तरह से मैनेज किया और मान लो पांच कमरों पे ₹ यानी हो गया 0000 एक दिन का एक होटल से इसका 10 पर यानी कितना हो गया 000 महीने का कितना हो गया 0000 साल का कितना हो गया 360000 इस तरह से अगर आपने 10 होटल भी पकड़ लिए तो साल का कितना हो गया 36 लाख बट मजे की बात क्या है एक से 10 जाने में टाइम लगेगा 10 से 100 जाने में टाइम नहीं लगेगा फिर 100 से हज जाने में टाइम नहीं लगेगा तो यह अपने आप में एक अलग बिजनेस मॉडल है जो बहुत तेजी से स्केल हो जाएगा एक बार आपने इसको क्रैक कर लिया तो शुरू में दिक्कत आएगी बट एक बार आपने क्रैक कर लिया
(11:45) इस बिजनेस मॉडल को और ऑटोमेट कर दिया तोय कितनी तेजी से स्केल हो सकता है कितने बड़े लेवल पर जा सकता है कोई लिमिट नहीं है

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