अयोध्या में मोदी जी का भारी अपमान?गुजरात वाली 108 फीट का अगरबत्ती मंदिर में नही जलेगा?
अभी हम प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में है और यहां पर एक अगरबत्ती आई है 108 फीट वाली अगरबत्ती मैंने वीडियो पहले दिखा दिया है आपको और मैं बता दूं आपको 108 फीट अगरबत्ती जो लाए हैं व्यक्ति उस उन व्यक्ति की कहानी में बता रहा हूं और दुख भरी कहानी यह बता रहा हूं जिसने अगरबत्ती को लाया यहां पे उनको रहने के लिए सुविधा नहीं दिया गया बड़ी हर्षो उल्लास के साथ इस अगरबत्ती को लाया गया कि प्रभु श्री राम के चरणों में ले जाकर अगरबत्ती को जलाया जाएगा यह हमारे गुजरात की मान सम्मान है श्रद्धा है जो वहां पे चलेगा तो वहां के सुगंध से पूरा अध्या या नहीं पूरा
(00:33) देश हमारा सुगंधित हो जाएगा हमारे साथ वो व्यक्ति है जिस जिसने इस अगरबत्ती को लाया है मैं उनसे जानने की कोशिश कर रहा हूं कि प्रशासन की तरफ से क्या नाम है पहले आपको मेरा नाम या भाई भरवाड़ है प्रशासन की तरफ से अभी तक आपको क्या क्या सुविधाएं मिली अभी क्या है कि प्रशासन ने पहले हमको रामघाट प जगह बताई थी अच्छा उसके बाद के बस हड्डे के सामने जगह बताई थी अच्छा तो उनका जो कोई य कार्यक्रम होगा तो उसके अंदर वो जगह यूज हो गई उनकी उसके फिर बाद में जगह बताई तो उसमें भी कुछ उनका प्रोग्राम हो गया अच्छा तो फिर हम यहां 11 तारीख को रात को आ गए थे यहां पे अच्छा तो
(01:14) फिर लगातार बातचीत चलती रही प्रशासन ने बात किया कि भाई हमको सुरक्षित व्यवस्थित जगह दीजिए इतना बड़ा अगरबत्ती है हमको रखना है हम तो प्रभु श्री राम की जन्मभूमि के अंदर लेके आए हैं उनको करना है प्रभु को और प्रचलित करना है तो प्रशासन ने हमको बताया बताया फिर कल हमको प्रशासन ने ये जगह बता दी अच्छा बस स्टैंड में इस किनारे अगरबत्ती रखने के लिए जगह बता दिया प्रशासन ने हां प्रशासन ने आपसे य क्या कहा कि अगरबत्ती यह है कहां जलेगा हां हमने बोला यह अगरबत्ती कहां प्रचलित होंगी तो उन्होने बोला यही प्रचलित होंगी यही रहेंगी अगरबत्ती अच्छा और क्या कि हमने
(01:59) प्र से वो भी मांग किया कि भा हमारे पास 5 25 राम भक्त है उसके लिए भी यहां हमारे पास कोई सुविधा नहीं है अच्छा तो हमने उनसे रिक्वेस्ट किया है कि हमको थोड़ी सुविधा दी जाए क्योंकि ठंड का मौसम है फूट पाट प रहना है वो थोड़ा तकलीफ होता है तो उसके लिए हमने मांगा है अच्छा कि भाई हमको व्यवस्थित थोड़ी जगह दी जाए कहीं चलिए थोड़ा सा आइए दिखाइए यहां पे इसलिए दिखाना इ लोगों को जरूरी है कि जिस जिन भक्तों ने यहां पे अगरबत्ती लेकर के आए 108 फीट की अगरबत्ती लेकर के आए और उन भक्तों के लिए देखिए ये कुटिया बनाया गया है आजकल जान रहे कप कपाती ठंड है उस कप कपाती ठंड में
(02:38) यह बाहर में रह रहे हैं कितना मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है लोगों को क्योंकि जब घर में लोग रह रहे हैं तो हड्डी लादने वाली ठंड है आजकल देखिए यहां बाबा एक बाबा आप अयोध्या से ये गुजरात से आए हुए हैं हां गुजरात से आए क्या नाम है आपका मेरा है गोगा भगत महाराज अच्छा आपको कोई सुविधा नहीं मिली यहां पे आप लोग अगरबत्ती लेकर के आए हैं को सुविधा नहीं मिल रही है आप लोगों को कुछ नहीं मिला है देखो ना ये पढ़ाई है यहां साथ में क्या करें फिर कितना दिन से ऐसे रह रहे हैं आप लोग आज तीन चार दिन हो गया तीन चार दिन हो गया हां बहुत उम्मीद के साथ ये लोग आए हुए
(03:11) हैं यहां पे कि हम लोग जाएंगे तो हम लोग का आदर सत्कार अयोध्या में किया जाएगा क्योंकि हमने इतिहास रचा है कि 108 फीट वाले अगरबत्ती दुनिया की पहली अगरबत्ती है जो 108 फीट की अगरबत्ती मोदी जी के शहर मोदी जी के राज्य गुजरात से लाया गया है लेकिन उनको लाने वाले को यहां प रहने के लिए जगह नहीं दिया जा रहा है और ना ही कोई टेंट की व्यवस्था किया जा रहा है आप बताइए यहां पे रह कर के इस इसमें कैसे लोग रह रहे हो रात को य यही लोग समझ सकते हैं क्योंकि आज के ठंडी के टाइम में बड़ा मुश्किल है रह पाना यहां पे और बहुत ही समस्याओं का सामना कर रहे हैं ये लोग
(03:43) लेकिन य यहां पे बड़ी-बड़ी खबरें आ रही है कि जो अगरबत्ती आई है कि अगरबत्ती को राम मंदिर परिसर में नहीं ले जाया जाएगा राम मंदिर परिसर में नहीं जलाया जाएगा यह अगरबत्ती बस स्टॉप पे ही प्रजल वित होगी इसलिए कि या प्रशासन का कुछ ऐसा सिस्टम होगा कि उसके हिसाब से वहां ये नहीं ले जाया जाएगा लेकिन अगर ये लाया गया था तो इसको कम से कम राम मंदिर में ले जाकर के वहां पर जलाना चाहिए था और कुछ कुछ लोग से जानना चाहेंगे अगरबत्ती जब यहां पर आया तो राम मंदिर में जलना चाहिए था या नहीं नहीं राम मंदिर में तो जलना चाहिए था जरूरी जलना चाहिए था हा वहां तो जलना चाहिए था
(04:18) जसे जरूरी ये प्रशासन अयोध्या प्रशासन क्या ऐसे ऐसा क्यों कर रही है अब देखो भाई प्रशासन का मतलब है क्या बताया जाए क्या क्या सही लग रहा है आपको कि जो अगरबत्ती आई है 108 फीट की और बस बस स्टंड में जलेगी अब नहीं नहीं राम जन्म मु पर जाना चाहिए जाना चाहिए जी जी हम चाहेंगे कि इसकी आवाज उठनी चाहिए कि ये जो अगरबत्ती है अगरबत्ती को राम जन्मभूमि में जाकर के प्रजल वित करना चाहिए इसलिए कि ये जो अगरबत्ती बनाई गई है कुछ खास तत्वों को मिलाकर के अगरबत्ती को बनाया गया है हमारे साथ कुछ और लोग हैं क्या कहेंगे सर अगरबत्ती जो ऐसा कहा जरहा प्रशासन के
(04:54) द्वारा कि अगरबत्ती को बस स्टैंड में ही जलाना चाहिए राम मंदर में जलाना चाहिए राम मंदिर में प्रत करना चाहिए अच्छा अने बात यहां पर जो लेकर के आए हैं य तो यह कह रहे हैं कि प्रशासन क रही है कि आपको अगरबत्ती को यही जलाना पड़ेगा व गलत है गलत है गलत है राम मंदिर में जलना चाहिए चाहिए इतना दू भरो आए हम राम भत दीपक शास्त्री अच्छा आपने मोदी जी से बात नहीं किया आपके राज्य के मोदी जी है आपके राज्य के सांसद भी होंगे उनको य बात नहीं बोला आप लोगों ने कि हमारी जो अगरबती है उसको राम मंदिर में नहीं ले जाने दिया जा रहा है नहीं सांसद जी से बात की आपने अभी हमारी
(05:33) एक कमेटी काम कर रही है इसमें अच्छा और हमको कमेटी को हम जिस दिन आए उस दिन अगवा कर दिया था कि भाई हम यहां पहुंच गए हैं तो ऐसा नहीं है कि हम अर्जेंट लेके आ गए हमने पूरा अयोध्या ट्रस्ट मंडल से भी कागज भेजा है बार-बार कागज भेजा है यहां के डीएम को भी हमारे सांसद ने लेटर भेजा था कि भाई इतनी बड़ी अगरबत्ती हम व लेके आ रहे हैं आपको सुविधा देनी है तो कलेक्टर ने हमको लिखित में दिया था लेटर दिया है हमारी पास अभी लेटर पड़ा है उनका जो बासडा के सामने बड़ी जगह है वो हमको दिया था तो फिर मना कर दिया कि वो जगह आपको नहीं देंगे दूसरी देंगे तो दूसरी प जो दिया था
(06:19) वह भी उन्होने मना किया फिर हम तो इधर बैठे थे यहां तो हमारा कोई ज जान पहचान है नहीं बराबर से तो फिर कल भी प्रशासन कोई आला अधिकारी आए तो उन्होने बता दिया कि भाई आप इधर रख दो अच्छा तो फिर हमने क्योंकि टेलर हम भाड़े से लाया है जितना टेलर य खड़ा रहेगा उसका 000 किराया लगता है हर रोज का हर दिन का 3000 कि ल तो हम कैसे देंगे उसको और 10 दिन खड़ा रहेगा तो तो हमारा सीधा 0000 चला जब जाएगा तो इसी टेलर में कहीं भी जाएगा वो और दूसरे चीज से कोई ले जा नहीं जा सकता इसको नहीं इसको जो अगरबत्ती को यहां ले जाना है भाई तो बहुत बड़ी मुश्किल है क्योंकि इसको पांच
(06:59) हाइड्रो लगता है उसको चढ़ाने में उतारने में पाच हाइड्रो लगता है ऐसे नहीं चढ़ती है तो हाइड्रो वाला पैसा लेगा चढ़ाने का लेगा उतार निकालेगा वो सब कुछ करेगा तब तो हमारी अगरबत्ती जाएगी और कई जगह शिफ करना है मुझे हमको ऐसा अभी नहीं लग रहा है कि हमारी अगरबत्ती य से कोई और जगह प वो लोग सिफ करेंगे नहीं करेंगे खाने पने की व्यवस्था आपको हो रही है नहीं खाने पने की सारी व्यवस्था हम खुद कर रहे हैं सब कुछ व्यवस्था हम खुद कर रहे हैं यहां पेय होटल का जो बस स्टैंड का कैंटीन है वहां हम खाना खाते हैं उसका बिल देते हैं अच्छा चलिए ये तो इनकी समस्याएं हैं अगर मेरी
(07:39) वीडियो अगर प्रशासन तक जाती है अयोध्या प्रशासन तक जाती है या फिर अयोध्या के विश्व हिंदू परिषद के पास जाती है तो कृपया इस अगरबत्ती को आप लोग मंदिर परिसर में जलाने का कोशिश करें इसलिए कि बहुत श्रद्धा और भाव से भक्ति से लाया गया है इस अगरबत्ती को यहां पे और अगरबत्ती को अगर बाहर में जलाया जाएगा तो यह शोभ निय कार्य नहीं होगा इसी के साथ बहुत-बहुत शुक्रिया जय हिंद
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