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How to start a Business by Dhruv Rathee Being an Entrepreneur in India

फ्रीडम करेज और पैशन यह तीन शब्द मेरे दिमाग में आते हैं जब मैं एंटरप्रेन्योर के बारे में सुनता हूं तो आप अपना खुद का बिजनेस खोलने के लिए बहुत सारी चीजों से इंस्पायर हो सकते हो हो सकता है आपका बचपन से सपना हो कोई काम करने का किसी चीज के बारे में आप पैशनेट हो हो सकता है आप किसी के अंडर काम नहीं करना चाहते खुद के बॉस बनना चाहते हो हो सकता है आप हमारे प्रधानमंत्री जी के शब्दों से इंस्पायर होकर खुद का एक पकोड़ा का स्टॉल खोलना चाहते हो तो रीजन कोई भी हो मैं इस वीडियो में आपको शुरू से लेकर एंड तक सारी चीजें बताऊंगा

जो चीजें आपको जाननी चाहिए अपना खुद का बिजनेस खोलने के लिए एक एंटरप्रेन्योर बनने के लिए इंडिया में आइए देखते हैं तो दोस्तों कोई भी बिजनेस या स्टार्टअप करने के लिए सबसे पहली स्टेप आपके लिए है कि आपको एगजैक्टली पता होना चाहिए कि आप करना क्या चाहते हैं आपका आईडिया क्या है यहां पे बहुत से लोग जो स्टार्टअप करने की सोचते हैं उनके दिमाग में आता है कि हमें कुछ ऐसा आईडिया सोचना है जो आज तक किसी ने भी ना सोचा हो लेकिन मेरे हिसाब से गलत सोच है इसके दो रीजंस हैं एक तो यह है कि एक ऐसा आईडिया सोचना जो आज तक किसी ने भी ना सोचा हो इसके बहुत

How to start a Business by Dhruv Rathee Being an Entrepreneur in India

ही कम चांसेस हैं कि आपके दिमाग में कोई ऐसी चीज आए क्योंकि देश भर में 1 बिलियन से ज्यादा लोग हैं बहुत कम चांसेस हैं इसके और दूसरा और ज्यादा इंपॉर्टेंट रीजन कि आपको यह नहीं करना चाहिए एक ऐसा बिजनेस एक नई फील्ड में जहां पे कस्टमर बेस एस्टेब्लिश नहीं है एक सोर्स ऑफ रेवेन्यू नहीं है किसी ने आपसे पहले ट्रायल एंड रन नहीं किया है वहां पे एक्सपेरिमेंट नहीं किया है कि इस फील्ड में बिजनेस करने से ऐसा रेवेन्यू आता है ऐसी प्रॉब्लम्स हम फेस करते हैं तो एक बहुत ही नई चीज है यहां पे बहुत ही रिस्की काम है ये इसलिए मैं कहूंगा आपको एक ऐसा आईडिया सोचने की

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जरूरत नहीं है जो किसी और ने ना सोचा हो इनफैक्ट आपको यह सोचने की जरूरत है कि आपको खुद क्या करना पसंद है यहां  पे यहां पर मैं रिकमेंड करूंगा कि आप दो चीजों पर फोकस कीजिए पहली चीज कि आपका पैशन क्या है आपका इंटरेस्ट क्या है आपको क्या करने में मजा आता है और दूसरी चीज कि आप किस तरह से लोगों को वैल्यू दे सकते हैं लोगों को अपने काम से किस तरह से बेनिफिट पहुंचा सकते हैं इतनी वैल्यू दे सकते हैं कि लोग आपको उसके बदले पैसे देने को तैयार हो जाएं जब आपने ये दो चीजें सोच ली है तो उसके बाद आप नेक्स्ट देख सकते हैं कि इन दो चीजों से को इंसाइड करते हुए

कौन से बिजनेसेस ऑलरेडी एजिस्ट करते हैं किस तरह की बिजनेसेस पहले से ही मार्केट में है और वो किस तरह से चल रहे हैं उनको स्टडी कीजिए आप एग्जांपल के तौर पे अगर आपको एडवेंचर स्पोर्ट्स में बहुत मजा आता है मान लो रिवर राफ्टिंग करने में आपको बहुत मजा आता है तो यहां पे एक चीज हो गई दूसरी चीज आप देख सकते हैं फिर कि रिवर राफ्टिंग करके एडवेंचर स्पोर्ट्स करते हुए आप लोगों को किस तरह से बेनिफिट्स कर सकते हैं बेनिफिट दे सकते हैं तो इसमें आ गया कि आप एक एडवेंचर स्पोर्ट्स की कंपनी खोल सकते हैं फॉर एग्जांपल अब ये दोनों चीजें

सेटिस्फाई हो गई तो आप एक एडवेंचर स्पोर्ट्स की कंपनी खोलने से पहले आप देखिए कि पहले से ही किस-किस टाइप की एडवेंचर स्पोर्ट्स की कंपनीज एजिस्ट करती हैं इंडिया में और वो किस तरह से फंक्शन कर रही हैं उनको स्टडी कीजिए उनको कॉल करके पूछिए आपका बिजनेस किस तरह से चलता है और उनका बिजनेस मॉडल किस तरह से है बेसिकली यह करने के बाद नेक्स्ट स्टेप है कि आप अपना एक बिजनेस प्लान तैयार करो मान लो आप कल से बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हो अपना तो कल से लेकर अगले एक साल तक जब आपका पहले साल तक जो बिजनेस चलेगा उसका पूरा बजट रिपोर्ट तैयार करो कि आपको कितने

पैसे लगेंगे बिजनेस को स्टार्ट करने में कितना कैपिटल और इन्वेस्टमेंट लगेगा और पूरे एक साल में क्या-क्या खर्चे आएंगे और कितना आप प्रॉफिट बनाओगे और जो आपको कैपिटल और इन्वेस्टमेंट की जरूरत होगी बिजनेस को स्टार्ट कर ने के लिए वो कहां से लाओगे आप अपने दोस्तों से ब बोरो करोगे अपने फैमिली से पैसे मांगोगे बिजनेस स्टार्ट करने के लिए या बैंक से लोन लोगे यहां पर मैं रिकमेंड करूंगा कि ऐसे ही बिजनेस आप स्टार्ट करो जिसमें आपको बैंक से लोन लेना ना पड़े या कोई थर्ड पार्टी से पैसे लेने की जरूरत ना पड़े आप ऐसे बिजनेस स्टार्ट करो जिसमें कि आपकी फैमिली

अफोर्ड कर पाए आपको जो इनिशियल इन्वेस्टमेंट है उस बिजनेस की देने के लिए क्योंकि बैंक के चक्कर में पड़ जाओगे तो बहुत प्रॉब्लम्स पड़ सकती है और भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है अगर आपका बिजनेस फेल हो गया बा बाद में तो तो ऐसे ही बिजनेस सोचो जिसमें कि आप खुद से अपनी इन्वेस्टमेंट कर पा रहे हो इतने पैसे हैं आपके पास या फिर आपके फैमिली और फ्रेंड्स देने को तैयार है उतने पैसे यह चीज मैं शुरू शुरू के लिए रिकमेंड कर रहा हूं एक बार ये आपका बिजनेस एस्टेब्लिश हो गया उसके बाद उसको नेक्स्ट लेवल प ले जाने के लिए फिर आप लोन लेने की सोच सकते हैं इस

तरह से जो रिस्क है वो कम से कम रहेगा और यहां पे आप पैसे किसी से भी बोरो करो दोस्तों लेकिन जो जरूरी चीज है वो यह है कि आपका जो बिजनेस प्लान है जो बिजनेस रिपोर्ट बनाई है आपने एक साल की वो जितनी ज्यादा डिटेल हो हो सके उतनी ज्यादा डिटेल हो वो ताकि कोई भी आपके बिजनेस प्लान को देखे तो वह भी कन्विंसिबल हम इसमें अगर पैसे लगाएंगे तो नुकसान नहीं होगा हमारा उल्टा प्रॉफिट ही निकल के आएगा बिजनेस [संगीत] से अब जब आपने अपना एक साल का बिजनेस प्लान सही तरीके से बना लिया है तो हम नेक्स्ट स्टेप पे चल सकते हैं नेक्स्ट स्टेप यह है कि आपके बिजनेस को गवर्नमेंट

में रजिस्टर करवाया जाए अब जिस तरह के आपका बिजनेस होगा उस परे डिपेंड करके अलग-अलग टाइप के तरीके से बिजनेस को रजिस्टर करवाया जा सकता है अलग-अलग टाइप की बिजनेस एंटिटीज कहते हैं इसको जो अलग-अलग तरीके होते हैं मैं सारे तो नहीं बताऊंगा मैं मेन तरीके आपको बता देता हूं क्या-क्या होते हैं सबसे पहला सबसे पुराना और सबसे आसान तरीका आपके बिजनेस को रजिस्टर करने का है सोल प्रोप्रोफस शिप एक ऐसी बिजनेस एंटिटी है एक ऐसा तरीका है बिजनेस को रजिस्टर करने का जिसमें कि बिजनेस के ओनर आप खुद ही हैं जो भी बिजनेस का प्रॉफिट और लॉस होगा वो आपका खुद का

प्रॉफिट और लॉस होगा तो एक तरह से कहा जा सकता सकता है कि आप पर्सनली लायबल है बिजनेस के साथ जो भी हो रहा है उसमें बहुत सारे स्मॉल बिजनेस ओनर्स इसको यूज करते हैं जैसे कि कोई दुकानदार है वह अपनी दुकान को एज अ प्रोप्रेस रजिस्टर करवाएगा अगर आप एक पकोड़े वाला बनना चाहते हैं तो आप अपने बिजनेस को एज अ प्रोप्रेस रजिस्टर करवाएंगे प्रोप्रायसेप्टिव करनी पड़ती है वो कम से कम होती है इसमें अपने बिजनेस को एस प्रोप्रानोलोल अथॉरिटी के पास जाना पड़ेगा अगर आप शहर में रहते हैं तो आपको म्युनिसिपल के पास जाना पड़ेगा और अगर आप गांव में रहते हैं

तो ग्राम पंचायत के पास जाना पड़ेगा कुछ शहरों में ऑनलाइन भी हो जाता है लेकिन हर शहर में नहीं होता है करीब-करीब 000 लगेंगे रजिस्टर करवाने के और एक से दो दिन का टाइम लगेगा कि आपकी रजिस्ट्रेशन कंप्लीट हो जाए लेकिन ये ध्यान में रख के चलना कि रिश्वत भी मांग सकते हैं क्योंकि आप लोकल अथॉरिटी के पास जा रहे हैं और आपको तो हमारे देश की हालत पता ही है तो प्रिपेयर्ड रहना अगर वो कुछ रिश्वत मांगे तो इस काम को करवाने के लिए बेसिकली एज अ प्रोप्रानोलोल आपकी कंपनी में ज्यादा लोग एंप्लॉयड नहीं है चार से ज्यादा लोग काम नहीं कर रहे हैं

आपकी कंपनी में क्योंकि अगर आपकी कंपनी बड़ी है तो बहुत रिस्की हो जाता है यहां पे मान लो आपकी करोड़ों की कंपनी है और उसको करोड़ों का लॉस हुआ अब क्योंकि यहां पे आप पर्सनली लायबल है प्रोप्रानोलोल इस केस में आपको प्रोप्रोफस और लॉस को कंपनी के प्रॉफिट और लॉस से अलग रखना चाहते हैं दोनों को एक सेपरेट लीगल एंटिटीज रखना चाहते हैं इस केस इसमें और जो अलग तरीके हैं बिजनेस रजिस्टर करने के वो यूज होते हैं इसी में ही अगला तरीका है ओपीसी वन पर्सन कंपनी वन पर्सन कंपनी एक बिजनेस एंटिटी है एक रजिस्ट्रेशन का तरीका है जिसमें कि आप

पर्सनली लायबल नहीं है अगर कंपनी को कुछ होता है तो कंपनी मान लो कल को डूब जाती है तो वो लोग आपके घर पे आके ये नहीं कह सकते कि अपना घर छोड़ो गाड़ी छोड़ो अपनी प्रॉपर्टी छोड़ो क्योंकि आपकी कंपनी डूब गई है उसके पैसे रिपे करने के लिए ओपीसी की रजिस्ट्रेशन कॉस्ट अराउंड ₹ 6000 लेकिन अलग-अलग स्टेट्स में थोड़ी ऊपर नीचे हो सकती है और 5 से 10 दिन लगेंगे इसकी रजिस्ट्रेशन कंप्लीट होने में और क्योंकि ये न परन कंपनी है इसमें आपको खुद की कंपनी का डायरेक्टर भी बनना पड़ेगा और शेयर होल्डर भी बनना पड़ेगा जब आप अपनी कंपनी की रजिस्ट्रेशन करवा लोगे एज एन

ओपीसी तो आपकी कंपनी का नाम मान लो अगर चिकारा पकोड़े वाला है तो रजिस्ट्रेशन के बाद यह नाम हो जाएगा चिकारा पकोड़े वाला प्राइवेट लिमिटेड और ब्रैकेट्स में ओपीसी अगला तरीका है कंपनी रजिस्टर करने का प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सबसे बड़ा डिफरेंस इसमें यही है कि इसमें मिनिमम दो शेयर होल्डर्स होने चाहिए और मिनिमम दो डायरेक्टर्स होने चाहिए कंपनी के मैक्सिमम लिमिट इसमें शेयर होल्डर्स की है 200 और 200 से ज्यादा अगर आप शेयर होल्डर्स चाहते हैं तो आपको पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनाना पड़ेगा तो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी क्योंकि इसका नाम है तो वही रीजन से लिमिटेड है

जिस रीजन से 1 परन कंपनी लिमिटेड है इसमें लिमिटेड लायबिलिटी है पर्सनल आदमी की इस कंपनी की जो शेयर होल्डर्स हैं उनकी लिमिटेड लायबिलिटी है कि अगर कंपनी को कुछ हो जाता है कंपनी डूब जाती है तो उसके शेयर होल्डर्स को पर्सनली वो नुकसान नहीं चुकाना पड़ेगा ये एक बहुत ही रेपुटबल और बहुत ही क्रेडिबल तरीका है अपने बिजनेस को रजिस्टर करवाने का अगर आप ये करवाते हो तो जो कस्टमर्स और क्लाइंट्स का आपकी कंपनी में ट्रस्ट है जो बैंक्स का आपका कंपनी में ट्रस्ट है वो बहुत ज्यादा बढ़ जाता है अगर आपकी कंपनी पे प्राइवेट लिमिटेड पीवीटी एलटीडी लिखा हो कंपनी के नाम के

एंड में तो बहुत से स्टार्टअप्स अपनी कंपनी को एज अ प्राइवेट लिमिटेड रजिस्टर करवाते हैं या फिर रजिस्टर करवाने की कोशिश करते हैं क्योंकि इससे जो बैंक से लोन मिलता है वो लोन मिलना आसान हो जाता है और जो सीड फंडिंग मिलती हैट स्स को जो इन्वेस्टर्स पैसे लगा रहे हैं कंपनी में वह भी मिलनी आसान हो जाती है इसकी कॉस्ट है अराउंड 000 और आपकी कंपनी को रजिस्टर करवाने में अराउंड पा से 10 दिन लगेंगे ओबवियसली क्योंकि यह बहुत ही ट्रस्टेबल है प्राइवेट लिमिटेड तो गवर्नमेंट की तरफ से जो रेगुलेशंस होती है वो भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है इसमें लेकिन इस वीडियो के एंड

में मैं आपको एक आसान तरीका बताऊंगा आपकी कंपनी को रजिस्टर करवाने का एक और कंपनी रजिस्ट्रेशन के तरीके के बारे में मैं बात करना चाहूंगा और यह है लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप यह तब काम आता है जब आप कोई प्र प्रफेशनल हो किसी फील्ड में जैसे कि डॉक्टर्स हो गए इंजीनियर्स हो गए या चार्टेड अकाउंटेंट्स हो गए और यह तब काम आता है जब आप एक कंपनी फॉर्म करते हो एक लिमिटेड टाइम के लिए जिसको आपको बाद में डिसोल्व कर देना होता है जैसे कि मान लो आप एक बिल्डर हो और आपको एक बिल्डिंग बनानी है जिसके लिए आपने एक कंपनी खोली जिसमें आपने मजदूरों को एंप्लॉय किया

में मैं आपको एक आसान तरीका बताऊंगा आपकी कंपनी को रजिस्टर करवाने का एक और कंपनी रजिस्ट्रेशन के तरीके के बारे में मैं बात करना चाहूंगा और यह है लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप यह तब काम आता है जब आप कोई प्र प्रफेशनल हो किसी फील्ड में जैसे कि डॉक्टर्स हो गए इंजीनियर्स हो गए या चार्टेड अकाउंटेंट्स हो गए और यह तब काम आता है जब आप एक कंपनी फॉर्म करते हो एक लिमिटेड टाइम के लिए जिसको आपको बाद में डिसोल्व कर देना होता है जैसे कि मान लो आप एक बिल्डर हो और आपको एक बिल्डिंग बनानी है जिसके लिए आपने एक कंपनी खोली जिसमें आपने मजदूरों को एंप्लॉय किया

इंजीनियर्स को एंप्लॉय किया आर्किटेक्ट्स को एंप्लॉय किया लेकिन जब वो बिल्डिंग बन गई पूरी तब आपको उस कंपनी की कोई जरूरत नहीं तो आपने उस कंपनी को डिजॉल्ड्रिंग जो चार तरीके आपको बताए हैं वोह चार मेन तरीके हैं आप में से ज्यादातर लोगों को वही चार तरीके काम में आएंगे बस आप इतना जान लीजिए कि अगर आप कॉर्पोरेट फील्ड में डील करना चाहते हैं बड़ी-बड़ी कंपनीज के साथ डील करना चाहते हैं तो प्राइवेट लिमिटेड ही प्रेफर बल तरीका होता है और अगर आप अपना ही एक छोटा सा बिजनेस रखना चाहते हैं ज्यादा रेगुलेशंस में नहीं पढना चाहते तो प्रोप्रेस एक अच्छा तरीका

इंजीनियर्स को एंप्लॉय किया आर्किटेक्ट्स को एंप्लॉय किया लेकिन जब वो बिल्डिंग बन गई पूरी तब आपको उस कंपनी की कोई जरूरत नहीं तो आपने उस कंपनी को डिजॉल्ड्रिंग जो चार तरीके आपको बताए हैं वोह चार मेन तरीके हैं आप में से ज्यादातर लोगों को वही चार तरीके काम में आएंगे बस आप इतना जान लीजिए कि अगर आप कॉर्पोरेट फील्ड में डील करना चाहते हैं बड़ी-बड़ी कंपनीज के साथ डील करना चाहते हैं तो प्राइवेट लिमिटेड ही प्रेफर बल तरीका होता है और अगर आप अपना ही एक छोटा सा बिजनेस रखना चाहते हैं ज्यादा रेगुलेशंस में नहीं पढना चाहते तो प्रोप्रेस एक अच्छा तरीका

है चलिए दोस्तों अब आपने कंपनी रजिस्ट्रेशन करवा ली है और अब नेक्स्ट स्टेप है कि आपको अलग-अलग टाइप की टैक्स रजिस्ट्रेशंस करवानी है जीएसटी रजिस्ट्रेशन इसमें नंबर वन पे है अगर आपकी कंपनी का टर्नओवर 20 लाख से ऊपर है एक साल में तो आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवानी पड़ेगी कुछ नॉर्थ की स्टेट्स में मिनिमम अमाउंट 10 लाख का है और आपको तब भी करवानी पड़ेगी जीएसटी रजिस्ट्रेशन अगर आप इंपोर्ट एक्सपोर्ट में बिजनेस करते हैं या फिर स्टेट्स के बीच में हो रहे इंपोर्ट एक्सपोर्ट में बिजनेस करते हैं या फिर ई-कॉमर्स से रिलेटेड बिजनेस करते हैं तो

है चलिए दोस्तों अब आपने कंपनी रजिस्ट्रेशन करवा ली है और अब नेक्स्ट स्टेप है कि आपको अलग-अलग टाइप की टैक्स रजिस्ट्रेशंस करवानी है जीएसटी रजिस्ट्रेशन इसमें नंबर वन पे है अगर आपकी कंपनी का टर्नओवर 20 लाख से ऊपर है एक साल में तो आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवानी पड़ेगी कुछ नॉर्थ की स्टेट्स में मिनिमम अमाउंट 10 लाख का है और आपको तब भी करवानी पड़ेगी जीएसटी रजिस्ट्रेशन अगर आप इंपोर्ट एक्सपोर्ट में बिजनेस करते हैं या फिर स्टेट्स के बीच में हो रहे इंपोर्ट एक्सपोर्ट में बिजनेस करते हैं या फिर ई-कॉमर्स से रिलेटेड बिजनेस करते हैं तो

अगर आप इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस करते हैं तो आपको इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड रजिस्ट्रेशन भी करवानी पड़ेगी कुछ स्टेट्स में एक अलग टाइप का टैक्स है जिसका नाम है प्रोफेशनल टैक्स रजिस्ट्रेशन जो कि आपको करवानी पड़ेगी अगर आप उन कुछ स्टेट्स में रहते हैं तो अगर आपकी कंपनी में 10 से ज्यादा एंप्लॉयज हैं तो आपको एंप्लॉई स्टेट इंश्योरेंस रजिस्ट्रेशन करवानी पड़ेगी और अगर आपकी कंपनी में 20 से ज्यादा एंप्लॉयज हैं तो आपको प्रोविडेंट फंड रजिस्ट्रेशन भी करवानी पड़ेगी एक ऑप्शनल रजिस्ट्रेशन है जिसका नाम है एमएसएमई माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम

अगर आप इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस करते हैं तो आपको इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड रजिस्ट्रेशन भी करवानी पड़ेगी कुछ स्टेट्स में एक अलग टाइप का टैक्स है जिसका नाम है प्रोफेशनल टैक्स रजिस्ट्रेशन जो कि आपको करवानी पड़ेगी अगर आप उन कुछ स्टेट्स में रहते हैं तो अगर आपकी कंपनी में 10 से ज्यादा एंप्लॉयज हैं तो आपको एंप्लॉई स्टेट इंश्योरेंस रजिस्ट्रेशन करवानी पड़ेगी और अगर आपकी कंपनी में 20 से ज्यादा एंप्लॉयज हैं तो आपको प्रोविडेंट फंड रजिस्ट्रेशन भी करवानी पड़ेगी एक ऑप्शनल रजिस्ट्रेशन है जिसका नाम है एमएसएमई माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम

एंटरप्राइज रजिस्ट्रेशन यह करवाना जरूरी तो नहीं है लेकिन अगर आप करवा लोगे तो आपको काफी सारे फायदे मिलेंगे आपको बैंक से लोन मिलना आसान हो जाएगा आपको टैक्स सब्सिडीज मिलेंगी थोड़ी आपको एग्मन स्कीम्स मिलेंगी और काफी सारे फायदे मिलेंगे तो करवा लोगे तो ही बेहतर रहोगे एक आखिरी स्टेप के तौर प दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा कि कुछ चीजें होती हैं जो हर साल एक बिजनेस को करनी पड़ती है इन्हें कहते हैं ईयरली मैंडेटरी कंप्लायंसेज सबसे पहली चीज है इनकम टैक्स रिटर्न हर एक बिजनेस को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पड़ता है साल के एंड में दूसरी

चीज है अकाउंटिंग ये एक बहुत ही इंपॉर्टेंट चीज है जो आपको कर नहीं होती है और मैं कहूंगा आपको ढंग से करनी चाहिए एक बैलेंस शीट होती है जिसमें आपका सारा प्रॉफिट लॉस कहां खर्चा हुआ है कहां से पैसे आए हैं कितने आए हैं इन सबकी एक बहुत ढंग से बैलेंस शीट मेंटेन करके रखनी होती है या तो आप इसके लिए अकाउंटेंट को हायर कर सकते हैं या फिर आप अगर एक छोटी कंपनी है आपकी तो ये काम आप खुद ही कर सकते हैं जीएसटी के लिए अगर आप रजिस्टर्ड हैं तो आपको जीएसटी रिटर्न फाइल करना होता है मंथली और क्वार्टरली कंप्लायंसेज होती हैं इसमें एक सेक्रेटेरियल कंप्लायंस है जो

आपको करनी ही पड़ेगी अगर आपकी कंपनी ओपीसी एलएलपी या फिर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है तो और स्टैचूट ऑडिट एक ऐसी चीज है आपको करनी होगी अगर आपकी कंपनी ओपीसी है या फिर एक एलएलपी है जिसका ईयरली टर्नओवर 40 लाख से या उससे ज्यादा है और इन सारी ईयरली कंप्लायंसेज प भी आ speed.com आपकी मदद कर सकती [संगीत] है तो दोस्तों अब आप तैयार हो एक एंटरप्रेन्योर बनने के लिए और अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट करने के लिए वीडियो के एंड में अब मैं फाइनली कुछ आपको टिप्स देना चाहूंगा अपने पर्सनल एक्सपीरियंस से क्योंकि कहीं ना कहीं मैं भी एक एंटरप्रेन्योर हूं कह ही सकते हो

youtube1 टिप रहेगी यहां पे कि आप हमेशा सोचिए किस तरह से आप वैल्यू दे सकते हैं लोगों को कस्टमर को वैल्यू देना क्लाइंट को वैल्यू देना या फिर लोगों को वैल्यू देना सोसाइटी को या दुनिया को वैल्यू देना एग्जांपल के तौर पे बोलूं तो जगदीश अपनी वेबसाइट आ speed.com से वैल्यू देते हैं अपनी सर्विसेस के थ्रू वो बिजनेस रिलेटेड काम जो आपको करवा के देते हैं उस तरह से आपको वैल्यू मिल रही है उनसे मैं आपको वैल्यू देता हूं अपनी नॉलेज के थ्रू जो नॉलेज आप करते हैं मेरे वीडियोस को देखकर एक पकोड़े वाला आपको वैल्यू देता है अपने पकड़ो से कितने टेस्टी लगते हैं आपको उसके

पकोड़े और कितना मजा आता है उनको खाने में तो देखिए सारे बिजनेस कहीं ना कहीं किसी तरह से वैल्यू देते हैं और अगर आप वैल्यू पे फोकस करेंगे तो आपका बिजनेस हमेशा अच्छा चलेगा और कहीं ना कहीं मुझे लगता है वैल्यू तभी खुल के दी जा सकती है जब आपको काम करने में मजा आता हो तो वही बिजनेस कीजिए जिसमें आपका इंटरेस्ट हो ऐसा काम कीजिए जिसमें आपको काम करने में मजा आता हो और लास्टली ऐसा बिजनेस करने का भी कोई फायदा नहीं है जो एक अनसस्टेनेबल तरीके से चले किसी चीज की डिस्ट्रक्शन हो उस बिजनेस के ऑपरेट होने से इसका एक एग्जांपल मैं दूंगा जैसे अडानी का बिजनेस है वो

ऑस्ट्रेलिया में ग्रेट बैरियर रीफ पे कोल माइन बना रहा था जिससे कि वहां की जो नेचुरल इकोलॉजी है वो पूरी तरह से खत्म हो जाती इस बिजनेस करने का क्या फायदा हुआ वो किसको वैल्यू मिल रही है इससे कहने को तो वो कह रहा है कि हम जॉब देंगे इस कोल माइन की वजह से इसकी वजह से और बिजली प्रोड्यूस होगी लेकिन दूसरी तरफ जो इतना डिस्ट्रक्शन हो रहा है इसकी वजह से उसकी वजह से इसकी कंपनी को कौन पसंद करेगा इसकी कोई रिस्पेक्ट नहीं रह जाएगी ऐसे आदमी की तो ऐसे बिजनेस से भी दूर ही रहिए तो उम्मीद है दोस्तों आपको इस वीडियो से काफी कुछ जानने को मिला होगा काफी कुछ सीखने को मिला होगा और काफी सारी वैल्यू मिली होगी अगर आपको ये जो वैल्यू मिली है पसंद आई तो आप मुझे डोनेट कर सकते हैं patreon.com राठी पे क्योंकि वही मेरा बिजनेस मॉडल है इस वीडियो को शेयर कीजिए और हम मिलेंगे अगले वीडियो में धन्यवाद

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