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खुद को बदलो 6 Month में। Guidance by Avadh Ojha Sir

जिसका मन अंधकार में है वो पर्न देख रहे हैं जिसका मन अंधकार में है वह हस्त मैथुन कर रहे हैं इतना एडिक्ट हो जाएगा उसको छोड़ ही नहीं पाएगा लड़का लड़के से शादी करना चाहता है करने दो खुशी मिल रही है हा करने दो और भारत में 95 प्र युवा डिप्रेशन में कर रहे हैं [संगीत] [संगीत] मानव इंद्रियों पर जी रहा है सेंसेस पर और जो भी सेंसेस पर जी रहे हैं वह दुखी है जो भी सेंसेस पर जी रहे हैं वो दुखी है उसकी वजह य है मन और सेंस मन और इंद्रिया अंधी

खुद को बदलो 6 Month में। Guidance by Avadh Ojha Sir

है कभी भरती ही नहीं एक बड़ा फेमस खलीफा हुआ इब्राहिम बहुत फेमस इब्राहिम उसके समय में एक बहुत फेमस सूफी सं थे जुनैद मुसलमानों को अपने सूफियों के इतिहास पर एक बार जाना चाहिए इस्लाम जो भी फैला वो सूफियों की वजह से फैला सिर्फ सूफी जो सूफियों का इस्लाम है वह यही परिवर्तन वाला इस्लाम है काफिर से मुसलमान साधना का इस्लाम है तपस्या का इस्लाम है क्योंकि बिना तपस्या के बिना तापमान के कुछ भी बदलेगा ही नहीं मेरे बड़े सारे मित्र हैं खुश है वो कि जन्नत जा रहे हैं मैं भी खुश हूं कि अच्छी बात है यार जा रहे हो तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती तो

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जल्दी चले आओ जब जन्नत में इतनी सारी सुविधाएं हैं तो यहां क्या कर रहे हो आपको पता है कि आपका फाइनल घर फला जगह वहा सारी सुविधाए जाओ ऐसे कोई नहीं पहुंचता जन्नत बहुत तपस्या करनी पड़ती साधना करनी पड़ती उसकी तो इब्राहिम जुनैद के पास गया कहा गुरुजी आप झोपड़ी में रहते हो मस्त रहते हो और मैं महल में रहता हूं और दुखी रहता हूं कैसे बोले यार जवाब तो मैं तुम्हें दे दूं लेकिन शर्त [संगीत] है पुरोहित यजमान से कभी शर्त नहीं रखता क्योंकि माया लेता है ना लेकिन संत यजमान के सामने शर्त रखते हैं शर्त है इब्राहिम ने कहा मान ली शर्त बताओ क्या

शर्त है बोले कल सुबह आ जाना एक जगह चलेंगे लेकिन जो भी मैं तुमसे करने के लिए कहूंगा करते रहना क्रॉस क्वेश्चन मत करना इब्राहिम ने कहा जी नहीं करूंगा दूसरे दिन इब्राहिम पहुंचा जुनैद लेकर उसको एक कुए पर गए और कुए में के पास एक बाल्टी रखी थी उस बाल्टी में बेस नहीं था पेंदा नहीं था नीचे से खाली थी और एक बाल्टी कुए पर लटकी हुई थी रस्सी के साथ तो जुनैद ने कहा कहा ये दूसरी ली बाल्टी [संगीत] भरो अब इब्राहिम चक वादा कर चुका था क्रॉस क्वेश्चन नहीं करेगा उसने कहा अच्छा गुरु जी कह रहे तो कुछ मतलब ही होगा तो उसने उठा उठा के बाल्टी भर के उस बिना

पेंदे की बाल्टी में डालना शुरू किया और जैसे पानी डाले सब बह जाए जैसे पानी डाले सब बह जाए ऐसे करीब आधा घंटा चला और तब इब्राहिम ने कहा कहानी को ध्यान से सुनिए ये हमारी आपकी कहानी है हम आप भी इस बिना पेंदे की बाल्टी यानी मन को भरने की कोशिश कर रहे हैं आधे घंटे बाद इब्राहिम ने कहा कि सरकार य बाल्टी तो कभी भरेगी ही नहीं अरे बोले जाहिल यही बात तुम्हें सिखाना चाहता हूं कि यह जो मन और इंद्रियों रूपी बाल्टी भरना चाहते हो यह कभी नहीं भरेगी इसीलिए जो भी आदमी इंद्रियों पर जी रहा है धन चाहे जितना रखे [संगीत] हो धन चाहे जितना रखे हो परेशान जरूर है

क्योंकि वह बिना पेंदे वाली बाल्टी को भरने का प्रयास कर रहा है दूसरी तरफ चैतन्य कॉन्शियस इसका स्वरूप है सत सत्य नहीं सत सत चित आनंद तो यहां आप कबीर को देखोगे मस्त लेकिन यहां यहां राकेश झुनझुनवाला जी को देखोगे परेशान बीमार तो बिचारे रहे नहीं कई सारी बीमारियों से ग्रसित 4 हज करोड़ के मालिक आकाश एयरलाइंस चलाया मरने से पहले क्या क्या बात है परमानंद इस परिवर्तन इस यात्रा का सूत्र

सारे धर्मों ने दिया है बाइबल ने दिया कुरान ने दिया वेद ने दिया गीता ने दिया आदि ग्रंथ ने दिया जागृत पुरुषों द्वारा यह कहे गए इसलिए इनको वेद कहा गया कि चैतन्य ने कहा इसे तो बदलना तो सबको है आज नहीं तो कल और इसकी शुरुआत होगी ध्यान से बस पाच मिनट आंख बंद करके बैठो मैंने पिछली बार बताया ध्यान क्या ध्यान क्या है दर्पण है किसको देखने का मन को देखने ध्यान क्यों मन को जागृत करने का रोशनी मन की जो रोशनी उसको जलाना क्या नाम है उस रोशनी का मन की उस रोशनी का क्या नाम है उसका नाम है विवेक मन की जो रोशनी है उसका नाम है विवेक अब जितने लोग इस रोशनी से विहीन है

अब एक मन जो ध्यान नहीं करता और अंधकार में है कभी-कभी और एक मन जो ध्यान करता है और उसका विवेक जागृत हो चुका है उसकी रोशनी जल चुकी है कभी-कभी ईश्वरीय कृपा से जल रही होती है बीरबल लेकिन बहुसंख्यक इतने सौभाग्यशाली नहीं है तो जिनका मन अंधकार में है वो गुटका खा रहे हैं जिसका मन अंधकार में है वह पर्ण देख रहे हैं जिसका मन अंधकार में है वो हस्त मैथुन कर रहे हैं औरक क पश्चिम के मानवतावाद कहता है कि जो मानव को खुशी दे उसे करना चाहिए पश्चिम आज मानवतावाद पर जी रहा ह्यूमिज म पर लड़का लड़के से शादी करना चाहता है करने दो खुशी मिल रही है हा करने

दो लड़की लड़की शादी करने दो लड़का गधे गधी शादी करने दो लड़की चिंपांजी करने दो मानवतावाद आज उसी सिद्धांत को भारत में आरोपित करने की कोशिश की जा रही है वहां की डेमोग्राफी अलग है वहां की पॉपुलेशन अलग है वहां की अर्थव्यवस्था अलग है वीर बीज वीर यानी बीज अब गाय का गोबर है वो तो फेंक दोगे गाय का मूत्र है वो तो फेंक दोगे पना फेंक दोगे मल मूत्र पसीना फेंक दोगे क्योंकि य तो वेस्ट है बीज कौन फेंकता है और कहीं भी फेंको ग वीर यानी बीज और भारत में 595 प्र युवा डिप्रेशन में कर रहे

हैं मानवतावाद के लिए पश्चिम के लिए ठीक है ये पश्चिम के लिए बहुत अच्छा है 500 डंड बैठक मारो 50 सूर्य नमस्कार करो और फिर कमाल देखो छ महीने बाद 50 सूर्य नमस्कार शुरुआत छ से करना 50 सूर्य नमस्कार तीन महीने में करना चाहिए कि नहीं पहले दिन से 50 यह सब मसल ससल निकल के बाहर चली जाएगी फिर कभी नहीं कर पाओगे किसी भी चीज को धीरे-धीरे करो सूर्य नमस्कार छ से शुरू करो छ एक महीना छ करो दूसरे महीने 12 करो तीसरे महीने 24 करो एक महीना छ दूसरे महीने 12 तीसरे महीने 24 की बॉडी आपकी ढल जाए उसमें बहुत मेहनत लगती है और चौथे महीने सीधे

50 नाइट फॉल शीघ्र पतन यह पतन यह सारा वीर आपकी बॉडी सोख लेगी इतनी चमक पैदा हो जाएगी इतनी चमक कुसंग यह सब अंधकार मन के लक्षण है बड़े मां-बाप परेशान रहते हैं [संगीत] अंधेरा और जिसका रोशनी जला हुआ है जिसकी रोशनी जला रहा है व विद्या अर्जित कर रहा शिक्षा अर्जित कर रहा है योग कर रहा है ध्यान कर रहा है उपलब्धि ले रहा है जीवन में य डायग्राम बना लो य गुटका खाने से कितना फैट कितना प्रोटीन कितना कार्बोहाइड्रेट

यह कूड़े दान बन जाएगा कूड़े दान बनाया तो मंदिरों पर भी खजुराहो के मंदिर जाओ कंडर या महादेव बाहर चित्र बने हुए काम के अब एक दुखी मन उदास मन परेशान मन वो पर्ण देखेगा कुछ इतना एडिक्ट हो जाएगा उसको छोड़ ही नहीं पाएगा 101 घंटा 1515 घंटा बीत उसको पता ही नहीं चलेगा कैसे मिलेगी इस अंधकार वाले मन को उपलब्धि इसको कोई उपलब्धि मिल सकती है मिलेगी ही नहीं क्योंकि मन उसका अंधकार में है वह निर्णय लेने की क्षमता नहीं है उसके पास आओ मैं सबको निमंत्रित करता हूं छ महीने का एक प्रोग्राम बनाओ सिक्स मंथ्स का जिसको भी अपना जीवन बदलना है 6 महीने

का एक प्रोग्राम बनाओ सिक्स मंथ्स का और ध्यान और योग से जीवन को परिवर्तित करने की शुरुआत करो आओ छ महीना कुछ नहीं होता कईयों का 20 साल का जीवन बीत गया 25 साल का जीवन बीत गया 30 साल का जीवन बीत गया 50 बीत गया कोई बात नहीं आओ मरने से एक दिन पहले अगर तुमने सही शुरुआत कर दी अगले जन्म में वहीं से शुरुआत करो एक छोटा सा एक्सपेरिमेंट करो सोने से पहले विचार चलाओ अपने मन सोने से पहले और सुबह उठो तो गौर करना पहले विचार कौन से जो रात का अंतिम विचार होगा वह सुबह का पहला विचार होगा एक्सपेरिमेंट कर लो ऐसे ही मृत्यु के समय जो अंतिम विचार होगा व अगले

जन्म के साथ पहला विचार होगा आओ इस मन के अंधकार से बाहर निकले कोई गलत नहीं है इस दुनिया में कोई बुरा नहीं है इस दुनिया में कोई गलत नहीं है इस दुनिया में कोई बुरा नहीं इस दुनिया में कोई शैतान इस दुनिया में कोई खराब नहीं इस दुनिया में बस जिनके जीवन में दो चीज गायब है एक गुरु और एक ध्यान व अंधकार में है हमारे दोस्त है तो अब हमको बुलाते हैं पार्टी हम क जाने दो यार अरे कहते तुम जीवन ही नहीं जी रहे हो हमने कहा तुम जी रहे हो तुम तो जी रहे हो ना पार्टी कर रहे हो दारू पी रहे हो नाच रहे हो तो तुम्हे तो खुश होना चाहिए कि अवा

दोज नहीं जी रहा है क्यों इतनी जबरदस्ती है मुझे अपनी तरफ बुलाने की मैं भी तुम्हें अपनी तरफ बुला रहा हूं आओ आओ ध्यान करो तीन घंटा बैठ के शरीर हिलने नहीं चाहिए तो बहुत से उसमें से दो तीन लोग मुझसे आके पर्सनली कहे यार बहुत िड़ होती है तुमको देख के अब हमारा दिल कहता है कि हम गलत कर रहे हैं तुम देखो जो लोग दारू पीते हैं वह बिना संगत दारू नहीं पी सकते गिल्ट होता है ना अंदर इस किसी काम को ये कुसंग है क्या एक अकेला आदमी किसी को मारने जाएगा उसको दुविधा हो जाएगी लेकिन दो मारने गए तो सुविधा है हर गलत काम अगर समूह में किया जा रहा है तो गिल्ट दूर होता

है इसलिए ज्ञान करने के लिए दूसरे की जरूरत नहीं है कोई गिल्ट ही नहीं है योग करने के लिए दूसरे की जरूरत नहीं है लेकिन हर वो काम जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है उसमें समूह की जरूरत है इससे गिल्ट नहीं होता पश्चाताप नहीं होता तो आओ सब मिलकर इस ध्यान की धारा का शुरुआत करें और पहला उद्देश्य स्वयं का परिवर्तन आज आप हमें सुन रहे हैं और आप में से बहुत सारे लोग कल बदल जाएंगे और कल इस देश को इस कार्यक्रम की वजह से एक लाख अवध ओझा मिल जाएगा और यह एक लाख अवध ओझा इस भारत भूमि की नहीं इस पूरे दुनिया का रेखा चित्र बदल देगा बस यही गुरु महाराज की तरफ से मेरी

सेवा है एक लाख एक अरब 50 करोड़ का देश उसमें सिर्फ एक लाख चाहिए कोई आईएस के रूप में कोई पीसीएस के रूप में कोई डॉक्टर के रूप में कोई इंजीनियर के रूप में कोई नेता के रूप में किसी भी रूप में किसी भी रूप में आप कल आईएस बन जाए फिर भी आप इसे जारी रखें आप कल नेता बन जाए फिर भी आप इसे जारी जो आप बदले हैं जब आपके अंदर बदलाव शुरू हो तो जब आप बदले तो इस बदलाव की धारा को आगे बढ़ाए और फिर एक दिन गंगा गंगोत्री से गंगा सागर तक जरूर पहुंचे

सेवा है एक लाख एक अरब 50 करोड़ का देश उसमें सिर्फ एक लाख चाहिए कोई आईएस के रूप में कोई पीसीएस के रूप में कोई डॉक्टर के रूप में कोई इंजीनियर के रूप में कोई नेता के रूप में किसी भी रूप में किसी भी रूप में आप कल आईएस बन जाए फिर भी आप इसे जारी रखें आप कल नेता बन जाए फिर भी आप इसे जारी जो आप बदले हैं जब आपके अंदर बदलाव शुरू हो तो जब आप बदले तो इस बदलाव की धारा को आगे बढ़ाए और फिर एक दिन गंगा गंगोत्री से गंगा सागर तक जरूर पहुंचे

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