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Amazon | Flipkart Sale Fraud | Dark Reality of Online Shopping ! | Arvind Sir | Naiya Paar

यदि आपका सपना भी है सरकारी नौकरी पाना तो डाउनलोड कीजिए नैया पार एप्लीकेशन यहां सभी कॉम्पिटेटिव एग्जाम के लिए लाइव और रिकॉर्डेड लेक्चर अवेलेबल हैं लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में दिया गया यह बात सही है कि आज का युग डिजिटल क्रांति का युग है लेकिन याद रखना यह डिजिटल क्रांति देखते ही देखते डिजिटल गुलामी भी बन सकती है डिजिटल क्रांति और डिजिटल गुलामी में क्या अंतर है मैं दो उदाहरण से समझाता हूं यदि आपका बच्चा मोबाइल में ग और भारत में डिजिटल क्रांति कौन लाया ऐसे ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म amazon2 सुगी इन्होंने भारत की तस्वीर बदल

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दी जब से यह भारत में आए हैं भारत में सकारात्मक रूप से कई सारे परिवर्तन हुए हैं भारत में उन्होंने कई सारे सकारात्मक योगदान दिए हैं इनके आने से नए-नए रोजगार का सृजन हुआ है इनके आने से छोटे-मोटे जो दुकानदार थे उनके वह सपने पूरे उपाय हैं कि वह भारत के कोने-कोने में अपना प्रोडक्ट पहुंचा पा रहे थे अगर यह नहीं होते तो वह किसी कोने में सिमट बैठे होते जब से यह ऑनलाइन प्लेटफार्म आए हमारा जीवन बदल गया है हम लोग लगजरी जीवन जीने लगे हैं आम नागरिकों को ऐसी सुविधाए इनके द्वारा दी गई है कि उन्हें फील होने लगा है कि हम एक विकसित देश में रह रहे हैं तो

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इनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता लेकिन याद रखना है हर सिक्के के दो पहलू होते हैं अगर आपको कहीं बहुत ज्यादा आराम मिल रहा है तो आगे आने वाले समय में आप कष्ट भोगने के लिए तैयार हो जाइए जब यह प्लेटफार्म आए थे तो यह कहा गया था कि छोटे-छोटे दुकानदारों को बहुत फायदा हो होगा क्या सच में ऐसा हुआ है ग्राहकों को बहुत फायदा होगा क्या सच में ऐसा हो रहा है मैं इसी मुद्दे पर आज इस वीडियो में बात करने वाला हूं मैं इन ऑनलाइन प्लेटफार्म का काला सच आपको बताना चाहता हूं दो स्तर पर बात करेंगे पहला इनके आने से दुकानदारों पर क्या प्रभाव पड़ा और

इनके आने से ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ा उदाहरण के तौर पर अन को ही ले लो इसके लोगों को समझो ए से लेकर जड के बीच में यह तीर लगाया है इसका मतलब है ए से जेड के बीच में जितने भी अक्षर हैं उन सभी स् को अन के प्लेटफार्म पर आप प्राप्त कर सकते हैं मालिक है यह अन के भाई की मुस्कान देखो कहीं नजर ना लग जाए यह हंस के नहीं देख रहे हैं यह हम लोगों को देख के हंस रहे हैं कि हम लोग कितने मूरख हैं लग्जरी के चक्कर में बेवकूफी की तरफ बढ़ते जा रहे हैं सबसे पहले दुकानदारों को क्या नुकसान होगा उस चीज के लिए समझिए इस ऑनलाइन ट्रेड को जब भारत में लाया गया तो यह कहा गया था

कि आप इसमें कोई ट्रेड नहीं करेंगे भारत के छोटे मोटे व्यापारी ही इसमें ट्रेड कर पाएंगे इन्होंने स्वीकार कर लिया और भारत के ट्रेडर ने इसमें जाकर अपना खाता भी खुलवा लिया और इसमें लिस्टेड होने लगे रजिस्टर्ड होने लगे तो शुरू में जो रजिस्टर्ड हुए उन्हें फायदा भी हुआ तो बचे हुए जिन्होंने रजिस्ट्री नहीं की थी वो भी इसमें जाकर रजिस्टर्ड होने लगे जब यह प्लेटफॉर्म स्वीकार हो गया सब जगह इसका काम चलने लगा तब इस प्लेटफार्म ने अपना रंग दिखाना शुरू किया अब क्योंकि इनसे तो कहा गया था कि आप कोई भी सामान खुद से नहीं बेचेंगे तब ऐसी कंडीशन में क्या हुआ

फिर इन्होंने पार्टनरशिप करना शुरू किया और पार्टनरशिप की क्लाउड टेल के साथ यह नारायण मूर्ति की कंपनी है फोस वालों की उनके साथ टाई अप किया कि आप इस प्रोडक्ट को मेरे प्लेटफार्म पर भेजिए हम आपकी कंपनी को प्रमोट करेंगे तो इन लोगों की पार्टनर ही हुई जो भी प्रॉफिट शेयर हुआ होगा वो हुआ होगा और यह जो क्लाउड टेल कंपनी है इनकी पार्टनरशिप हुई है आज amazon2 पर अकेले यह वाली कंपनी होल्ड करती है और बचा हुआ जो 15 से 20 पर है वो एियो नाम की कंपनी है जो टाई अप किया हुआ है तो 10 लाख में से लगभग 95 लाख से भी ज्यादा छोटे-मोटे जो दुकानें

जुड़ी हुई हैं उनको कोई ज्यादा लाभ नहीं हो रहा है जिनको लाभ हो रहा है वो लाभ लेके निकलते चले जा रहे हैं तो पहला नुकसान छोटे दुकानदारों को यह हुआ है कि क्लाउड टेल एओ जैसी बड़ी कंपनी जो कि अन के द्वारा टाई अप हैं वो अपने ही सामान को प्रोड्यूस करवा रही हैं और इसके अलावा प्रोडक्ट की कॉपी भी करवा रहे हैं पता नहीं प्रतियोगिता आयोग कहां सोया हुआ है इससे छोटे-मोटे दुकानदारों को बहुत नुकसान हो रहा है तो पहला नुकसान आपको समझ में आया दूसरा नुकसान यह है कि जब कोई सेलर इस पहले पैसा फिजिकली रूप में होता था तो चोर तिजोरी तोड़ते थे कम से कम आवाज तो आती थी

आज तो पूरा पैसा हमारा बैंक में रखा हुआ है तिजड़ी टूटने की आवाज भी नहीं आएगी सुबह बैंक अकाउंट खाली होगा बस दिल टूटने की आवाज आएगी और एक एंबुलेंस सायरन की आवाज आएगी कि फलाने को हार्ट अटैक आ गया उसका अकाउंट जीरो हो गया यही आज वर्तमान की स्थिति है तो जिन सुविधाओं को लेकर हम बहुत खुश हो रहे हैं भविष्य में वो सुविधाएं हमारे लिए बहुत खतरनाक हो सकती हैं क्योंकि हमें टेक्निकली उतना नॉलेज नहीं है जो शिक्षा हमको दी जा रही है उसमें हमें पहले टेक्निकली बहुत मजबूत होना होगा नहीं तो ये साइबर फ्रॉड हमारी जान ले लेंगे और छोटे-मोटे दुकानदार तो

इसमें बहुत बड़े शिकार हो रहे हैं उनकी शिकायतों को रजिस्टर्ड भी नहीं किया जा रहा है तो हमें मालूम भी नहीं चल रहा है कि कितना फ्रॉड हो रहा है जैसे भारत में बलात्कार का उदाहरण जो रजिस्टर्ड हुआ वही तो आता है अखबार में जो नहीं हुआ है वो कहां आया अब छोटे-मोटे लोगों के केस रजिस्टर्ड तो होते नहीं है इन दुकानदारों को कौन सकेगा तो लगता ही नहीं कि फ्रॉड हुआ है फ्रॉड तो जो बड़े होते हैं वो सामने आ रहे हैं जो छोटे-मोटे फ्रॉड हैं वो तो हो ही रहे हैं तो एक तो ये दुकानदार ार के साथ फ्रॉड हुआ है आप इस चीज को समझ चुके होंगे अब आते हैं दूसरे मुद्दे पर कि

दुकानदारों को तो चूना कैसे लगा रहा है हमें समझ में आ गया ग्राहकों को अमेजन किस प्रकार से ठगरा है इस पर भी चर्चा करते हैं पर चर्चा करने से पहले एक प्रश्न आपके जहन में आ रहा है उसको डिस्कस कर लेते हैं कि आखिरकार ऐसी हमारी मजबूरी क्या है कि हमें अमेजन की तरफ जाना पड़ रहा है तो ध्यान से समझिए तो आप समझ पाएंगे कि भारत की जो आज की पीढ़ी है वो रील्स और पबज देखते देखते आलसी हो गई है पहले लोग बाजार जा आ या करते थे आज के बच्चे नीचे जाना ही नहीं चाहते हैं बाजार से शॉपिंग करना ही नहीं चाहते हैं वह चाहते हैं कि सामान हमारे घर चलकर खुद आ जाए उन्होंने ही बोला

है इसीलिए इस प्रकार की कंपनियां आज घर तक हमारे सामान को डिलीवर कर रही हैं दूसरा पहले लोगों की जेब में उतना पैसा नहीं हुआ करता था क्रेडिट कार्ड का कांसेप्ट नहीं था आसानी से लोन नहीं मिलते थे तो मजबूरी हुआ करती थी कि मोहल्ले के किराने से ही हमको सामान लेना पड़ता था क्योंकि वहां हमारे उधार खाता चल जाता था अब अचानक से क्रेडिट कार्ड आ गया विभिन्न प्रकार के एप्लीकेशन आ गए जो हमें रातों रात लोन दे सकते हैं तो फिर हमें पड़ोसी के किराने की आवश्यकता नहीं पड़ी तीसरा किराने इसलिए भी खत्म हो गए क्योंकि बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल

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