अधूरे मंदिर का उद्घाटन गलत | Modi पर भारी पड़े 4 शंकराचार्य | Analysis by Pragya Mishra
चारों शंकराचार्य वहां पर नहीं जा रहे हैं नमस्कार दोस्तों नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अधूरे राम मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं जिस देश में जिस सनातन धर्म में खंडित मूर्ति तक मंदिर में नहीं रखी जाती है जिस देश में जिस धर्म में अधूरे बने घर में गृह प्रवेश तक नहीं होता है वहां मोदी जी अधूरे अद बने मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं और सिर्फ उद्घाटन ही नहीं भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने जा रहे हैं आखिर मोदी को किस बात की इतनी जल्दी है कि मंदिर बन जाने का भी इंतजार नहीं किया जा रहा है राजा को मंदिर के उद्घाटन में किस बात की जल्दी है कि अधूरे
(00:42) मंदिर का उद्घाटन करने के लिए जा रहे हैं किस बात की इतनी जल्दी है कि मोदी राम नवमी तक के लिए भी नहीं रुक पा रहे हैं देखिए 17 अप्रैल को रामनवमी है किस बात की इतनी जल्दी है कि मोदी 17 अप्रैल तक कभी सब्र नहीं रख पा रहे जब इतनी अधीरता है जब जब इतनी जल्दी है जब इतना उतावलापन है जब इतना भी सब्र नहीं है तो फिर दाल में कुछ तो काला है दाल में काला यह है दोस्तों कि देश में अप्रैल महीने में चुनाव होने हैं और फरवरी के आखिर तक लग जाएगी आचार संहिता जी हां और आचार संहिता लग जाने के बाद कोई राजनीतिक व्यक्ति मंदिर तो बहुत दूर की
(01:23) बात है मंदिर छोड़ दीजिए सड़क तक कभी उद्घाटन नहीं कर पाएंगे और मोदी जी इसीलिए बेचैन है मोदी पानी की मछली की तरह तड़प रहे हैं क्योंकि आचार संहिता लगने के बाद मंदिर अगर उद्घाटन उसका हुआ तो मोदी मंदिर का उद्घाटन करने की रेस से बाहर हो जाएंगे तब किसी धर्म गुरु को ही इसका उद्घाटन करना पड़ेगा मोदी यही तो नहीं चाहते हैं क्योंकि हमारे देश के प्रधानमंत्री की छपा की प्यास बहुत बड़ी है छपा से भी बड़ी साजिश मंदिर का पॉलिटिकल लाभ लेने की है और इसीलिए मोदी ने सारे शंकराचार्य को सारे धर्म गुरुओं को किनारे करके मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए खुद को चुन लिया
(02:03) है और इसीलिए मोदी को विष्णु का अवतार बताने वाले मोदी के भक्त चंपत राय ने सनातन धर्म को भी बांट दिया है मोदी के सामने कोई आवाज बड़ी ना होने पाए इसलिए बात-बात पर हिंदू हिंदू करने वाले बीजेपी ने चारों शंकराचार्य को दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल कर फेंका है और बिल्कुल सीधा कह दिया है कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर शैव और सन्यासियों का कोई अधिकार नहीं है कि रामानंद जो संप्रदाय उसका अगर यह मंदिर है तो चंपत राय वहां पर क्यों है वहां पर और दूसरे लोग क्यों हैं फिर ये लोग हट और हट करके रामानंद संप्रदाय को सौंपे प्रतिष्ठा के
(02:37) पहले सौंप दें रामानंद संप्रदाय के लोग ही वहां प्रतिष्ठा करेंगे हमें मंजूर है हम एंटी मोदी नहीं है लेकिन हम एंटी धर्मशास्त्र भी नहीं होना चाहते अब आप सोचिए पहले भारतीय जनता पार्टी ने लोगों को हिंदू और मुसलमान के नाम पर बांटा और अब अपने फायदे के लिए सनातन को बांट रही है मोदी की जय जयकार के लिए हिंदू धर्म गुरुओं को ही अपमानित किया जा रहा है शंकराचार्य से यह बोला जा रहा है कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर उनका कोई अधिकार ही नहीं है इसी सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने पूछ लिया कि जब हमारा कोई अधिकार नहीं है तो फिर चंदा क्यों ले लिया
(03:10) तब भी कहते हैं कि हम आपसे चंदा नहीं लेंगे चंदा ले रहे थे उस समय क्यों नहीं य घोषित किया कि रामानंद संप्रदाय का मंदिर है रामानंद संप्रदाय के लोग देते उस समय तो आपने पूरे देश के सनातन धर्मिस समय हम लोगों से भी चंदा लिया जब शंकराचार्य जी का मंदिर नहीं है तो शंकराचार्य से चंदा क्यों स्वीकार किया आपने मोदी को इसी बात की जल्दी है कि अधूरे मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कर ने जा रहे हैं पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण देश के चारों शंकराचार्य राम मंदिर उद्घाटन का विरोध कर रहे हैं गोवर्धन पीठ के मतलब पूर्वी भारत के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद कहते हैं
(03:42) कि मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तो क्या मैं वहां पर ताली बजाऊंगा जोशी मठ से उत्तर भारत के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद कहते हैं कि अगर राम मंदिर से हमें दूर रखा जा रहा है तो फिर हमसे चंदा क्यों लिया गया हम मंदिर उद्घाटन में नहीं जाएंगे दक्षिण भारत के श शंकराचार्य भारतीय कृष्ण भी अयोध्या नहीं जाएंगे गलत समय पर और गलत व्यक्ति के हाथों हो रहे राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम का यह सब विरोध कर रहे हैं पश्चिम भारत से भी द्वारका पीठ के शंकराचार्य सदानंद महाराज भी मोदी के हाथों ने जा रहे राम मंदिर के उद्घाटन का बहिष्कार कर रहे हैं
(04:18) तो कुल मिलाकर दोस्तों चारों शंकराचार्य राम मंदिर का गलत समय पर और गलत व्यक्ति के हाथों उद्घाटन होने का विरोध कर रहे हैं लेकिन मोदी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता भारतीय जनता पार्टी को राम मंदिर से वोट चाहिए आस्था का इस्तेमाल 20224 में होगा पूछने वाले पूछ रहे हैं कि देश के शंकराचार्य बड़े हैं या मोदी बड़े हैं चलते हैं नमस्कार
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